24 सितंबर को UPSC-2020 के परिणाम घोषित हुए. जिन अभ्यर्थियों ने मेहनत करके परीक्षा निकाली, उनकी कहानियां हम आप तक लगातार पहुंचा रहे हैं. लेकिन ये ख़बर उनसे जुड़ी नहीं है. ये ख़बर एक आरोप से जुड़ी है, जो UPSC के परीक्षा परिणामों पर लग रहा है. ये ट्वीट पढ़िए.
“#UPSC_Scam क्या है? इस साल सिविल सर्विस में अफ़सर बनेंगे – 836. फ़ाइनल लिस्ट आई 761 अफ़सरों की. 75 अफ़सर गोपनीय लिस्ट में. इनके नाम सिर्फ UPSC को पता है. गोपनीय लिस्ट में जनरल मेरिट के 75 और रिज़र्व कैटेगरी के 75 नाम. फ़ाइनल नियुक्ति में सारे 75 जनरल मेरिट से होंगे.”
इस ट्वीट में ये कहने की कोशिश की जा रही है कि UPSC परीक्षा परिणाम में 836 में से 761 नाम ही जारी किए गए. बाकी 75 नाम गोपनीय लिस्ट के माध्यम से बाद में तय किए जाएंगे. इन्हीं 75 नामों में मनमानी का आरोप लगा रहे हैं. कह रहे हैं कि असल में 75 नाम जनरल कैटेगरी से और 75 रिज़र्व कैटेगरी से थे. लेकिन रिज़र्व वाले नाम काटकर जनरल वाले 75 नाम ही फाइनल कर दिए जाएंगे.
#UPSC_Scam क्या है?
इस साल सिविल सर्विस में अफ़सर बनेंगे – 836
फ़ाइनल लिस्ट आई 761 अफ़सरों की।75 अफ़सर गोपनीय लिस्ट में। इनके नाम सिर्फ UPSC को पता है।
गोपनीय लिस्ट में जनरल मेरिट के 75 और रिज़र्व कैटेगरी के 75 नाम।
फ़ाइनल नियुक्ति में सारे 75 जनरल मेरिट से होंगे! pic.twitter.com/SoeJVQFmnE
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) September 24, 2021
इसके साथ एक स्क्रीनशॉट भी शेयर हो रहा है, जिसमें ये पूरी गणित अपने तरीके से समझाई जा रही है. इसके बाद #UPSC_Scam का ट्विटर ट्रेंड चल पड़ा.हंसराज मीना ने ट्वीट किया. लिखा – 836 में से 761 सीट के ही नतीजे घोषित किए गए. बाकी 75 सीट कहां हैं?
Result out only 761 but seat available 836. Where is 75 candidate ? #UPSC_Scam pic.twitter.com/yiYOWis2MN
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) September 25, 2021
एक अन्य यूज़र ने भी यही आरोप लगाया कि इस तरह से रिज़र्वेशन वाली सीटों को सीमित किया जा रहा है.
#UPSC_Scam
They limited all the reservations
With thier category …..
And after remaining seats go to
Lateral entry …..
It’s unfair with tease remaining candidates. pic.twitter.com/DuMLeBjWlJ— DEEPAK BIND RUDRA (@RUDRA__DEEPAK) September 25, 2021
एक यूज़र ने लिखा – भारत की टॉप मोस्ट सेवा अपनी नैतिकता और विश्वसनीयता खो रही है. बैक डोर एंट्री कराके OBC, Sc, ST के संवैधानिक अधिकारों को मिटाया जा रहा है. लेकिन देश की 85 फीसदी जनता को कोई फ़र्क ही नहीं पड़ रहा.
India’s top most service is losing morality & credibility, the constitutional rights & privileges of OBC SC ST are now diminishing day by day through back door entry, but more than 85% population of this country looking least bother a great surprise for everyone.
#UPSC_Scam pic.twitter.com/7TUWSXtwan— Virendra kumar (@Virendr69180344) September 25, 2021
पिछले साल भी इस तरह का विवाद सामने आया था, जब 927 पदों में से 829 का ही नतीजा घोषित किया गया था.
UPSC के नियम
तो क्या वाकई UPSC कुछ सीटों का स्कैम कर देता है? इस पर UPSC ने पिछले साल विस्तृत स्पष्टीकरण दिया था. कहा था कि –
सिविस सेवा परीक्षा के तहत पोस्ट या सर्विस में भर्ती के लिए आयोग भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का कड़ाई से पालन करता है. ये दशकों से एक सामान्य अभ्यास है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि रिज़र्व कैटेगिरी से संबंध रखने वाले वो कैंडिडेट्स, जो कि जनरल (सामान्य) मानकों के आधार पर सेलेक्ट हुए हैं, अगर अपने रिज़र्व स्टेटस (आरक्षित स्थिति) का लाभ लेते हुए और उस स्टेटस के आधार पर सर्विस या काडर चुनना चाहें, तो उसके परिणामस्वरूप जो वैकेंसी बनेगी, उसे रिज़र्व लिस्ट के कैंडिडेट्स से भरा जाएगा. रिज़र्व लिस्ट में रिज़र्व कैटेगिरी के कैंडिडेट्स की भी पर्याप्त संख्या होती है. ताकि रिज़र्व कैटेगिरी से संबंध रखने वाले उन कैंडिडेट्स, जिनका सेलेक्शन सामान्य मानकों पर हुआ है, उनकी पसंद की वजह से जो कमी आती है, उसे पूरा किया जा सके. UPSC को तब तक इस रिज़र्व लिस्ट को कॉन्फिडेंशिल रखना होता है, जब तक वरीयता या प्राथमिकता की प्रक्रिया खत्म नहीं हो जाती. UPSC इसमें सिविल सेवा परीक्षा नियम 16 (5) के अनुसार काम करता है.”
ये जो प्रैक्टिस है वैकेंसी से कम कैंडिडेट को रिकमेंड करना और कंसोलिडेटेड रिज़र्व लिस्ट निकालना. ये कई साल से चली आ रही है. 2018 में भी ऐसा हुआ था. उसके पहले भी हुआ.
2018 सिविल सेवा परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन आया फरवरी 2018 में. तब बताया गया कि संभावित वैकेंसी 782 है. फिर प्रिलिम्स की, मेन्स की परीक्षा हुई, फिर इंटरव्यू हुआ और उसके बाद आए नतीजे. अप्रैल 2019 में. इसमें 759 कैंडिडेट्स के सेलेक्ट होने की जानकारी दी गई. और बताया गया कि टोटल वैकेंसी है 812. यानी यहां पर भी 53 सीटों पर कैंडिडेट्स को सेलेक्ट नहीं किया गया था.
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