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भारत में बेधड़क बिक रही पेट की दवा Ranitidine अमेरिका में बैन क्यों है?

Ranitidine दवा एसिडिटी समेत पेट की दूसरी दिक्कतों के लिए खाई जाती है. इसे अलग-अलग ब्रांड नेम से बेचा जाता है.

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माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में भी रैनिटिडिन दवा बैन नहीं होगी

रैनिटिडिन. ये दवा एसिडिटी (Acidity) और सीने में जलन (Heartburn) कम करने के लिए ली जाती है. कई तरह के अल्सर को ठीक करने में भी इसका इस्तेमाल होता है. भारत में अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग ब्रांड नेम से इसे बेचती हैं.

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एसिडिटी होने पर रैनिटिडिन खाई जाती है

लेकिन यही रैनिटिडिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप समेत कई देशों में बैन है. कारण? इस दवा में पाया जाने वाला NDMA. यह एक तरह का केमिकल है. जिसे कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है.

दरअसल, 2019 में कुछ स्टडीज़ सामने आई थीं. इनसे पता चला कि रैनिटिडिन दवा कुछ समय बाद असरदार नहीं रहती और कैंसर फैलाने वाला केमिकल NDMA बना सकती है. इसके बाद, 2020 में अमेरिका के Food And Drug Administration यानी FDA ने रैनिटिडिन का प्रोडक्शन और बिक्री पूरी तरह बैन कर दिए.

हालांकि FDA ने ये भी कहा कि उसने जो सैंपल जांचे, उनमें से ज़्यादातर में NDMA का लेवल हानिकारक नहीं था. अब चूंकि ये नहीं पता होता कि प्रोडक्ट को कैसे और कितने समय के लिए स्टोर किया गया है. इसलिए, जब तक इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक लोगों के लिए इसे उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए.

अमेरिका के बाद कई और देशों ने भी रैनिटिडिन दवा पर बैन लगा दिया.

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कई देशों में रैनिटिडिन दवा के प्रोडक्शन और बिक्री पर बैन लगा है

मगर भारत में इस दवा का प्रोडक्शन या बिक्री बंद करने का कोई प्लान नहीं है. ये जानकारी पिछले दिनों राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दी. उन्होंने कहा कि दवा की मैन्यूफैक्चरिंग, डिस्ट्रीब्यूशन या सेल पर कोई रोक नहीं लगने जा रही है. 

भारत में दवाओं को जांचने और मंज़ूरी देने वाली जो संस्था है, यानी Central Drugs Standard Control Organization, उसने दवा की सुरक्षा को लेकर ज़रूरी कदम उठाए हैं. CDSCO ने रैनिटिडिन दवाओं को जांचा है. साथ ही, जो कंपनियां इसे अलग-अलग ब्रांड नेम से बेचती हैं. उनसे अपने प्रोडक्ट्स की जांच करने को कहा है. ये भी कहा है कि दवा से जुड़े सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए.

वैसे, 2022 में भारत सरकार ने रैनिटिडिन को National List of Essential Medicines यानी आवश्यक दवाओं की सूची से हटा दिया था. इस सूची से हटने का मतलब है कि इस दवा को सरकारी योजनाओं और अस्पतालों में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी.

आमतौर पर इस सूची में ऐसी दवाएं शामिल होती हैं, जिन्हें खूब इस्तेमाल किया जाता है. और जिन्हें बीमारियों के इलाज में बहुत प्रभावी और सुरक्षित माना जाता है. लिस्ट से हटाए जाने के बाद रैनिटिडिन को प्रमुख और आवश्यक नहीं माना जाता. हालांकि इस पर बैन नहीं लगाया गया है.

तो क्या ये दवा आम लोगों के लिए एकदम सेफ है? हमने पूछा डॉक्टर हर्षल आर. साल्वे से.

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डॉ. हर्षल आर. साल्वे, एडिशनल प्रोफेसर, सेंटर फॉर कम्यूनिटी मेडिसिन, एम्स, नई दिल्ली

डॉक्टर हर्षल कहते हैं कि भारत में रैनिटिडिन खूब इस्तेमाल की जाती है. इसका इस्तेमाल एंटासिड के तौर पर किया जाता है. एंटासिड यानी वो दवाएं जो पेट में बनने वाले एसिड को बेअसर कर दें. मगर कई स्टडीज़ में इससे नुकसान होने की बात सामने आई है. फिर भी ये मार्केट में मौजूद है. हमें इसके इस्तेमाल के लिए कड़े नियम बनाने की ज़रूरत है.

हालांकि अगर आप इस दवा का इस्तेमाल करते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें. क्योंकि ये दवा मेडिकल स्टोर में बहुत ही आसानी से मिल जाती है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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