- क्या प्लास्टिक का उपयोग करना चाहिए? - प्लास्टिक मानव जाति के लिए वरदान है या अभिशाप? - लोगों को कहते सुना है कि प्लास्टिक का उपयोग शुरू में तो फायदेमंद लगता है लेकिन लॉन्ग-गो में नुकसान करता है.आदि... आदि...
देखिए, विशेषज्ञ भी इन सबके उत्तर देने में उतनी ही सावधनियां बरतते हैं जितना कोई काउंसलिंग करने वाला ‘प्रेम के मारे’ को हिदायत देने में बरतता है. इसलिए हम आपको सबसे पहले सबसे महत्वपूर्ण बात बता देते हैं. वो ये कि हम यहां पर आपको बताएंगे कि कौन से प्लास्टिक खतरनाक हैं, मगर हम आपको ये नहीं बताएंगे कि कौन से प्लास्टिक खतरनाक नहीं हैं.
यानी ये बात तो निश्चित होकर बताई जा सकती है कि अमुक-अमुक तरीके के प्लास्टिक यूज़ नहीं करना है, लेकिन ये कभी कोई निश्चित तौर पर नहीं बता सकता कि अमुक-अमुक तरीके के प्लास्टिक्स से कोई खतरा नहीं.
और यदि ये पता भी चल जाए कि फलां प्लास्टिक हानिकारक नहीं है तो भी उससे बनी वस्तु, डिब्बे या कंटेनर में कई ऐसे अन्य तत्व मिले हो सकते हैं जो अन्यथा टॉक्सिक हों.
तो, अव्वल तो प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम किया जाना चाहिए, क्यूंकि इसके बहुत शॉर्ट-टर्म में बहुत छोटे-छोटे फायदे हैं, किंतु लॉन्ग-टर्म में बड़े-बड़े नुकसान.लेकिन फिर भी करना ज़रूरी ही है तो एक बार प्लास्टिक्स के बारे में बेसिक जानकारी प्राप्त कर लीजिए. उतनी जानकारी जितनी कि एक आम आदमी को ज़रूरत है.
# रेज़ीन आइडेंटिफिकेशन कोड
प्लास्टिक के डिब्बे, कंटेनर, बाल्टी, बोतल या प्लास्टिक की किसी भी चीज़ पर एक त्रिभुज से घिरा नंबर दिखता है. यही रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड है. ज्यादातर ये बोतल-डिब्बे के नीचे होता है, लेकिन कभी-कभी ये किसी और हिस्से में भी हो सकता है. रेज़ीन मतलब वो राल या पदार्थ जिससे प्लास्टिक बना है (दरअसल प्लास्टिक कई तरह के पदार्थों/रेज़ीन से बन सकता है). और आइडेंटीफिकेशन कोड मतलब पहचान संकेत.शुरुआत में यह कोड इसलिए बनाया गया था, जिससे कि कचरा बीनने वाले या प्लास्टिक को रिसाइकिल करने वाले ये जान सकें कि कौन सा प्लास्टिक किस रेज़ीन से बना है और उसको कैसे रिसाइकिल किया जाए या उसे रिसाइकिल किया भी जा सकता है या नहीं.मगर सोचिए कि बेशक ये कोड प्लास्टिक सॉर्टिंग करने वालों के लिए ही था, फिर भी ये प्लास्टिक में यूज़ किए गए पदार्थों की जानकारी तो देता ही था न. और इसी आधार पर हमें पता चल जाता है कि खतरे वाले रेज़ीन, खतरे वाले प्लास्टिक कौन-कौन से हैं.

रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड (इमेज - Teleman84)
यानी ‘ऑफिशियली’ ये कोड विषाक्तता या सुरक्षा को इंगित नहीं करते हैं.
जहां कोड 1 से 6 तक का हर कोड किसी स्पेसिफिक ‘प्लास्टिक पॉलिमर’ की पुष्टि करता है वहीं कोड 7 एक जनरल श्रेणी है जिसमें वो सभी तरह के प्लास्टिक आ जाते हैं, जो 1 से 6 तक में नहीं आए थे.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 1 (कई जगह PET या PETE भी लिखा हो सकता है)
पॉलीथीन टेरेफेथलेट - (पीईटी या पीईटीई या पॉलिएस्टर)यह ‘प्लास्टिक पॉलिमर’ ज्यादातर कपड़ा उद्योग में यूज़ होता है. इससे बनने वाले कंटेनर में बाहर की ऑक्सीजन अंदर नहीं घुस सकती इसलिए अंदर भोजन खराब होने से बचा रहता है. इस तरह के रेज़ीन या प्लास्टिक पॉलिमर का उपयोग कोल्ड ड्रिंक की बोतलों, जार, ओवन-ट्रे, डिटर्जेंट और क्लीनर कंटेनर आदि में किया जाता है. इसके अलावा लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले, गिटार, पियानो वगैरह की फिनिशिंग के लिए भी इस ‘प्लास्टिक पॉलिमर’ का उपयोग होता है.
यदि इन कंटेनर्स में लंबे समय तक कोई द्रव रखा जाए तो इनमें से एंटीमनी नाम का पदार्थ रिसने लगता है. ये रिसाव तब ज़्यादा बढ़ने लगता है जब कंटेनर किसी गर्म और/या बंद जगह में रखा/रखे हों.
लंबे समय तक एंटीमनी ट्रायऑक्साइड के संपर्क में आने वाले श्रमिकों ने सांस और त्वचा की जलन और महिला श्रमिकों ने मासिक धर्म संबंधी समस्याएं और गर्भपात की बढ़ती दिक्कतों की शिकायतें की हैं.
लेकिन ये सब नुकसान पॉलीथीन टेरेफेथलेट के नहीं है बल्कि उससे रिसने वाले एंटीमनी ट्रायऑक्साइड के हैं और अभी तक ये साबित नहीं हो पाया है कि पॉलीथीन टेरेफेथलेट से इतना एंटीमनी ट्रायऑक्साइड निकलता है कि इंसानों के लिए नुकसानदायक हो.

वर्डिक्ट: रेड
हमें इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. कई लोग पीईटी को अपेक्षाकृत सुरक्षित ‘सिंगल यूज़’ या ‘यूज़ एंड थ्रो’ प्लास्टिक मानते हैं लेकिन रिसर्च कुछ और ही कहती है – इससे थैलेट्स और एंटीमनी का रिसाव खतरनाक हो सकता है. और यदि किसी मजबूरी के चलते कभी यूज़ करते भी हैं तो भी केवल एक बार यूज़ करें और गर्मी से दूर रखें.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 2 (कई जगह HDPE भी लिखा हो सकता है):
उच्च घनत्व वाले पॉलीथीन (एचडीपीई)पॉलीथीन सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ‘प्लास्टिक पॉलीमर’ है क्यूंकि इसको बनाना बहुत आसान है और इसलिए ये बहुत सस्ता भी है. प्लास्टिक बैग (किराना) बनाने, दूध, पानी और जूस के कंटेनर्स बनाने, ब्लीच की बोतलें बनाने से लेकर दवाइयों की बोतलों के बनाने तक में इसका उपयोग होता है.
अपेक्षाकृत स्थिर होने के नाते यह आम तौर पर भोजन और द्रव (पानी वगैरह) के कंटेनर के रूप में एक सुरक्षित प्लास्टिक माना जाता है, हालांकि कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि यह हार्मोनल इश्यू क्रियेट करने वाला पदार्थ - नोनिलफ़ेनॉल स्रावित कर सकता है, विशेषकर सूरज की रोशनी में.

वर्डिक्ट: येल्लो
काफी हद तक सुरक्षित है लेकिन फिर भी कुछ हद तक हार्मोनल इश्यू क्रियेट करने वाले रसायनों को छोड़ने के लिए कुख्यात है.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 3 (कई जगह V या PVC भी लिखा हो सकता है):
पॉलीविनायल क्लोराइड (पीवीसी)पॉलीथीन के बाद यही दुनिया में दूसरा सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला प्लास्टिक रेज़ीन था लेकिन अब इसका इस्तेमाल और निर्माण कम हो गया है. कारण है इसके गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी नेगेटिव इफेक्ट्स. दुखद बात ये है कि इसके निर्माण से डिस्पोज़ल तक पूरी लाईफ साइकिल ही विषाक्त है.
उससे भी दुखद ये कि अपनी कम लागत के चलते यह अब भी कम लोकप्रिय नहीं है.
चाइना से बने या भारत में भी बने सस्ते खिलौनों को देखें. बहुत हद तक संभावना है कि उसमें बने त्रिभुज के भीतर 3 लिखा हो. इसका इस्तेमाल खिलौनों, शैंपू की बोतलों, माउथ वॉश की बोतलों, डिटर्जेंट और क्लीनर की बोतलों, खून की बोतलों, खिड़की के फ्रेम वगैरह में किया जाता था, और अब भी किया जाता है.

