बांग्लादेश में कारोबारी की मॉब लिंचिंग के बाद बवाल, यूनिवर्सिटी के छात्र सड़क पर उतरे
Bangladesh में स्क्रैप कारोबारी Lal Chand Mohammad को पत्थरों और सीमेंट की सिल्लियों से बेरहमी से मारा गया. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि घटना के बाद कोतवाली थाने में मृतक की बड़ी बहन ने हत्या का मामला दर्ज कराया है.

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्क्रैप कारोबारी लालचंद मोहम्मद सोहाग (39) की बेरहमी से हत्या कर दी गई. आरोप है कि 9 जुलाई को सर सलीमुल्लाह मेडिकल कॉलेज मिटफॉर्ड हॉस्पिटल के पास कई हमलावरों ने मिलकर सोहाग की मॉब लिंचिंग की. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है.
वायरल वीडियो में दिखा कि कुछ लोग सोहाग को पत्थरों और सीमेंट की सिल्लियों से बेरहमी से मारते हैं. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि घटना के बाद कोतवाली थाने में मृतक की बड़ी बहन ने हत्या का मामला दर्ज कराया.
ढाका पुलिस ने घटनास्थल के CCTV फुटेज की जांच कर 11 जुलाई को महमुदुल हसन मोहीन (41) और तारिक रहमान रोबिन (22) को गिरफ्तार किया. तारिक के पास से एक विदेशी पिस्तौल भी बरामद हुई है. इसी केस में रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने भी दो आरोपियों- आलमगीर (28) और मोनीर उर्फ छोटो मोनीर (25) को गिरफ्तार किया है.
इसके बाद 12 जुलाई की रात को पुलिस ने तीसरे आरोपी मोहम्मद टिटन गाजी (32) को पकड़ा. 13 जुलाई को भी धरपकड़ जारी रही है और पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (DB) ने दो अन्य आरोपियों-सजीब बेपारी और राजीब बेपारी को नेत्रोकोना जिले से गिरफ्तार किया. इस तरह कुल सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
पुलिस के मुताबिक, यह हत्या स्क्रैप धंधे से जुड़ी पुरानी दुश्मनी और कारोबारी विवाद के चलते हुई. पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले की तह तक पहुंचने के लिए एक स्मार्ट टीम का भी गठन किया है.
हत्या के खिलाफ प्रदर्शनघटना के विरोध में ढाका यूनिवर्सिटी, जगन्नाथ यूनिवर्सिटी, BRAC यूनिवर्सिटी, NSU, ईस्ट वेस्ट यूनिवर्सिटी और सरकारी ईडन कॉलेज समेत कई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में लोकल मीडिया के हवाले से बताया गया कि विरोध प्रदर्शन में छात्रों ने नारे लगाए,
“तुम जानवरों को लोगों को मारने का अधिकार किसने दिया? जब जबरन वसूली करने वाले उत्पात मचा रहे हैं, तो अंतरिम (सरकार) क्या कर रही है?”
इस हत्या मामले में 19 नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस हत्या के पीछे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की युवा शाखा 'जातीयताबादी जुबो दल' के कार्यकर्ताओं का हाथ होने का आरोप है. संगठन ने घटना में शामिल चार आरोपियों को तत्काल पार्टी से निकालने की घोषणा की है. जुबो दल का दावा है कि सोहाग उनकी पार्टी के कार्यकर्ता थे.
हालांकि, जुबो दल ने आरोप लगाया कि FIR में असली हत्यारों के नाम नहीं हैं. दी बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, जुबो दल ने दावा किया कि इस मामले में तीन बेगुनाह लोगों को फंसाया गया है.
उधर, सुप्रीम कोर्ट के वकील यूनुस अली अकंद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. बांग्लादेश की न्यूज एजेंसी BSS न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूनुस अली ने अपनी याचिका में सोहाग हत्याकांड मामले में न्यायिक जांच आयोग बनाने, असली अपराधियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है. इस याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई होगी.
बता दें कि अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है.
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