अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर 9 जुलाई तक के लिए अंतरिम रोक लगाई थी. लेकिन ऐसी उम्मीदें धूमिल होती दिख रही हैं कि भारत-अमेरिका के बीच इस तारीख तक कोई समझौता (India US Trade Deal) हो पाएगा. ये खबर ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है.
अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर नहीं बन रही बात, भारत इन सेक्टर्स पर समझौते को तैयार नहीं
भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से जानकारी आई है कि डेयरी सेक्टर पर समझौते के मामले में वो किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे. आखिर India-US Trade Deal में बात फंस कहां रही है? क्या होगा यदि दोनों देशों के बीच समझौता नहीं हो पाया?

शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने डेयरी सेक्टर पर कोई भी समझौता करने से इनकार कर दिया है. ये सेक्टर देश में 8 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है. इनमें से अधिकांश छोटे किसान हैं. एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने इंडिया टुडे ग्रुप को बताया, ‘डेयरी पर रियायत देने का कोई सवाल ही नहीं है. ये एक रेड लाइन है.’
ट्रेड डील पर बातचीत के लिए भारत का एक प्रतिनिधिमंडल 26 जून से अमेरिका में है. इसकी अध्यक्षता विशेष सचिव राजेश अग्रवाल कर रहे हैं. पहले ये दौरा 2 दिनों के लिए ही तय था. लेकिन जब बात नहीं बन पाई तो इसे आगे बढ़ा दिया गया. अब इसको एक और दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. 1 जुलाई को इस बातचीत का छठा दिन था. उम्मीद है कि 2 जुलाई को भी ये चर्चा जारी रहेगी, जहां विदेश मंत्री एस जयशंकार अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे.
इससे पहले 30 जून को एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत और अमेरिका एक जटिल व्यापार वार्ता के बीच में है. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि दोनों देश इस बातचीत को निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए कोई बीच का रास्ता निकालेंगे. उन्होंने कहा,
डॉनल्ड ट्रंप ने क्या कहा?जाहिर है, मेरी उम्मीद यही होगी कि हम इसे सफल निष्कर्ष पर ले जाएंगे. मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता, क्योंकि उस चर्चा में एक और पक्ष भी है. इसमें कुछ पाने के लिए कुछ देना (Give and Take) होगा.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, 1 जुलाई को डॉनल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन में कहा कि अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील हो सकता है. उन्होंने बताया कि इससे अमेरिकी कंपनियों को दक्षिण एशियाई देश में प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी और उसे बहुत कम टैरिफ देना पड़ेगा.
भारत अपने कुछ सेक्टर के लिए रियायत की मांग कर रहा है. जैसे कि टेक्सटाइल और गार्मेंट, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा मछली, तिलहन, अंगूर और केले सहित श्रम-प्रधान क्षेत्र. एक सूत्र ने कहा, ‘इन रियायतों से अमेरिका में किसी भी घरेलू हितों को नुकसान नहीं होगा और इससे किसी तरह की समस्या की संभावना नहीं है.’
दूसरी ओर, अमेरिका भारत से कृषि और डेयरी दोनों क्षेत्रों में रियायत की उम्मीद कर रहा है. लेकिन भारत के लिए ऐसा करना मुश्किल है, क्योंकि भारतीय किसान जीविका खेती यानी जीवनयापन के लिए खेती करते हैं और उनके पास छोटी जोत है.
ये भी पढ़ें: भारत पर 500% टैरिफ लगाएगा अमेरिका? इस बिल में डॉनल्ड ट्रंप ने हद पार कर दी
क्या होगा अगर ट्रेड डील नहीं होगी?ट्रंप ने 2 अप्रैल को दुनिया के लगभग 100 देशों पर भारी टैरिफ लगाया था. भारत पर 10 प्रतिशत के बेसलाइन टैरिफ के अलावा 26 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया. बाद में ट्रंप ने इस पर 90 दिनों की अंतरिम रोक लगा दी और देशों से कहा कि 9 जुलाई तक ट्रेड डील की जाए. इस बीच भारत पर 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ लागू रहा.
अब अगर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बात नहीं बनती है तो भारत को 26 प्रतिशत का टैरिफ भी देना पड़ सकता है.
वीडियो: टैरिफ मामले पर ट्रंप को कोर्ट से बड़ी राहत, लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर झटका लग गया!