सोशल मीडिया पर इस समय एक लेटर बहुत वायरल हो रहा है. अब्दुल राशिद शोरा की तरफ़ से जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को लिखा गया लेटर. अब्दुल राशिद शोरा छात्रनेता और एक्टिविस्ट शेहला राशिद के पिता हैं. इस लेटर में शोरा ने लिखा है कि शेहला से उन्हें अपनी जान को ख़तरा महसूस हो रहा है. उन्होंने ये भी लिखा है कि इसमें शेहला को अपनी बड़ी बहन अस्मा राशिद, मां ज़ुबैदा शोरा और गार्ड साक़िब अहमद का साथ मिल रहा है. हालांकि, शेहला राशिद ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनके पिता शेहला की मां और बहन के साथ हिंसा करते रहे हैं, और बचने के लिए ये पैंतरे आज़मा रहे हैं.
पहले अब्दुल राशिद शोरा का लेटर
इस लेटर में अब्दुल राशिद शोरा ने लिखा कि ये 2017 में शुरू हुआ जब शेहला ने नेशनल कॉन्फ़्रेन्स और बाद में जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूव्मेंट पार्टी की सदस्यता ली. अब्दुल ने कहा है कि ये उनके लिए झटके जैसा था, क्योंकि जब शेहला CPI-M की सदस्य थी तब जम्मू-कश्मीर की राजनीति में उतरने की उसकी कोई इच्छा नहीं थी.

इसके बाद अपने पत्र में अब्दुल राशि ने 2017 की घटना का ज़िक्र किया है. उन्होंने लिखा,
“2017 में UAPA के तहत जहूर वटाली की गिरफ़्तारी हुई थी. अरेस्ट के दो महीने पहले जहूर और पूर्व विधायक रशीद इंजीनियर ने मुझे वटाली के सनत नगर में मौजूद घर पर बुलाया. शेहला उस समय पीएचडी के आख़िरी सेमेस्टर में थी. मिलने के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूव्मेंट पार्टी के लॉन्च का ट्रेलर दिखाया, और शेहला को इससे जोड़ने की ख़्वाहिश जतायी. उन्होंने शेहला को जोड़ने के लिए 3 करोड़ रुपए देने की पेशकश की. मुझे अन्दाज़ हुआ कि पैसे ग़ैरक़ानूनी तरीक़ों से आ रहे हैं. और मैंने अपनी बेटी से कहा कि इन लोगों के साथ किसी लेनदेन में हिस्सा न ले.”

अब्दुल ने आगे लिखा है कि लेकिन शेहला को उसकी बड़ी बहन और मां ने सपोर्ट किया. और उनके साथ साक़िब अहमद भी था, जो अपने साथ पिस्टल रखता था और शेहला ने ये कहकर मिलवाया था कि वो उसका बॉडीगार्ड है.
अब्दुल ने आरोप लगाए हैं कि शेहला ने चोरी छिपे जहूर और रशीद से पैसे ले लिए, और अब्दुल से कहा कि वो और किसी से इस बारे में न बताएं. अब्दुल ने लिखा है कि उन्हें पक्का यक़ीन है कि उनके घर में राष्ट्रविरोधी हरकतें हो रही हैं, जिसमें शेहला, उसकी बड़ी बहन और मां के साथ-साथ साकिब अहमद भी शामिल है.

इसके बाद अब्दुल ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें बेटी-पत्नी द्वारा जान से मारने की धमकी दी जा रही है. साथ ही उन्हें घर से निकालने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत फ़र्ज़ी मुक़दमा किया गया है, जिसके बाद श्रीनगर के मुंसफ कोर्ट ने उनके घर में घुसने पर रोक लगा दी. बाद में एडिशनल सेशंस जज ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ घर में रहने की अनुमति दी, लेकिन स्थानीय पुलिस भी कोर्ट के आदेश का पालन करवा पाने में असफल रही. अब्दुल ने कहा है कि उन्हें घर पर साक़िब और उसके हथियारबंद सहयोगियों द्वारा धमकाया गया.
अब्दुल ने मांग की है कि घर में घुसने में स्थानीय पुलिस उनकी मदद करे और साथ ही शेहला, अस्मा, ज़ुबैदा, साकिब, जहूर, रशीद के खिलाफ़ जांच करने की मांग की.
शेहला राशिद की सफ़ाई
शेहला राशिद ने ट्वीट किया,
‘आप सभी मेरे पिता द्वारा लिखा गया लेटर पढ़ चुके होंगे. लेकिन कम शब्दों में कहें तो वो पत्नी को पीटने वाले एक बेगैरत इंसान हैं. और जब हमने उनके खिलाफ़ कार्रवाई करने का सोचा तो वो ये स्टंट करने लगे. ‘
2) This is not a political matter, as it has been going on ever since I came to senses.
Exhibit 1: Letter to him from Mohalla Committee in 2005 asking him not to abuse us. pic.twitter.com/bgpCNyW3e3
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) November 30, 2020
इसके बाद शेहला ने 2005 का मोहल्ला कमिटी का लेटर भी शेयर किया, जो अब्दुल राशिद शोरा के नाम था. इस लेटर में अब्दुल राशिद शोरा से आग्रह किया गया था कि वो घर में हिंसा न करें. शेहला राशिद ने ये भी कहा है कि चूंकि कोर्ट द्वारा उन्हें घर में घुसने से रोक दिया गया था, ऐसे में पूरे केस को रास्ते से भटकाने के लिए वो इस तरह के पैंतरे आज़मा रहे हैं.
4) One may talk endlessly about justice, but charity really does begin at home. We have finally decided to not bear abuse silently, as silence only emboldens abusers.
Here’s the court order restraining him from entering home dated 17-11-2020. Anything he says is an afterthought pic.twitter.com/2rD4EQxcMV
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) November 30, 2020
शेहला ने कोर्ट का आदेश भी शेयर करते हुए कहा है कि मेरे पिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम उनके खिलाफ़ बोलेंगे, या कोई कार्रवाई करेंगे.
साथ ही शेहला ने पूरे प्रकरण पर एक और लाइन लिखी है : ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
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