वर्डिक्ट: रेड
पीवीसी को सबसे अधिक विषैला प्लास्टिक माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विषाक्त रसायन होते हैं और साथ ही कई प्रकार के अन्य रसायन वायु आदि के संपर्क में आने से बन सकते हैं जैसे कि – शीशा, पारा और भी ढेर सारे. किसी भी कीमत पर इसका उपयोग करने से बचें.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 4(कई जगह LDPE भी लिखा हो सकता है):
कम घनत्व पॉलीथीन (एलडीपीई)पॉलीथीन सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ‘प्लास्टिक पॉलीमर’ है क्यूंकि इसको बनाना बहुत आसान है और इसलिए ये बहुत सस्ता भी है.
उच्च घनत्व पॉलीथीन में भी यही बात थी, बस इतना अंतर है कि एलडीपीई की रासायनिक संरचना इनको अधिक फ्लेक्सिबल और अधिक पतला बनाने में मदद करती है. ब्रेड, किराना, अख़बारों, कूड़े आदि में इसकी पतली फ़िल्म (वर्क – जैसे चांदी का मिठाइयों में) का उपयोग किया जाता है. या तो बाहर के वातावरण को अंदर की चीज़ों से या अंदर की चीज़ों को बाहरी वातावरण से बचाने के लिए. केबल की तारों, पिचका के अंदर का सामान निकाला जा सके ऐसी बोतलों – जैसे कि टोमेटो केचप की बोतल वगैरह में भी इनका उपयोग किया जाता है.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 2 की ही मानिंद, अपेक्षाकृत स्थिर होने के नाते यह आम तौर पर भोजन और द्रव (पानी वगैरह) के कंटेनर के रूप में एक सुरक्षित प्लास्टिक माना जाता है, हालांकि कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि यह हार्मोनल इश्यू क्रियेट करने वाला पदार्थ - नोनिलफ़ेनॉल स्रावित कर सकता है, विशेषकर सूरज की रोशनी में.

वर्डिक्ट: येल्लो
काफी हद तक सुरक्षित है लेकिन फिर भी कुछ हद तक हार्मोनल इश्यू क्रियेट करने वाले रसायनों को छोड़ने के लिए कुख्यात है.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 5 (कई जगह PP भी लिखा हो सकता है):
पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी)पॉलीप्रोपाइलीन का उपयोग पॉलीथीन के समान अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है, लेकिन आम तौर पर पॉलीप्रोपाइलीन अपेक्षाकृत कठोर और अधिक गर्मी प्रतिरोधी होता है. फ़ूड कंटेनर जैसे केचप, दही, कॉटेज पनीर, आदि के कंटेनर के रूप में दवा कंटेनर के रूप में, स्ट्रॉ, बोतल के ढक्कन, बच्चों की बोतलों के रूप में, डिस्पोजेबल डायपर और सैनिटरी पैड लाइनर ने रूप में इनका उपयोग बहुतायत में किया जाता है.
आम तौर पर भोजन और पानी के कंटेनर के उपयोग के लिए इस तरह का प्लास्टिक एक सुरक्षित प्लास्टिक माना जाता है, हालांकि गर्म होने पर या किए जाने पर फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का जोख़िम रहता है.

