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जब कोच शास्त्री के एक बयान से रवि अश्विन बुरी तरह टूट गए

किस दौरे पर अश्विन को अलग-थलग छोड़ दिया गया?

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रविचन्द्रन अश्विन और रवि शास्त्री. फोटो: PTI
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21 दिसंबर 2021 (Updated: 21 दिसंबर 2021, 15:34 IST)
Updated: 21 दिसंबर 2021 15:34 IST
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रविचन्द्रन अश्विन. वो क्रिकेटर जिनकी काबीलियत को दुनिया मानती है. साउथ अफ्रीका में भारतीय टीम के साथ मौजूद हैं. हाल में क्रिकइंफो के दिए एक इंटरव्यू में अश्विन ने कहा है कि पूर्व कोच रवि शास्त्री ने जब कहा था कि कुलदीप भारत के बेस्ट ओवरसीज़ स्पिनर हैं तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कि किसी ने उन्हें बस के नीचे फेंक दिया है. अश्विन ने ये भी कहा कि बार-बार होने वाली चोटों के बावजूद वो बेहद कड़े दर्द के साथ देश के लिए खेलते रहे. यहां तक की उस दौरान पहले टेस्ट में भारत को जीत दिलाने के लिए प्रत्येक पारी में तीन विकेट भी लिए लेकिन वो चीज़ें याद नहीं रखी गई. अश्विन ने इस बातचीत में कहा,
''2018 के दौरे पर मेरे साथ काफी अनदेखी हुई थी. तब मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं बुरी तरह कुचल दिया गया हूं, किसी ने मुझे बस के नीचे फेंका हो. तब मैं खुद को टीम से अलग महसूस करने लगा था. ऐसा लगने लगा जैसे मुझे अकेला छोड़ दिया गया है. वो मेरे करियर का इतना बुरा वक्त था कि मैं कई बार रिटायरमेंट के बारे में भी सोचता था.''
अश्विन ने आगे अपने संन्यास के फैसले पर और भी बातें कीं. उन्होंने कहा,
"2018 और 2020 के बीच एक ऐसा वक्त भी आया, जब मैं क्रिकेट से संन्यास के बारे में सोचने लगा. मुझे लगता था कि मैं काफी कोशिश कर रहा हूं, लेकिन सफल नहीं हो रहा हूं. मैं जितना ट्राई करता था, चीजें उतनी ही मुश्किल हो जाती थीं.''
अश्विन ने इस इंटरव्यू में ये भी बताया कि कैसे उस वक्त उनका शरीर भी उनका साथ नहीं दे रहा था. अश्विन ने कहा,
"मैं उस दौरान 6 गेंद डालता था और सांसें फूलने लगती थीं. मेरे शरीर में काफी दर्द होता था. मैं गेंद डालता तो मेरे घुटने का दर्द तेज़ होने लगता. फिर बदलाव करता तो अगली गेंद पर जंप कम हो जाती. जब मैं कम कूदकर गेंद फेंकता तो कंधे और पीठ के जरिए मुझे अधिक ज़ोर लगाना होता था और फिर ऐसा करने से मुझे दूसरी तकलीफ शुरू हो जाती थी. ये वो समय था जब लगता था कि अब मुझे इस खेल से ब्रेक ले लेना चाहिए."
अश्विन ने रवि शास्त्री का ज़िक्र करते हुए आगे कहा,
"मैंने रवि भाई को काफी सम्मान दिया. हम सब ऐसा करते हैं. मेरा मानना है कि हम कुछ बातें कहते हैं और फिर उन्हें वापस ले लेते हैं, लेकिन उस एक पल में मैंने खुद को पूरी तरह से टूटा हुआ पाया. मैं कुलदीप के लिए खुश था. मैं एक पारी में 5 विकेट नहीं ले पाया. लेकिन उसने लिए हैं. मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी उपलब्धि होती है."
अश्विन ने उस दौरे का आगे ज़िक्र करते हुए कहा,
"ऑस्ट्रेलिया में जीतना काफी खुशी भरा पल था. लेकिन मुझे महसूस कराया गया कि मैं विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता. मुझे अकेला छोड़ दिया गया, तो फिर मैं कैसे टीम या टीम के साथी की सफलता की पार्टी को एन्जॉय कर पाता? मैं अपने कमरे में गया और पत्नी से बात की, मेरे बच्चे भी वहां थे. तब हम ऐसी बातों को किनारे कर देते हैं. मैं पार्टी में भी गया, क्योंकि हमने एक बड़ी सीरीज़ जीती थी."
रविचन्द्रन अश्विन ने भारत के लिए उस सीरीज़ में सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला था. जिसमें उन्होंने छह विकेट चटकाए थे. दोनों पारियों में उन्होंने तीन-तीन विकेट निकाले. वहीं कुलदीप यादव को भी एक ही टेस्ट खेलने का मौका मिला. उन्होंने उस मैच की एक पारी में पांच विकेट अपने नाम किए.

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