आप रात में सोए. ये सोचकर कि सुबह उठेंगे. फ्रेश फील करेंगे. लेकिन हुआ क्या? थकान तो गई नहीं. ऊपर से शरीर में दर्द और होने लगा. कभी सोचा है कि कई बार सुबह उठते ही शरीर दर्द क्यों करने लगता है? इसका जवाब हमें दिया डॉक्टर भूमेश त्यागी ने.
आराम के लिए सोए, उठे तो शरीर में दर्द, वजह ये है
जब आप गलत प़ॉस्चर में सोते हैं, तो मांसपेशियों पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ता है. इससे उनमें सूजन या अकड़न आ सकती है. जिससे शरीर में दर्द होने लगता है.


डॉक्टर भूमेश कहते हैं कि सुबह उठते ही शरीर में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे गलत पॉस्चर में सोना. जब नींद के दौरान आपके शरीर का पॉस्चर सही नहीं होता. गर्दन या कमर टेढ़ी रहती है, तो मांसपेशियों पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ता है. इससे उनमें सूजन या अकड़न आ सकती है. नतीजा? शरीर में दर्द, ख़ासतौर पर कमर, गर्दन और कंधों में.
गलत पॉस्चर में सोने से नसों पर दबाव पड़ सकता है. इससे शरीर के अलग-अलह हिस्सों में झनझनाहट, सुन्नपन या दर्द हो सकता है.
अगर आपका गद्दा या तकिया बहुत ज़्यादा मुलायम या सख्त है, तो इससे रीढ़ की हड्डी को सही सपोर्ट नहीं मिलता. इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है और शरीर में दर्द हो सकता है.
इसके अलावा, अगर आपके शरीर में पर्याप्त विटामिन D नहीं है, तो शरीर में सूजन, कमज़ोरी और सुबह उठते वक्त दर्द हो सकता है. विटामिन D हड्डियों और मांसपेशियों की मज़बूती के लिए ज़रूरी है.
ऐसा हाइपोथायरॉइडिज़्म की वजह से भी हो सकता है. हाइपोथायरॉइडिज़्म में गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में टी3 और टी4 हॉर्मोन नहीं बनाती. इससे शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है. मेटाबॉलिज़्म यानी हम जो खाना खाते हैं, उसे एनर्जी में बदलने, नए सेल्स बनाने और पुराने को बचाए रखने का पूरा कार्यक्रम. इससे थकान रहती है. साथ ही, मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं. जोड़ों में दर्द और सूजन रहती है. और, शरीर में दर्द होता है.

वहीं, अगर आपको अर्थराइटिस यानी गठिया है तो भी ये दिक्कत हो सकती है. अर्थराइटिस में शरीर के अलग-अलग जोड़ों में सूजन और अकड़न महसूस होती है. बहुत दर्द होता है. अर्थराइटिस का एक अहम लक्षण सुबह के समय जोड़ों में दर्द होना है.
अगर आप रात में ठीक से सोए नहीं हैं या पर्याप्त पानी नहीं पिया है तो भी सुबह शरीर में दर्द हो सकता है. इसलिए अच्छी नींद लें. 7 से 8 घंटे ज़रूर सोएं. खूब पानी पिएं. रोज़ 2 से 3 लीटर.
साथ ही, अपने पॉस्चर का ध्यान रखें. गलत पॉस्चर में न सोएं. अगर बिस्तर पर टेढ़े-मेढ़े सोने की आदत है, तो इसे सुधारें. आपका तकिया और गद्दा भी अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए. सस्ते के चक्कर में अपनी सेहत से समझौता न करें.
अगर शरीर में विटामिन D की कमी है, तो खाने के ज़रिए ये कमी पूरी करें. विटामिन D के लिए दूध, दही, पनीर, छेना, चीज़, मशरूम, रागी, मछली और अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं. डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट भी ले सकते हैं.
अगर थायरॉइड से जुड़ी समस्या है या अर्थराइटिस है. तो अपना सही इलाज कराएं. ज़रूरी दवाएं लें. अगर फिर भी सुबह उठने पर शरीर में दर्द रहता है, तो एक बार डॉक्टर को ज़रूर दिखा लें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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