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कौन हैं वेंकटरमन नागेश्वरन, जिन्हें केंद्र सरकार ने नया मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया है?

डॉ. वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन का CEA बनना पहले से तय माना जा रहा था.

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डॉ. वेंकटरमन अनंत रागेश्वरन. (तस्वीर- इंडिया टुडे से साभार.)
28 जनवरी 2022 (Updated: 28 जनवरी 2022, 16:39 IST)
Updated: 28 जनवरी 2022 16:39 IST
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डॉ. वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन भारत सरकार के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) नियुक्त किए गए हैं. वे पूर्व CEA केवी सुब्रमण्यन की जगह लेंगे. हाल में इंडिया टुडे ने केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से बता दिया था कि देश के अगले CEA बनने की रेस में डॉ. वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन का नाम सबसे आगे चल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक नए CEA के रूप में डॉ. वेंकटरमन का नाम घोषित होना लगभग तय था. शुक्रवार 28 जनवरी को ये औपचारिकता पूरी कर दी गई. डॉ. वेंकटरमन की CEA के रूप में नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब कई जानकारों ने माना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं. हालांकि कोविड-19 महामारी की नई लहर की वजह से कुछ नई चुनौतियां फिर सामने खड़ी हो गई हैं. इनसे पार पाने में डॉ. वेंकटरमन को मोदी सरकार की मदद करनी होगी. इनमें बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती रहने वाली है. वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर वेंकटरमन को बढ़ती आय असमानता और बेरोजगारी की समस्या कम करने पर काम करना होगा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार अपने नए CEA से उम्मीद करेगी कि वो ऐसे नए आइडियाज लेकर आएं जिनसे राजकोषीय घाटे को कम करने, विकास को रफ्तार देने और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिले. वहीं बजट से पहले इकनॉमिक सर्वे तैयार करने में भी उनकी भूमिका अहम होने वाली है. कौन हैं डॉ. वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन? जाने-माने अर्थशास्त्री हैं. डॉ. वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन का ज्यादातर करियर शिक्षा क्षेत्र को समर्पित रहा है. उन्होंने देश-विदेश के कई बिजनेस स्कूलों और मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट्स में पढ़ाया है. कई अखबारों, मैगजीन आदि में उनके लेख प्रकाशित हो चुके हैं. कई संस्थानों के लिए डॉ. वेंकटरमन ने शिक्षक, लेखक और सलाहकार के रूप में भी काम किया है. उनकी लिखी किताबों में ‘The Economics of Derivatives’ और ‘The Rise of Finance: Causes, Consequences and Cures’ प्रमुख हैं. इन किताबों को प्रतिष्ठित कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने प्रकाशित किया था. उनकी एक और किताब 'Can India Grow?' को कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस ने प्रकाशित किया था. यहां बता दें कि डॉ. वेंकटरमन इन किताबों के सह लेखक थे. 1985 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद से वेंकटरमन ने प्रबंधन में पोस्ट-ग्रैजुएट डिप्लोमा किया. बाद में 1994 में उन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसच्युसेट्स ऐमहस्ट से डॉक्ट्रेट की डिग्री ली. वहां उन्होंने विनिमय दर के प्रयोग और व्‍यवहार पर अध्ययन किया था. अपने करियर में वेंकटरमन ने आर्थिक रूप से ताकतवर कई मैनेजमेंट संस्थानों के लिए मैक्रो इकॉनमी और कैपिटल मार्केट रिसर्च से जुड़े रोल निभाए. साल 1994 से 2011 के बीच वे ऐसे कई संस्थानों का हिस्सा रहे. वेंकटरमन ने यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (जो अब UBS है) और सिंगापुर स्थित क्रेडिट सुइस के लिए भी काम किया है. जुलाई 2006 में वे सिंगापुर के बैंक जूलियस बेयर एंड कंपनी लिमिटेड के एशिया रिसर्च प्रमुख रहे थे. वहीं मार्च 2009 में उन्हें बैंक के मुख्य निवेश अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. बाद में जुलाई 2011 से वेंकटरमन पूरी तरह शिक्षा क्षेत्र से जुड़ गए. वे आंध्र प्रदेश स्थित क्रिया यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं. 2019 से 2021 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार समिति के पार्ट टाइम मेंबर भी रह चुके हैं.

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