लो जी. बता रहे हैं कि केरल के लड़के ISIS में सेटल हो गए और ढिठाई देखो कि हाल-चाल भी भेज रहे हैं. मोबाइल एप्लीकेशन से.
केरल से कुछ लड़के भागे थे दो हफ्ते पहले. ‘असली इस्लामिक जीवन’ की खोज में. इनमें से कुछ ने कासरगोड जिले में रहने वाले अपने फैमिली मेंबर्स से कॉन्टैक्ट किया है.
इन्हीं में से एक बंदा है अशफाक. पडन्ना का रहने वाला. बीते शुक्रवार को उसने अपनी फैमिली को वॉइस मैसेज भेजा, टेलिग्राम मैसेंजर से. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अशफाक ने बताया कि वो एकदम ठीक-ठाक है और फिर अम्मी जान से उनकी हाल चाल पूछी. लेकिन टेलिग्राम का मैसेज था जो अपने आप उड़ जाता है डेटाबेस से. अशफाक की बहन चाहकर भी रिप्लाई नहीं कर पाई.
इसी तरह के मैसेज कुछ और फैमिलीज के पास भी पहुंचे हैं, जिनके बच्चे फरार हैं. जब से ये लड़के फरार हुए थे, तभी से डाउट था कि वे इस्लामिक स्टेट जॉइन कर सकते हैं.
पुलिस अभी सिचुएशन पर नजर रखे हुए है. वो जानबूझकर उनके और फैमिली के बीच के कम्युनिकेशन चैनल को नहीं तोड़ना चाहती. इनमें से कुछ ने अपने परिवार को मैसेज भेजा है कि वो इस्लामिक स्टेट में मजे में हैं और आप लोग वहां जहन्नुम में क्या कर रहे हैं?
हालांकि पुलिस अभी इस बात को लेकर पुख्ता नहीं है कि लड़के इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाली जगह पर हैं या इस्लामी राज वाली किसी और जगह पर.
रविवार को केरल पुलिस आरिश कुरैशी और रिजवान नाम के दो बंदों को कोच्चि ले आई. ये दोनों मुंबई में गिरफ्तार किए गए थे. उन पर मेरिन नाम के एक बंदे को जबरदस्ती इस्लाम कुबूल करवाने का आरोप है. पुलिस का कहना है कि दोनों इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से जुड़े थे. पुलिस को शक है कि केरल से जो लड़के गायब हुए थे, ये दोनों भी उस बारे में कुछ ना कुछ जानते हैं.