कम पैसे में अब आप ज्यादा टीवी चैनल देख पाएंगे. टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने ब्रॉडकास्टिंग और केबल सर्विसेज के लिए नियमों में बदलाव किया है. यह बदलाव 1 मार्च, 2020 से लागू होगा. अब ब्रॉडकास्टिंग और केबल ऑपरेटर्स को 153 रुपये में 200 चैनल दिखाने होंगे. अब तक 153 रुपए में 100 चैनल ही देखने को मिलते थे. ट्राई ने कहा है कि 15 जनवरी तक ब्रॉडकास्टर्स को नए टैरिफ की जानकारी देनी होगी.
टीवी ग्राहकों को दो तरह के चार्जेस देने पड़ते हैं. नेटवर्क कपैसिटी फीस यानी NCF चार्ज और कॉन्टेंट चार्ज. कॉन्टेंट चार्ज चैनल के ब्रॉडकॉस्टर को जाता है. वहीं NCF चार्ज चैनल दिखाने के लिए डीटीएच या केबल ऑपरेटर को जाता है.
इसके अलावा ट्राई ने बकेट में शामिल टीवी चैनलों की MRP तय कर दी है. 1 मार्च से इनका MRP 12 रुपये तक होगी. जो इस वक्त 19 रुपये तक है. ट्राई ने बकेट बनाने के लिए दो शर्तें लगाई हैं. पहली ये कि किसी बकेट में सभी अ-ला-कार्ट चैनलों के MRP का जोड़ उस पूरे बकेट के प्राइस के डेढ़ गुने से ज्यादा नहीं हो सकता है. इसे इस तरह समझें कि अगर कोई ब्रॉडकास्टर 10 चैनलों का बकेट 100 रुपये महीने पर ऑफर कर रहा हो तो सभी 10 चैनलों का कंबाइंड MRP 150 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता है.
ट्राई की दूसरी शर्त ये है कि अ-ला-कार्ट चैनल की MRP उस बकेट के किसी भी चैनल के एवरेज प्राइस के तीन गुने से ज्यादा नहीं हो सकती है. अगर किसी बकेट में चैनलों का एवरेज प्राइस तीन रुपये है (बकेट प्राइस के MRP में उस बकेट के सभी चैनलों की संख्या से भाग देने पर हासिल होता है) तो उस बकेट के किसी भी एक चैनल की MRP 9 रुपये से ज्यादा नहीं होगी.
इकॉनमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक ट्राई ने ब्रॉडकास्टर के डिस्ट्रिब्यूशन वाले चैनलों की कुल संख्या के हिसाब से प्रति ब्रॉडकास्टर बकेट्स की कुल संख्या की सीमा भी तय कर दी है. इस तरह अगर किसी ब्रॉडकास्टर के पास 12 चैनल हैं, तो वह 12 से ज्यादा बकेट्स ऑफर नहीं कर सकता है.
ट्राई ने ये भी फैसला किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें एनसीएफ चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा. इसके अलावा ट्राई ने वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानी छह महीने या अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दे दी है. साथ ही, एक से ज्यादा टीवी वाले घरों में दूसरे कनेक्शन पर NCF पहले कनेक्शन के 40% से ज्यादा नहीं हो सकेगा.
ये हैं 2019 की मस्ट वॉच पांच मराठी फ़िल्में