आम की मिठास खत्म करेगी कड़वाहट? बांग्लादेश ने पीएम मोदी के लिए 1000 किलो आम भेजे हैं
Bangladesh Mangoes PM Modi: पीएम मोदी के अलावा बांग्लादेशी अंतरिम सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी आम भेजे हैं.

बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के लिए प्रसिद्ध ‘हरिभंगा आमों’ की एक खेप भेजी है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस ‘आम कूटनीति’ की शुरुआत की थी. जिसे बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) जारी रखने की कोशिश कर रहे हैं. बीते एक साल में भारत-बांग्लादेश संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव आया है. ऐसे में बांग्लादेश के इस कदम को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की नई कवायद के रूप में देखा जा रहा है.
ढाका ट्रिब्यून की ख़बर के मुताबिक़, अंतरिम सरकार ने पीएम मोदी के लिए 1,000 किलो हरिभंगा आम भेजे हैं. इन्हें 60 डिब्बों में पैक करके गुरुवार, 10 जुलाई को अखौरा लैंड पोर्ट से रवाना किया गया था. आज 14 जुलाई को ये नई दिल्ली पहुंच जाएंगे.
इसके अलावा, बांग्लादेशी अंतरिम सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी आम भेजे हैं. दोनों राज्यों को आम गिफ्ट करने का सिलसिला भी लंबे समय से चलता आ रहा है. बदले में त्रिपुरा बांग्लादेश को अपने प्रसिद्ध और रसदार क्वीन किस्म के अनानास भेजता है.
इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भी पीएम मोदी को आम भेजा करती थीं. जिसे आमतौर पर ‘आम कूटनीति’ के रूप में जाना जाता है. बीते साल छात्रों के बड़े आंदोलन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया था. इसके बाद से ही वो बांग्लादेश से भागकर भारत में रह रही हैं.
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ऐसे में ढाका और नई दिल्ली के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. लेकिन भारत ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. वहीं, भारत अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को बांग्लादेश भेजने की बात करता रहा है. वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की ख़बरें भी जब-तब चर्चा में बने रहते हैं.
ऐसे में बांग्लादेशी सरकार के पीएम मोदी को आम भेजना ख़ास है. बांग्लादेश के एक पूर्व राजनयिक ने बांग्लादेशी अखबार डेली अखबार से कहा,
मुझे लगता है कि ये अच्छी बात है. अंतरिम सरकार द्वारा आम भेजने का मतलब है कि बांग्लादेश भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए तैयार है.
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बताते चलें, पीएम मोदी और मुहम्मद यूनुस की पिछली मुलाकात अप्रैल में हुई थी. दोनों बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में पहुंचे हुए थे. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद ये दोनों की पहली आमने-सामने की मुलाकात थी.
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