वर्डिक्ट: येल्लो
काफी हद तक सुरक्षित है लेकिन वैज्ञानिक प्रयोगों के दौरान कुछ योज्य रसायनों का स्राव होता देखा गया है. योज्य रसायन बोले तो, खुद तो ग़ैर-हानिकारक है लेकिन किसी और ग़ैर- हानिकारक पदार्थ से मिलकर एक हानिकारक पदार्थ बना सकती है.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 6 (कई जगह PS भी लिखा हो सकता है)
पॉलिस्टेयरन (पीएस)अंडे के कार्टून, पैकेजिंग, बाइक हेलमेट, डिस्पोजेबल कप और कटोरे, यूज़ एंड थ्रो प्लेट्स वगैरह में यूज़ होने वाला पॉलिस्टेयरन में से स्टेरिन का रिसाव हो सकता है. जो कैंसर का कारण बन सकता है. इसे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए भी एक विषाक्त पदार्थ माना जाता है.

वर्डिक्ट: रेड
पॉलिस्टेयरन से बचें, ये स्टेरीन का रिसाव कर सकता है, जो कि मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए विषाक्त है और कैंसर की संभावना भी बढ़ाता है.
रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 7 (कई जगह O भी लिखा हो सकता है)
अन्य सभी प्लास्टिकइस श्रेणी में कोई स्पेसिफिक प्लास्टिक पदार्थ नहीं आता, बल्कि इसमें ऊपर बताई गई कैटेगरी से बच गए सारे प्लास्टिक्स आ जाते हैं, या फिर कुछ नए डिस्कवर किए गए बायोप्लास्टिक्स, ऊपर बताए गए विभिन्न प्लास्टिक्स में से दो या दो से अधिक का मिश्रण या लेयर्स से बने प्लास्टिक, सारे ही इसी में आते हैं.
वर्डिक्ट – रेड
चूंकि हमें पता ही नहीं होता कि ये प्लास्टिक किस रेज़ीन से बना है, इसलिए कहा ही नहीं जा सकता कि ये प्लास्टिक खतरनाक है या नहीं. लेकिन फिर भी इसे दो कारणों से रेड ज़ोन में रखा जा रहा है. पहला तो इसलिए कि यदि प्लास्टिक्स के मिश्रण में एक भी ‘रेड’ कैटेगरी वाला प्लास्टिक हुआ तो पूरा मिश्रण ‘रेड’ कैटेगरी में आ जाएगा. और दूसरा कारण, जो कि महत्वपूर्ण है, वो ये कि कभी कभी रेज़ीन आइडेंटीफिकेशन कोड # 7 के नीचे PC लिखा रहता है. इसका मतलब होता है कि प्लास्टिक - पॉलीकार्बोनेट है कोई ‘अज्ञात’ प्लास्टिक या ‘कई प्लास्टिकों का मिश्रण’ नहीं. लेकिन अंतर इतना ही है कि पॉलीकार्बोनेट केवल Known Devil बाकी के कोड # 7 वाले प्लास्टिक Unknown Devil.

मतलब अज्ञात न होते हुए भी उतना ही खतरनाक है जितना कोड # 7 के अंतर्गत आने वाले अन्य प्लास्टिक.
पॉलीकार्बोनेट का उपयोग छोटे बच्चों की बोतलें, पानी की बोतलें, तीन और पांच गैलन के बड़े जल भंडारण कंटेनर, कॉम्पैक्ट डिस्क्स, डीवीडी, ब्लू-रे डिस्क्स, प्रयोगशाला उपकरण, गियर्स, स्नोबोर्ड, कार पार्ट्स, सेलफोन, कंप्यूटर आदि बनाने के लिए किया जाता है.
पॉलीकार्बोनेट में से बिस्फेनॉल ए (बीपीए) का स्राव होता है जो कैंसर के खतरे सहित कई प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों के लिए जाना जाता है.
अंतिम वर्डिक्ट: आपने देखा होगा कि ग्रीन कलर किसी को नहीं मिला, यानी ऊपर से सभी पॉलीमर्स में से केवल ‘सीमित उपयोग के लिए’, 2, 4 और 5 ठीक हैं मगर 1, 3, 6 और 7 (पॉलीकार्बोनेट) से तो स्पेसिफिकली बचें.

अंततः कई डब्बों या बोतलों के नीचे नंबर के बदले कुछ और कोड दिए होंगे, हमने सारे नंबर ऊपर शेयर किए हैं ताकि यदि आपको एक से सात तक कोई नंबर न दिखे तो भी आप ठीक ठीक अनुमान लगा सकें.
सुरक्षित रहिए, स्वस्थ रहिए!
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