जबसे बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने मज़दूरों को घर भेजने का सिलसिला शुरू किया था, उनके पॉलिटिक्स में आने पर कयास लगने शुरू हो गए थे. लोग बस पार्टी डिसाइड नहीं कर पा रहे थे. अब सोनू सूद ने इस सवाल का सीधा जवाब दे दिया है. जवाब है, कोई भी पार्टी जॉइन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें शिवसेना या उसके नेतृत्व के साथ कोई दिक्कत नहीं है. ना ही कोई उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. वो किसी भी राजनीतिक दल का प्रचार नहीं करना चाहते हैं. सिर्फ अपने एक्टिंग करियर पर फोकस करना चाहते हैं.
सोनू सूद ने क्या- क्या कहा
राजनीति में आने या किसी पार्टी में आने के सवाल पर सोनू सूद ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीतमें कहा कि वह कैंपेन नहीं करेंगे. हालांकि उन्हें पहले भी कैंपेनिंग के ऑफर आए हैं. सोनू ने कहा,
मुंबई के चुनावों या अन्य किसी भी चुनाव में मैं भाजपा या किसी भी पार्टी के लिए कैंपेन नहीं करूंगा. ज्यादातर जब कोई एक्टर किसी पार्टी के लिए प्रचार करता है, तो ऐसा नहीं है कि वे हमेशा उनका समर्थन करता है, वो एक प्रकार की उपस्थिति मात्र होती है.
उनसे पूछने पर कि भाजपा या किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे, उन्होंने कहा,
ये अटकलें सच नहीं हैं. मैं राजनीति या किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं. मैं एक इंजीनियर था लेकिन एक्टर बन गया और अभी वही मेरा फोकस है.
सोनू सूद ने स्वीकार किया कि वह नरेंद्र मोदी के प्रशंसक हैं. उन्होंने कहा,
मुझे उनका लोगों के साथ जुड़ने का तरीका पसंद है. वह प्रेरणा स्रोत हैं. मैं उन्हें देखता रहता हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं भाजपा में शामिल ही हो रहा हूं.
सोनू सूद ने यह भी बताया कि उन्हें अपने गृह राज्य पंजाब में राजनीति में शामिल होने के प्रस्ताव था लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया था. उन्होंने कहा,
पंजाब में, मैं सभी (राजनेताओं) को बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ जैसे कि कैप्टन (अमरिंदर सिंह) . मुझसे शिरोमणि अकाली दल (SAD) और कांग्रेस दोनों ने पूछा था कि क्या मैं पंजाब में चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं या उनके लिए कोई राजनीतिक एक्टिविटी कर सकता हूं? लेकिन मैंने कहा नहीं … औऱ बात वहीं खत्म हो गई.
कोई पैदल नहीं जाएगा
सोनू ने कहा कि मेरा एकमात्र उद्देश्य है कोई पैदल नहीं जाएगा. वो बच्चे हजारों- हजार किलोमीटर पैदल चल कर यूपी-बिहार नहीं जा सकते. सोनू सूद ने बताया कि लोगों के घर भेजने में उन्होंने अपने दोस्त नीति गोयल की मदद ली. उन्होंने कहा,
जब उन्होंने लोगों को घर भेजने और यात्रा वगैरह की परमिशन ली तो कई और लोग इसमें शामिल हुए. मैंने अधिकारियों से बात करके अपने स्तर से प्रोसेस समझ लिया था.
सोनू सूद ने कहा कि वह अगर किसी पार्टी से ताल्लुक रखते तो चीजें कभी नहीं चल पातीं. उन्होंने कहा,
मैंने यूपी से लेकर बिहार, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, झारखंड, ओडिशा और केरल तक सभी राज्यों के अधिकारियों के साथ काम किया. इन राज्यों में विभिन्न दलों की सरकारें हैं और मैंने उन सभी के साथ काम किया. मेरा मकसद प्रवासियों को घर पहुंचने में मदद करना था. अब मेरे संपर्क में तमाम राज्यों के छोटे जिलों से भी डीसीपी, एडीएम, डीएम के कॉन्टेक्ट्स हैं. मैं उनसे पर्सनली बात करता हूं. प्रोसेस समझता हूं. एक बार सब कुछ क्लियर हो जाने के बाद, प्रवासी घर पहुंच जाते हैं. इसलिये यह मायने ही नहीं रखता है कि लोग मुझ पर क्या आरोप लगाते हैं.
कुछ दिनों पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने ‘सामना’ में सोनू सूद की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि वह बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. इस पर सोनू ने कहा,
मुझे पूरे विवाद की जानकारी नहीं थी. लोगों ने मुझे फोन करना शुरू कर दिया और फिर मेरे बहुत अच्छे दोस्त, कांग्रेस के असलम शेख ने भी फोन किया और पूछा कि क्या मैं इस पर कुछ भी स्पष्ट करना चाहता हूं? इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं एक बार उद्धव ठाकरे और आदित्य से मिलना चाहूंगा. और मैं मिला. राउत ने जो लिखा वह सच नहीं था. ठाकरे भी जानते थे कि यह सही नहीं था. वे मुझे बहुत पहले से जानते हैं. हमारी पूरी मीटिंग का निष्कर्ष यह था कि हम सभी प्रवासियों की मदद करना चाहते थे. उन्होंने मेरे काम की सराहना भी की और हर तरह की मदद की बात भी कही. मैं राज्य सरकार के समर्थन के बिना महाराष्ट्र में कुछ नहीं कर सकता.
शिवसेना के काम पर सोनू सूद ने क्या कहा
सोनू से जब शिवसेना के काम पर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया,
मैंने कहीं नहीं कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार ने कुछ नहीं किया है. उन्होंने जबरदस्त काम किया है, मुंबई को संभालना आसान नहीं है. प्रवासियों की मदद करने का यह मेरा तरीका था. पहले ही दिन मुझे घर जाने के इच्छुक लोगों से 50,000 से अधिक अनुरोध मिले. मैंने उद्धव और आदित्य को भी बताया कि मैं उनकी मदद करना चाहता हूं.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बारे में सोनू ने कहा,
वह (महाराष्ट्र के राज्यपाल) सिर्फ मुझे धन्यवाद देना चाहते थे. मुझे पंजाब के राज्यपाल, पंजाब के सीएम और उत्तराखंड से भी बधाई मिली. उनमें से कई ने मुझे फोन किया या मुझे सोशल मीडिया पर बधाई दी लेकिन जब मैं महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिला, तो सारा मामला पूरी तरह से संदर्भ से बाहर था. मेरे काम के लिए प्रियंका गांधी ने मुझे सबसे पहले फोन किया और बधाई दी.
सूद ने बताया कि अब तक उन्होंने 30,000 लोगों को घर भेज दिया है और उन्हें उनके दोस्तों से भी आर्थिक मदद मिली है.
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