The Lallantop
Advertisement

देशभर में डॉक्टरों ने इमरजेंसी सर्विस बंद की, आखिर NEET PG काउंसलिंग में देरी की वजह क्या है?

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने हड़ताल बंद करने की अपील की है.

Advertisement
Img The Lallantop
गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर्स. (तस्वीर- पीटीआई)
7 दिसंबर 2021 (Updated: 7 दिसंबर 2021, 13:32 IST)
Updated: 7 दिसंबर 2021 13:32 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने राजस्थान समेत देश के कई हिस्सों में हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डाक्टर्स से विरोध वापस लेने की अपील की है. नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट, पोस्ट ग्रेजुएट (यानी NEET PG) की काउंसलिंग में लगभग एक साल की देरी हो चुकी है. इसी से नाराज कई रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बयान जारी कर उनसे ये कहा है,
हड़ताल करने वाले डॉक्टर्स से अपील है कि ड्यूटी पर लौटें और (इस मुद्दे पर) स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्री को समर्थन दें, जो मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
बयान में आगे कहा गया,
अगर आप ड्यूटी पर लौटते हैं तो इस चुनौतीपूर्ण समय में देश को राष्ट्रवादी, नैतिकता का मजबूत संदेश मिलेगा. खासकर देश के गरीब और आम लोगों के लिए ये बहुत ही अच्छा फैसला होगा.

हड़ताल की वजह क्या है?


दरअसल नीट पीजी की प्रवेश परीक्षा में EWS आरक्षण देने के लिए जरूरी आय सीमा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इसी वजह से केंद्र सरकार ने नीट पीजी काउंसलिंग को रोका हुआ है. शीर्ष अदालत में इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2022 को होनी है. ऐसे में काउंसलिंग में और देरी हो रही है, जिससे डॉक्टर्स काफी नाराज हैं और हड़ताल का रास्ता अपना रहे हैं.
Doctors Strike Over Neet Pg Counseling 2021 Postponement
अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर्स. (तस्वीर- पीटीआई)

खबरों की मानें तो काउंसलिंग में देरी की वजह से हजारों नए डॉक्टर अस्पताल नहीं आ पा रहे हैं. इसके चलते राजस्थान के कई जिलों, दिल्ली और अन्य राज्यों के डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे हैं. कुछ जगहों पर तो इमरजेंसी सेवा भी बंद कर दी गई है. दैनिक जागरण की एक ख़बर के अनुसार रेजिडेंट डाक्टर्स के संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने चेतावनी देते हुए कहा था कि 6 दिसंबर से देशभर के अधिकतर बड़े अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा बंद रहेगी.   FORDA ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर भी मांग की है कि NEET की काउंसलिंग जल्द कराई जाए. उसने पत्र में ये भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इमरजेंसी सेवा बंद कर दी जाएगी.
neet protest
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने हड़ताल बंद करने की अपील की है. (तस्वीर इंडिया टुडे)

FORDA के मुताबिक, डॉक्टरों की केंद्रीय स्वास्थ मंत्री के साथ बैठक पहले भी बैठक हो चुकी है. उसका कहना है कि 27 नवंबर को हुई बैठक में स्वास्थ मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस मसले का हल जल्द निकलेगा. लेकिन उस आश्वासन पर सरकार ने अमल नहीं किया जिसकी वजह से कई दिनों के विरोध के बाद इमरजेंसी सर्विस बंद करने की भी घोषणा की गई.

'राष्ट्रवाद के नाम पर बेवकूफ ना बनाएं'


इस मुद्दे पर रेजिडेंट डाक्टर्स के अलावा सामान्य लोगों में भी गुस्सा देखा जा रहा है. ट्विटर पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. हेमंत राजौरा नाम के यूजर ने कहा,
कैटरीना-विक्की कौशल की रॉयल वेडिंग हो रही है, ये तो सबको बता दिया. एक साल से नीट काउंसलिंग लेट होने से 45 हजार नए डॉक्टर अस्पताल नहीं आ पा रहे, ये मुद्दा कभी नहीं उठा. ऑपरेशन थियेटर में 14 घंटे काम करने के बाद एक डॉक्टर ने मीडिया से पूछा.

 

अंकित शुक्ल ने लिखा,
जूनियर डॉक्टर्स की स्ट्राइक का 11वां दिन. ओपीडी सेवाएं बंद हैं. जूनियर डॉक्टर्स के मुताबिक नीट पीजी काउंसलिंग को लेकर जल्द फैसला नहीं हुआ तो इमरजेंसी सेवाएं भी बाधित हो जाएंगी. मालूम हो ओमिक्रॉन के खतरे के बीच तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इनकी परेशानी भी जायज है.
वहीं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की हड़ताल खत्म करने की अपील पर भी कुछ लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. डॉक्टर जुबैर नाम के ट्विटर यूजर ने कहा
, 'राष्ट्रवाद के नाम पर हमें बेवकूफ ना बनाएं. आपका राष्ट्रवाद तब कहां गया था जब हम हर हफ्ते 80 से 90 घंटे काम कर रहे थे. जब पीजी स्टूडेंट्स की काउंसलिंग में देरी हो रही थी. 27 नवंबर को FORDA ने नोटिस जारी किया था, तब सरकार और मीडिया क्यों सो रहे थे. जज्बात का खेल मत खेलिए. सीधी बात है, काउंसलिंग शुरू करिेए.'

thumbnail

Advertisement