दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद ने कोर्ट में दिल्ली पुलिस पर बड़ा आरोप लगा दिया है
"मीटिंग सीक्रेट होती तो इतने लोग वहां मौजूद होते?"
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पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद फ़िलहाल जेल में बंद हैं. मामला है दिल्ली दंगा. उन पर आपराधिक साज़िश रचने के आरोप हैं. धारा लगी है UAPA. और इस केस की सुनवाई चल रही है दिल्ली के सेशन कोर्ट में. और हाल ही में उमर ने अपने वकील त्रिदीप पैस के ज़रिए कोर्ट को बताया है कि मामले के गवाहों ने मनगढ़ंत बयान दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोमवार को कोर्ट में त्रिदीप ने उमर की बेल के लिए कुछ दलीलें पेश कीं. पैस ने कोर्ट को बताया कि जिस वाट्सऐप ग्रुप की चैट के आधार पर उमर के खिलाफ़ केस चलाया जा रहा है, उसमें उमर ने केवल चार मैसेज भेजे थे. इस वाट्सऐप ग्रुप का नाम था 'दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप'. मामले के जांच अधिकारियों का कहना है कि इस ग्रुप का इस्तेमाल जनवरी और फ़रवरी 2020 के दौरान दिल्ली में दंगे भड़काने के लिए किया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उमर ने अपने वकील त्रिदीप के हवाले से कोर्ट में कहा कि
"जब से ये ग्रुप बनाया गया था मैंने सिर्फ चार मैसेज ही भेजे हैं. मैसेज की संख्या से मुझ पर आरोप नहीं लगाया जा सकता. आप ये भी देखिए कि मैंने उनमें लिखा क्या है. मैसेज पढ़ कर ये पता चल जाएगा कि इन दंगों में मेरा कोई हाथ नहीं था. मैं सिर्फ लोगों को प्रदर्शन की जगह के बारे में बता रहा था."त्रिदीप ने उमर का भेजा एक मैसेज कोर्ट के सामने पेश भी किया. त्रिदीप ने कोर्ट में गवाह का बयान पढ़ते हुए कहा कि उमर के खिलाफ दर्ज की गई FIR में गवाह का ये बयान झूठा है. उमर ख़ालिद का कहना है कि गवाह ने अपने बयान में जिन नामों का उल्लेख किया, उन नामों को एक ख़ास तरीक़े से चुना गया. उमर ख़ालिद ने आगे कहा,
"जिस जुर्म के लिए मुझे दोषी बनाया गया है वो मैंने किया भी नहीं है. जिन लोगों का असल में इन दंगों में हाथ था उनको नहीं पकड़ा गया पर मुझे पकड़ लिया है. आप एक को पकड़ रहे हैं, लेकिन बाकी को नहीं. मेरे कहने का ये मतलब नहीं है कि आप औरों को भी अरेस्ट करिए."उमर ने कहा कि जिन लोगों का असल में हाथ था, उन्हें अरेस्ट नहीं किया गया और मुझे अरेस्ट कर लिया गया है. "साफ़ दिखता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है," ऐसा भी उमर ख़ालिद ने कोर्ट के सामने कहा. दिल्ली पुलिस ने उमर पर संगीन आरोप लगाए हैं. दंगों की साज़िश रचने और दिल्ली की सड़कों पर ख़ून बहाने जैसे गम्भीर आरोप. पैस ने कहा कि तलाशी या छापेमारी से ऐसे किसी क़िस्म के सबूत आज तक नहीं मिल सके हैं. पुलिस ने उमर पर दिल्ली के सीलमपुर में दंगों की साज़िश रचने के लिए एक गुप्त मीटिंग करने का आरोप भी लगाया है. पुलिस का कहना है कि पुलिस के गवाह के सामने ये मीटिंग हुई और इसकी तस्वीरें फेसबुक पर मौजूद हैं. उमर के वकील त्रिदीप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि
"अगर उमर को गुप्त मीटिंग करनी होती, तो वो इस तरह लोगों को अपनी फोटो खींचने और फेसबुक पर अपलोड करने देता? और इस तरह इतने लोगों के बीच कोई मीटिंग सीक्रिट हो सकती है. दंगों की सजिस इस तरह सबके सामने की जाती है? किसी भी गवाह ने नहीं कहा है कि ये कोई सीक्रेट मीटिंग थी. ज़ाहिर सी बात है कि गवाह समझाया-बुझाया बयान दे रहा है. आप आधे सच के साथ मेरे खिलाफ़ केस नहीं कर सकते हैं."