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वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप से सिल्वर लाने वाली अंशु की कहानी

सरिता मोर ने भी जीता मेडल.

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हेलेन से लड़ती अंशु मलिक ( फोटो क्रेडिट : PTI)
7 अक्तूबर 2021 (Updated: 7 अक्तूबर 2021, 21:39 IST)
Updated: 7 अक्तूबर 2021 21:39 IST
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अंशु मलिक. भारतीय महिला पहलवान. अंशु ने नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया है. 57 किलो वर्ग में अंशु मलिक ने सिल्वर मेडल जीता. वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं. अंशु मलिक को फाइनल मुकाबले में 2016 की ओलंपिक चैंपियन हेलेन लूसी मारोलिस से हार का सामना करना पड़ा. हेलेन टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट भी हैं. बता दें कि वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में अंशु मलिक से पहले भारत के दो अन्य पहलवानों ने भी फाइनल में जगह बनाई थी. सुशील कुमार और बजरंग पूनिया. साल 2010 में सुशील कुमार ने गोल्ड मेडल जीता था. जबकि बजरंग और अब अंशु मलिक को सिल्वर से संतोष करना पड़ा. गौर हो, सेमीफाइनल मुकाबले में अंशु मलिक ने यूक्रेन की जूनियर यूरोपियन चैंपियन सोलोमिया विनिक को टेक्निकल सुपीरियरिटी के दम पर 11-0 के अंतर से हराया था. भारत की इस महिला पहलवान के लिए ये जीत इसलिए भी स्पेशल थी क्योंकि अंशु मलिक ने कोहनी के दर्द के बावजूद मुकाबला जीता और फाइनल में जगह बनाई. # कौन है Anshu Malik? बता दें कि अंशु मलिक को कुश्ती विरासत में मिली है. पिता धर्मवीर भारतीय जूनियर रेसलिंग टीम का हिस्सा थे. तो वहीं चाचा पवन मलिक साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. अंशु ने 11 साल की उम्र से कुश्ती में हाथ आजमाना शुरू किया था. और इसी साल 2021 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. 2020 एशियन चैंपियनशिप में अंशु ने ब्रॉन्ज़ मेडल भी जीता था. इसके अलावा बेलग्राद में आयोजित 2020 इंडिविजुअल वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में अंशु के नाम तीन मेडल (एक गोल्ड, दो ब्रॉन्ज़) हैं. इसके साथ ही एशियन जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और वर्ल्ड जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीत चुकी हैं. # Sarita Mor ने जीता ब्रॉन्ज़ 59 किलो वर्ग में सरिता मोर ने ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया. ब्रॉन्ज़ मेडल के प्लेऑफ मुकाबले में सरिता मोर ने स्वीडन की सारा योहाना लिंडबर्ग को 8-2 के अंतर से हराया. और वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाली चौथी महिला पहलवान बनीं. साल 2012 में सबसे पहले गीता फोगाट ने ब्रॉन्ज़ जीता था. इसके बाद 2018 में पूजा ढांडा और 2019 में विनेश फोगाट ने ब्रॉन्ज़ अपने नाम किया. बता दें कि सरिता मोर का रेसलिंग चैंपियनशिप में प्रदर्शन बढ़िया रहा. प्री-क्वॉर्टरफाइनल में सरिता मोर ने डिफेंडिंग चैंपियन लिंडा मोरेस को हराकर सभी को चौंका दिया था. इस शानदार जीत के बाद सरिता मोर से उम्मीदें बढ़ गयी. लेकिन सेमीफाइनल में सरिता को बिल्याना दुडोवा से मुंह की खानी पड़ी. और फिर ब्रॉन्ज़ मेडल के मैच में स्वीडिश पहलवान को हराकर सरिता ने पदक अपने नाम किया.

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