जिन केशव मौर्य का हाथ कलराज मिश्र ने झटक दिया था, उनका हाथ थाम PM मोदी ने क्या संदेश दिया?
वो भी चुनावी प्रचार का वक्त था, ये भी चुनावी तैयारियों का मौसम है.
Advertisement
राजनीति में हर छोटी से छोटी चीज मायने रखती है. फिर चाहे वो किसी से हाथ मिलाना हो या किसी का हाथ झटक देना. गुरुवार 25 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखी. इस दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसे देख सियासी एक्सपर्ट्स को 5 साल पुराना एक वाकया याद आ गया.
दरअसल जनता को संबोधित करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद केशव प्रसाद मौर्य के पास पहुंचे. उन्होंने उनका हाथ थामा. पीएम के दूसरी ओर थे सीएम योगी आदित्यनाथ. पीएम ने दोनों का हाथ पकड़ा और उठा दिया. मंच पर मौजूद अन्य नेताओं ने भी एक दूसरे का हाथ पकड़ा और जनता का अभिवादन किया.
ये वीडियो देखने के बाद कई लोगों को 2016 का एक वीडियो याद आ गया. तारीख थी 6 नवंबर 2016. बीजेपी 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए परिवर्तन यात्रा कर रही थी. उस दिन झांसी में पार्टी ने जनसभा का आयोजन किया था. मंच पर बीजेपी के कई दिग्गज मौजूद थे. अमित शाह, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, उमा भारती और कलराज मिश्र. इन सबके अलावा मंच पर केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे. कलराज मिश्र तब केंद्रीय मंत्री थे और केशव मौर्य उत्तर प्रदेश बीजेपी के चीफ. जनसभा के दौरान एक मौका ऐसा आया जब इन सारे नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर जनता की तरफ उठाया. लेकिन मौर्य थोड़ा लेट हो गए. वे जल्दी में कलराज मिश्र के पास आए और उनका हाथ पकड़ा. लेकिन कलराज मिश्र बिफर गए और मौर्य का हाथ झटक दिया. मौर्य के हाथ पकड़ने की कोशिश पर कलराज ने मानो गुस्से में उनकी ओर देखा. इस पर मौर्य कलराज मिश्र की ओर मुस्कुरा कर देखते रह गए. जब आरोप लगा कि पिछड़ी जाति से आने के चलते केशव प्रसाद मौर्य का हाथ कलराज मिश्र ने नहीं थामा तो बीजेपी की तरफ से सफाई दी गई कि वरिष्ठ बीजेपी नेता बीमार रहते हैं.राजनीति में हर बात के मायने निकाले जाते हैं, उप्र में नेताओं के हर हरकत को जनता बहुत गौर से देखती है और उसका विश्लेषण करती है। @PMOIndiapic.twitter.com/uoa2edtZDW
— vijay upadhyay (@upadhyayvijay) November 25, 2021
बहरहाल, इसीलिए जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यस के मौके पर जब पीएम मोदी ने सीएम योगी के साथ-साथ केशव प्रसाद मौर्य का हाथ पकड़ा तो कइयों को 5 साल पुराना ये वाकया याद आ गया. अलग-अलग मायने निकाले जाने लगे. हमनें इस तस्वीर या वीडियो को लेकर बात की सीनियर जर्नलिस्ट रतन मणिलाल से. उनका कहना है,See how BJP MP Kalraj Mishra refuses to share hands with BJP MP Keshav Prasad Maurya just because he is from Backward Caste. pic.twitter.com/JQntuEWZUa
— Priyanka Chowhan (@chowhanpriyanka) November 8, 2016
पिछले कुछ महीनों से ये चर्चा थोड़ी तेज हुई थी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच कुछ डिफरेंसेज हैं. मुझे याद पड़ता है कि जून-जुलाई में तो स्पेशियली RSS के दत्तात्रेय होसबोले लखनऊ पहुंचे थे. कहा गया कि कुछ पैचअप कराने आए हैं. उस समय भी आधिकारिक रूप से भले ही कुछ न कहा गया हो, लेकिन ये माना जा रहा था कि केशव मौर्य इस बात को लेकर परेशान थे कि उप मुख्यमंत्री होने के बावजूद नीतिगत फैसलों में उन्हें शामिल नहीं किया जाता. डिप्टी सीएम होने की वजह से उनको जो एडिशनल अथॉरिटी मिली है, उसका कोई मतलब नहीं है, क्योंकि नीतिगत फैसले लेने में उनको शामिल नहीं किया जाता. हालांकि इस बारे में कभी कुछ कहा नहीं गया. चर्चा जोर पकड़ने के बाद केंद्रीय नेतृत्व को ये लगा कि मामला सुलझाया जाए.अब हम फास्ट फॉर्वर्ड करें और पिछले हफ्ते पर आएं तो पीएम मोदी ने लखनऊ में तीन दिन बिताए. यहां उन्होंने लगभग सभी पदाधिकारियों और मंत्रियों से बात की. रतन मणिलाल कहते हैं,
मैं ऐसा मानता हूं कि मोदी के लखनऊ में समय बिताने की वजह से संगठन और सरकार के बीच में जो भी दूरियां थीं, उनको कम करने की कोशिश की गई है. क्योंकि उन दिनों मोदी और अमित शाह दोनों लखनऊ में थे.मणिलाल के मुताबिक इसी का नतीजा है कि अब यूपी में सत्ता और संगठन दोनों एक जॉइंट पिक्चर प्रेजेंट करने की कोशिश कर रहे हैं. आने वाले दिनों में इस तरह के और विजुअल्स हमें देखने को मिल सकते हैं, जब कहा जाएगा कि पूरी पार्टी एकजुट होकर चुनाव के लिए तैयार है. कोई मतभेद नहीं है.