तमिलनाडु में एक छात्रा के कथित रूप से आत्महत्या करने की घटना ने जबरन धर्म परिवर्तन की बहस को हवा दे दी है. छात्रा तमिलनाडु के तंजावुर स्थित सेंट माइकल्स गर्ल्स होम हॉस्टल में रह रही थी. आरोप है कि वहां उसे कमरे साफ करने के लिए मजबूर किया गया और ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया गया. इस सबसे तंग आकर कुछ दिन पहले छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की थी. बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन डॉक्टरी इलाज से उसकी हालत ठीक नहीं हुई. बुधवार 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई. इस बीच हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर लिया गया है.
सोशल मीडिया पर पीड़िता का एक वीडियो भी वायरल है. इसमें उसने आरोप लगाया है कि उसे लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर किया जा रहा था. वीडियो में पीड़िता में कह रही है,
स्कूल वालों ने मेरी उपस्थिति में मेरे माता-पिता से पूछा कि क्या वे मुझे ईसाई धर्म में कन्वर्ट कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो वे आगे की पढ़ाई के लिए उनकी मदद करेंगे. मैंने ये बात नहीं मानी तो वे लोग मुझे प्रताड़ित करते रहे.
आरोप है कि इससे परेशान होकर 17 साल की नाबालिग पीड़िता ने खुदकुशी करने के प्रयास में कीटनाशक का सेवन कर लिया.
इंडिया टुडे की ख़बरके मुताबिक पीड़िता के पिता मुरुगनंदम अरियालुर में रहते हैं. बीती 10 जनवरी को उन्हें उनकी बेटी की हालत के बारे में जानकारी मिली थी. उन्हें बताया गया था कि बेटी ने उल्टी और पेट में तेज दर्द होने की शिकायत की थी. 9 जनवरी को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में पिता मुरुगनंदम ने बेटी को तंजौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट करा दिया. होश में आने पर उसने डॉक्टरों को अपनी आपबीती और आत्महत्या के प्रयास के बारे में बताया. वायरल वीडियो उसी समय का है.
इस खुलासे के बाद डॉक्टरों ने तिरुकट्टुपल्ली पुलिस को मामले की सूचना दी. पुलिस छात्रा से पूछताछ करने आई. इसमें उसे पता चला कि बोर्डिंग स्कूल के वार्डन ने छात्रा को प्रताड़ित किया और उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने 62 वर्षीय वार्डन सकायामारी को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन इसी बीच छात्रा की मौत हो गई. 19 जनवरी की रात को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. बताया गया है कि पूरा मामला सामने आने के बाद तिरुकट्टुपल्ली इलाके में हंगामे जैसा माहौल बन गया है.
लव जिहाद के नाम पर वायरल वीडियो की सच्चाई