ताजमहल (Taj Mahal) के बंद कमरों में क्या है? ये जानने के लिए दायर की गई याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच गुरुवार 12 मई को खारिज कर दी. ऐसा करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर खरी-खोटी भी सुनाई. कहा कि ऐसे तो आप कल को जज के चैम्बर खुलवाएंगे. और अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों ने बता दिया है कि ताजमहल के कमरे स्थायी रूप से बंद नहीं रहते, न ही वहां हिंदू देवताओं की मूर्ति का कोई प्रमाण मिला है. ये भी बताया कि इस इमारत में 22 कमरे नहीं बल्कि 100 सेल हैं जो सुरक्षा कारणों से आम जनता के लिए बंद रहते हैं.
ASI ने क्या कहा?
इंडिया टुडे के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद ने दावा किया है कि आगरा में कार्यरत रहने के दौरान उन्होंने ताजमहल के तालाबंद कमरों में कभी कोई धार्मिक मूर्ति या चिह्न नहीं देखा है. केके मुहम्मद ने कहा,
‘ताजमहल में तहखाने के कमरे सील नहीं किए गए हैं. उनमें सिर्फ ताले लगाए गए हैं, ताकि पर्यटक वहां न जा सकें. ASI इन सभी बेसमेंट के कमरों की देख-रेख करता है. जब मैं ASI का आगरा चीफ़ था तब मैंने उन कमरों के अंदर कोई धार्मिक चित्र या मूर्ति नहीं देखी.’
केके मुहम्मद कहते हैं कि 16 साल पहले इन बंद कमरों की गहन मरम्मत की गई थी. इसके अलावा इमारत की मजबूती जांचने के लिए साल 1993 में नेशनल जियोग्राफिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट और रुड़की यूनिवर्सिटी ने एक सर्वे किया था. इस सर्वे में कहा गया था कि ताजमहल में बेसमेंट की दीवारें 3 मीटर चौड़ी हैं. सर्वे के मुताबिक गुंबद के नीचे की वो जगह काफी ठोस है जहां मुमताज और शाहजहां की कब्रें हैं.
साल 1993 में ही भूकंप से जुड़े इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने भी ताजमहल में एक सर्वे किया था. जुलाई 1993 में इसकी रिपोर्ट जारी हुई थी. उस वक़्त ये कमरे खोले गए थे. केके मुहम्मद कहते हैं कि तनाव न बढ़े इसलिए रिसर्च स्कॉलर्स के लिए ताजमहल के बेसमेंट के कमरे खोले जा सकते हैं.
ASI के कुछ वर्तमान अधिकारियों ने भी अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट में जो तर्क दिए गए वो दो आधारों पर गलत हैं. एक, कमरे जिन्हें ऑफिशियली सेल कहा जाता है वो स्थायी रूप से बंद नहीं हैं. इन कमरों को हाल ही में कंजर्वेशन के काम के लिए खोला गया था. और दूसरा, अभी तक जिन भी रेकॉर्ड्स की जांच हुई है, वे अंदर किसी मूर्ति के होने की तरफ़ इशारा नहीं करते हैं.
एक सीनियर अधिकारी की निगरानी में 3 महीने पहले ही ताजमहल में मरम्मत का काम हुआ है. इस अधिकारी ने अख़बार को बताया,
‘याचिकाकर्ता का ये दावा गलत है कि 22 कमरे पूरी तरह बंद हैं. क्योंकि एक तय वक़्त पर दरारों को भरने, दोबारा प्लास्टर करने और इमारत के नवीनीकरण का काम किया जाता है. अभी हाल ही में जो काम हुआ है उसमें 6 लाख रुपए का खर्च आया था. और अब तक जिन भी रेकॉर्ड्स और रिपोर्ट्स को रिव्यू किया गया है, किसी में भी मूर्तियों के अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं मिला है.’
कुल कितने कमरे बंद हैं?
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक़ ASI के अधिकारियों ने बताया कि ताजमहल परिसर के अलग-अलग हिस्सों में कुल मिलाकर 100 से ज्यादा सेल हैं. जो सुरक्षा के लिहाज से आम जनता के लिए बंद हैं.
एक दूसरे अधिकारी ने जोड़ा कि स्मारक के परिसर में जो 100 सेल पब्लिक के लिए बंद हैं, वो बेसमेंट में मुख्य मकबरे की ऊपरी मंजिलों पर, चारों मीनारों में, बावलियों में और पूर्व, पश्चिम और उत्तरी दिशा में चमेली फ्लोर पर हैं. और सिर्फ ताजमहल नहीं, बल्कि आगरा के किला और फतेहपुर सीकरी जैसे दूसरे स्मारक स्थलों में भी सुरक्षा कारणों से जनता के लिए कई हिस्से बंद रहते हैं.
धार्मिक रंग देने की कोशिश
‘ताजमहल या तेजो महालय’, इस सवाल को कई लोग सीधे-सीधे सांप्रदायिक राजनीति से जोड़ते हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इतिहास पढ़ाने वाले नदीम रिजवी भी ऐसा मानते हैं. इंडिया टुडे से हुई बातचीत में नदीम कहते हैं कि ताजमहल को बेकार में ही धार्मिक रंग दिया जा रहा है. नदीम बोले,
‘300 सालों से ताजमहल का तहखाना और दूसरे हिस्से खुले हुए थे. कई पीढ़ियों ने ताज के परिसर का एक-एक इंच देखा है. कहीं भी कोई धार्मिक चिह्न नहीं है. आज ताजमहल के कुछ हिस्से धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए बंद किए गए हैं. सुरक्षा के लिए ऐसे कदम पूरे देश के सभी स्मारकों में उठाए गए हैं, लेकिन ताज की तरह किसी और स्मारक पर कभी कोई विवाद नहीं हुआ. ‘
रिजवी कहते हैं कि अगर ताजमहल के तहखाने के कमरे खोले जाएं तो ऐसा कोर्ट की निगरानी में ही हो और पूरे वक़्त वीडियोग्राफी करवाई जाए.
वहीं डॉ. बी.आर. आंबेडकर यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफ़ेसर सुगम आनंद कहते हैं कि इस विवाद को हमेशा के लिए खत्म करना है तो ASI को कमरे खोलकर उनकी वीडियोग्राफी करवाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हालांकि सुगम ये भी कहते हैं कि ताजमहल के हर हिस्से को पर्यटकों के लिए खोल देना भी समझदारी नहीं होगी.
पिछला वीडियो देखें: ताजमहल में क्या है सबसे खास, जिसे ज्यादातर लोग नहीं देख पाते लेकिन आप देख सकते हैं