बिहार में शराब वैसे ही गायब है जैसे सड़क पर चलते आदमी की सुरक्षा. बिहार में बीते कुछ महीने से आदमी को शराब पीने को नहीं मिल रही. (उसे जिसका जुगाड़ नहीं कर जम रहा 😉 ) हाल ये है कि आपको खुल्ले में शहाब मिल जाएगा, शराब नहीं.
अब आदमी ही नहीं भूत भी दारू न मिलने से हलाकान हैं. डेली पायनियर की खबर है, ओझा लोग बता रहे हैं आदमी को भूत पकड़ता है. और बिन दारू मांगे ही उतर जाता है.
जैसा कि हमने टीवी में देखा है. ओझा लोग जब भूत भगाने आते हैं तो मुर्गा और दारू मांगते हैं. लेकिन दारु पर तो बैन है. अब बेचारे मुर्गी से ही काम चला लेते हैं. घिनाहू ब्रह्म मेला होता है कोई. दस दिन चलता है. बिक्रमगंज जिले में. दुर्गा पूजा टाइम. वहां भूत भगाए जाते हैं. इस बार भूत बिना दारू ही भाग लिए.

संकट के समय प्रतिभा की सबसे ज्यादा कद्र होती है. तो ओझा लोग बताए कि हमने सतत अभ्यास से ऐसा सिस्टम बना लिया है कि भूतों से कंप्रो कर लेते हैं. अब बेचारे भूत दारू बैन को समझने लगे हैं. बिन दारू के भी जाने को तैयार हो जाते हैं. काहे इत्ती मेहनत करते हैं? एक सलाह दें. पतंजलि वाला भूत भगउआ…