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अमेरिका के NSA माइकल वाल्ट्ज भारत आने वाले थे, अचानक से यात्रा रोकी, वजह जान लीजिए

अमेरिकी NSA ऑफिस ने कुछ दिन पहले भारत के विदेश मंत्रालय और NSA अजीत डोभाल के ऑफिस को बताया था कि वह फिलहाल दिल्ली की अपनी यात्रा स्थगित कर रहे हैं. वह अब अगले कुछ महीनों में भारत की यात्रा पर आ सकते हैं.

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अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र (NSA) माइकल वाल्ट्ज. (फोटो- AP)

अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र (NSA) माइकल वाल्ट्ज (Michael Waltz) ने अगले हफ्ते होने वाली अपनी भारत यात्रा रोक दी है. द हिंदू की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है. वाल्ट्ज 21 से 23 अप्रैल तक नई दिल्ली आने वाले थे. यहां उन्हें ऑफिशियल बैठकों और विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित एनुअल US-India फोरम में भाग लेना था. कहा जा रहा है कि सिग्नल मैसेजिंग ऐप पर एक ग्रुप चैट में यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले से जुड़ी चैट लीक से मचे बवाल की वजह से यह यात्रा रोक दी गई है. खुद वाल्ट्ज और उनका ऑफिस इस बवाल के केंद्र में है. 

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हिंदू की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि अमेरिकी NSA ऑफिस ने कुछ दिन पहले भारत के विदेश मंत्रालय और NSA अजीत डोभाल के ऑफिस को बताया था कि वह फिलहाल दिल्ली की अपनी यात्रा स्थगित कर रहे हैं. वह अब अगले कुछ महीनों में भारत की यात्रा पर आ सकते हैं. कहा जा रहा है कि वह इंडस-एक्स के अगले एडिशन पर भारत आ सकते हैं. बता दें कि इंडस-एक्स अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट और भारतीय रक्षा मंत्रालय के बीच सहयोग है. यह डिफेंस इनोवेशन और स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजी में शामिल बिजनेस को एक साथ लाता है. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि चूंकि वाल्ट्ज की यात्रा की औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी, इसलिए रद्द करने के कारणों पर टिप्पणी करना मुश्किल होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस भारत-अमेरिका फोरम में वाल्ट्ज की जगह ले सकते हैं. योजना के मुताबिक वाल्ट्ज अपनी यात्रा के दौरान कई अलग-अलग बैठकोें में शिरकत करते. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी शामिल थी. NSA डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिलने का भी प्लान था. 

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अमेरिकी अख़बारों में वाल्ट्ज की स्थिति के बारे में कई अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि “सिग्नलगेट” विवाद के बाद उनकी स्थिति कमज़ोर हो गई है. वाल्ट्ज ने माना था कि उन्होंने सिग्नल ऐप पर एक ग्रुप चैट में यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की योजनाओं वाले ग्रुप में एक पत्रकार को गलती से ऐड किया था. इसकी वजह से यह संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक हो गई.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि वाल्ट्ज ने यूक्रेन, चीन और गाजा से जुड़े अन्य विदेश नीति मुद्दों के लिए कई अन्य ऐसे असुरक्षित सिग्नल चैट बनाए रखे थे. उन्होंने संवेदनशील कम्युनिकेशन के लिए अपने पर्सनल जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल किया था.

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