रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने ऑनलाइन बैंकिंग और फ़ोन बैंकिंग यूज़र्स के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. शुक्रवार 8 अक्टूबर को RBI ने बताया कि उसने IMPS ट्रांज़ैक्शन यानी तत्काल पैसे भेजने की सीमा बढ़ा दी है. RBI के मुताबिक, अब ऐसे हरेक ट्रांज़ैक्शन की सीमा को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है. RBI ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 3 दिनों तक चली बैठक के बाद ये घोषणा की है. MPC की बैठक 6 से 8 अक्टूबर तक चली. MPC देश में बैंकिंग से जुड़े अहम फ़ैसले लेती है और ब्याज दर तय करती है.
RBI गवर्नर ने दी जानकारी
इस फैसले की जानकारी देते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने स्टेट्मेंट में कहा,
“तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) अलग-अलग माध्यम से 24 घंटे, सातों दिन पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देती है. IMPS प्रणाली के महत्त्व, यूज़र्स की बढ़ती हुई ज़रूरतें और लोगों की सुविधा के लिए, एक ट्रांज़ैक्शन की लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है.”
RBI ने प्रेस रिलीज़ में आगे कहा कि लेनदेन में IMPS की ज़रूरत को देखते हुए SMS और IVRS के अलावा बाक़ी सभी तरीक़ों से किए जाने वाले हर एक ट्रांज़ैक्शन की लिमिट 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है. RBI का दावा है कि इससे डिजिटल लेनदेन में और बढ़ोतरी होगी और यूज़र्स को 2 लाख रुपए से ज़्यादा के डिजिटल ट्रांज़ैक्शन करने में मदद मिलेगी.

क्या है IMPS?
ये भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NCPI) द्वारा दी गई एक सुविधा है. जनवरी 2014 से IMPS की शुरुआत हुई थी. ये सेवा कुछ ही सालों में एक ज़रूरी डिजिटल लेनदेन का तरीक़ा बन गया है. इसमें 24 घंटे तत्काल पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है. इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, बैंक के ब्रांच, एटीएम, एसएमएस और IVRS के ज़रिए IMPS किया जा सकता है.
अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत
यहां तक तो हो गई पैसों के डिजिटल लेनदेन की बात. अब बात अर्थव्यवस्था की. RBI ने MPC की बैठक के अंत में और भी कई घोषणाएं की हैं. उसने दावा किया है कि कोविड महामारी की दूसरे लहर के बाद अर्थव्यवस्था रिकवरी के संकेत दे रही है.
इसके अलावा RBI ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है. RBI ने आख़िरी बार 22 मई, 2020 को रेपो रेट में बदलाव किया था. गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि MPC ने ब्याज दर को बरकरार रखने का फ़ैसला सर्वसम्मति से लिया है.
शॉर्ट में समझ लीजिए रेपो रेट क्या होता है
भारतीय रिजर्व बैंक जिस दर पर बैंकों को लोन या कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. इसी लोन की बदौलत बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज की सुविधा देते हैं. बताया जाता है कि अगर रेपो रेट कम रहता है तो बैंक से मिलने वाले सभी प्रकार के कर्ज सस्ते हो जाते हैं. रिवर्स रेपो रेट भी जान लीजिए. बैंकों को रिजर्व बैंक में पैसा जमा कराने पर जिस दर से ब्याज मिलता है उसे कहते हैं रिवर्स रेपो रेट.
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