उत्तर प्रदेश का रायबरेली ज़िला. यहां दो आला अधिकारी आपस में भिड़ गए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने ज़िलाधिकारी यानी डीएम पर भरी मीटिंग में गाली देने और उल्टी-सीधी भाषा इस्तेमाल करने के आरोप लगाए. CMO संजय कुमार शर्मा ने राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक को शिकायती पत्र तक लिख डाला. उन्होंने आरोप लगाया कि डीएम वैभव श्रीवास्तव ने एक मीटिंग के दौरान उन्हें ‘गधा’ कहा और ”तुम्हारी खाल खींच लूंगा, जमीन में गाड़ दूंगा” जैसी बातें कही. पत्र में उन्होंने लिखा, ”अपना अपमान देखकर मेरी तबीयत बिगड़ गई और मैं मीटिंग छोड़कर बाहर चला आया.”

चिकित्सा संघ ने कहा- डीएम के शब्द गाली नहीं
इस पर बवाल हुआ तो प्रांतीय चिकित्सा संघ, रायबरेली की तरफ से मीटिंग बुलाई गई, जिसमें सीएमओ संजय कुमार शर्मा और डीएम वैभव श्रीवास्तव भी शामिल हुए. मीटिंग के बाद कहा गया कि डीएम के शब्द गाली की श्रेणी में नहीं आते और मामला निपटा लिया गया है.
चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ अल्ताफ हुसैन ने पत्र जारी कर कहा, ”ज़िलाधिकारी और संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें ये तय किया गया कि ज़िलाधिकारी द्वारा कहे गए शब्द गाली की श्रेणी में नहीं आते हैं. इसके बाद आपसी सहमति पर सभी प्रकार की भ्रान्तियों का निराकरण करा दिया गया है.”

मामला क्या है?
रायबरेली डीएम वैभव श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य सेवाओं और कोविड-19 की व्यवस्था को लेकर एक बैठक बुलाई थी. जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्साधिकारी मौजूद थे. सीएमओ ने अपने पत्र में दावा किया कि मीटिंग में कोविड-19 के अस्पतालों में भोजन व्यवस्था प्रभारी डॉ. मनोज शुक्ला के अनुपस्थित होने का मामला उठा. डीएम ने इस बारे में पूछा तो बताया गया कि डॉ. शुक्ला की पत्नी कैंसर से पीड़ित हैं और उनकी लखनऊ में डायलसिस होनी है. फोन पर पत्नी के इलाज के लिए छुट्टी मांगी गई, जिसे स्वीकृति दे दी गई. सीएमओ संजय कुमार शर्मा का कहना है कि इसी बात से डीएम भड़क गए और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. वैभव श्रीवास्तव हाल में ही रायबरेली के डीएम बनाए गए हैं. इससे पहले उन्होंने पीलीभीत में डीएम के तौर पर काम किया है.
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