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बेंगलुरु: अस्पताल ने बरती ऐसी लापरवाही, डेढ़ साल शव गृह में पड़े रहे कोरोना मृतकों के शव

पहली लहर में कोविड का शिकार हुए थे.

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कोरोना से मौत की सांकेतिक तस्वीर (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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29 नवंबर 2021 (Updated: 29 नवंबर 2021, 14:12 IST)
Updated: 29 नवंबर 2021 14:12 IST
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बेंगलुरु का राजाजी नगर. यहां का ESI अस्पताल. अस्पताल के शव गृह में दो शव मिले हैं. बताया गया है कि दोनों व्यक्ति कोविड-19 से मारे गए थे. हाल में नहीं, बल्कि लगभग डेढ़ साल पहले. खबर के मुताबिक इन दोनों की मौत जुलाई 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण हुई थी. उस वक्त देश में कोविड-19 की पहली लहर चल रही थी.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, ESI अस्पताल के कर्मचारियों को बीती 26 नवंबर को ये शव तब मिले, जब वे पुराने शव गृह की साफ सफाई करने गए थे. दोनों शवों की पहचान दुर्गा और मणिराजू के तौर पर हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल में दो शव गृह हैं. पुराने शव गृह में चार और नए शव गृह में 10 शव रखने की क्षमता है. ये दोनों शव पुराने शव गृह में मिले हैं.

शवों को निकालना भूला अस्पताल प्रशासन!

राजाजी नगर स्थित इस ESI अस्पताल के पुराने शव गृह को इस साल अगस्त में बंद कर दिया गया था. ऐसा करते हुए अस्पताल प्रशासन इन दोनों शवों को निकालना ही भूल गया. ये जानकारी सामने आई तो अस्पताल को निशाने पर लिया जाने लगा. अस्पताल प्रशासन भी इसे अपनी एक बड़ी गलती मान रहा है. आम तौर पर शव गृह के फ्रीजर में बॉडी होने पर उसके बाहर स्टिकर लगाया जाता है. बताया गया कि इन दोनों शवों के मामले में ये स्टिकर नहीं लगाया गया.
देश में कोरोना की पहली लहर ने साल 2020 के मार्च के आखिर में दस्तक दी थी. (प्रतीकात्मक चित्र)
देश में कोरोना की पहली लहर ने साल 2020 के मार्च के आखिर में दस्तक दी थी. (प्रतीकात्मक चित्र)

अस्पताल प्रशासन पर ये भी आरोप है कि उसने इन शवों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार भी नहीं किया. और तो और उसने लापरवाही में जुलाई, 2020 में अपने रिकॉर्ड्स में ये तक लिख दिया कि शवों को अंतिम संस्कार के लिए नगरपालिका को सौंपा जा चुका है. फिलहाल, इन दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए विक्टोरिया अस्पताल भेजा गया है.

परिवार की कार्रवाई की मांग

दूसरी तरफ, दोनों मृतकों के घरवालों को 29 नवंबर की दोपहर राजाजी नगर पुलिस स्टेशन बुलाया गया. उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हुआ कि उनके परिजनों के शव 15 महीने बाद मिले हैं, जबकि वो पहले ही उनका अंतिम संस्कार कर चुके हैं. वे ये सोचकर हैरान हैं कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से जाने किन लोगों के शवों का अंतिम संस्कार उन्होंने कर दिया.
इस पूरे मामले को लेकर दोनों मृतकों के रिश्तेदार गुस्से में हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस लापरवाही के लिए अस्पताल के डीन और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है. खबर सामने आने के बाद स्थानीय विधायक और बीजेपी नेता सुरेश कुमार ने अस्पताल प्रशासन से कहा है कि वो मामले की अच्छे से जांच करे. वहीं राजाजी नगर पुलिस का कहना है कि एक बार अस्पताल की तरफ से जांच होने के बाद ही वो कोई कार्रवाई करेगी.

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