झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कमरा दिए जाने पर भाजपा ने भी एक मांग रख दी
भाजपा विधायक विरंची नारायण हत्थे से उखड़े.
Advertisement
झारखंड विधानसभा भवन में नमाज पढ़ने के लिए अलग से एक कमरा आवंटित किया गया है. 2 सितंबर को विधानसभा सचिवालय की तरफ से ये आदेश जारी किया गया और आदेश आते ही इस पर विवाद हो गया. भाजपा इस पर हत्थे से उखड़ गई है और मांग रख दी है कि अगर नमाज के लिए कमरा अलग से दिया जा सकता है तो विधानसभा परिसर में हनुमान मंदिर का भी निर्माण कराया जाए.
विधानसभा में कमरा नंबर TW 348 मुस्लिम विधायकों के नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है. भाजपा विधायक विरंची नारायण ने नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित किए जाने के बाद से हिंदुओं के लिए भी हनुमान चालीसा पढ़ने और बाकी समुदाय के लोगों के लिए भी ज़रूरत के अनुसार कमरा उपलब्ध कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि –
“मेरी मांग है कि ठीक उसी प्रकार हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म एवं झारखंड में जितने भी अन्य धर्म और मत-मतांतर के मानने वाले लोग हैं, उनके लिए भी अलग-अलग उपासना कक्ष आवंटित किया जाए. ताकि मुस्लिम धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्म के लोग भी अपने-अपने धर्म के अनुसार उक्त उपासना कक्ष में उपासना/प्रार्थना कर सकें.”विरंची नारायण बोकारो से विधायक हैं. उन्होंने कहा –
“सरकार मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए अपना हर हथकंडा अपना रही है. चाहे नई नियोजन नीति में मुस्लिम समाज को विशेष तरजीह देने की बात हो या अन्य बातें. बहुत दुख होता है जब आप धर्म या भाषा के आधार पर किसी समाज विशेष को लाभ पहुंचाने का हथकंडा अपनाते हैं. अब विधानसभा ने सरकार की राह पर चलते हुए कमरा अलॉट किया है, जहां मुस्लिम समाज के लोग बैठकर नमाज पढ़ सकेंगे. तो जब मुस्लिम समाज नमाज अदा कर सकते हैं तो हिंदू धर्मावलंबी हनुमान चालीसा क्यों न पढ़ें?”विरंची नारायण ने ये भी कहा कि चूंकि हिंदू विधायक संख्या बल में ज़्यादा हैं इसलिए कम से कम 5 कमरे की बराबर जगह उन्हें मंदिर बनाने के लिए दी जाए. भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी ने कहा कि विधानसभा भवन लोकतंत्र का मंदिर है और उसे लोकतंत्र का मंदिर ही रहने देना चाहिए. भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा कि वे नमाज के ख़िलाफ नहीं हैं लेकिन फिर मंदिर निर्माण के लिए भी जगह दी जानी चाहिए.
वहीं विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र महतो ने आज तक से बात करते हुए कहा कि ये कोई नई व्यवस्था नहीं है बल्कि ये व्यवस्था तब भी थी जब बिहार और झारखंड एक थे. उन्होंने कहा कि पुराने विधानसभा भवन में ये व्यवस्था थी और अब विधानसभा नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुई है तो इसे जारी रखा गया है.In an order issued on September 2nd, it is stated that room number TW 348, in the new Assembly building of Jharkhand, has been allotted to offer the Namaz: Jharkhand Vidhan Sabha Secretariat
— ANI (@ANI) September 4, 2021