राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे का बयान आया है. वसुंधरा अभी तक इस मामले में एकदम किनारे और मौन रही हैं. हालांकि 18 जुलाई को उन्होंने अशोक गहलोत की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया.
क्या कहा वसुंधरा राजे ने?
वसुंधरा ने चार मुद्दों के जरिए गहलोत सरकार और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने लिखा,
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के आंतरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है.
# ऐसे समय में जब हमारे प्रदेश में कोरोना से 500 से अधिक मौतें हो चुकी है और करीब 28 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव हैं
# ऐसे समय में जब टिड्डी हमारे किसानों के खेतों पर लगातार हमले कर रही हैं…
# ऐसे समय में जब हमारी महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी है…
# ऐसे समय में जब प्रदेशभर में बिजली समस्या चरम पर है…और ये तो केवल मैं कुछ ही समस्याएं बता रही हूं.
कांग्रेस, बीजेपी और बीजेपी नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है.
सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए.
कभी तो जनता के बारे में सोचिए!
#RajasthanFirst pic.twitter.com/Qzq1iv0Yuy
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 18, 2020
वसुंधरा का बयान ऐसे समय में आया है जब उन पर गहलोत सरकार को बचाने का आरोप लग रहा है. बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरएलपी के मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह आरोप लगाया था.
पात्रा ने फोन टैपिंग पर पूछे सवाल
इससे पहले कांग्रेस और बीजेपी ने ऑडियो क्लिप के मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ऑडियो क्लिप की सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो कुछ हो रहा है, वह कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई है जो अब सड़क पर आ गई. दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही वहां पर गहलोत और पायलट में कोल्ड वॉर चल रही थी. पात्रा ने फोन टैपिंग के मुद्दे पर गहलोत से पूछा,
किस अधिकार के साथ फोन टैपिंग की गई? अगर की गई तो क्या यह एक संवेदनशील और कानूनी मामला नहीं है? क्या इसके लिए प्रक्रिया का पालन हुआ? क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है? राजस्थान के लोग जानना चाहते हैं कि क्या प्राइवेसी से समझौता किया गया.
पात्रा ने कहा कि फोन टेपिंग नियमों और एक प्रक्रिया के तहत सुरक्षा कारणों को नज़र में रखते हुए अधिकृत एजेंसियां ही कर सकती हैं. इस तरह के मामले की समीक्षा केंद्र में कैबिनेट सचिव और राज्य में राज्य सचिव करता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग करती है.
LIVE: Dr @sambitswaraj addresses a press conference at BJP headquarters in New Delhi. https://t.co/Q9ufqpVsZH
— BJP (@BJP4India) July 18, 2020
पवन खेड़ा ने नीयत को लेकर बीजेपी को घेरा
इधर, कांग्रेस की ओर से पवन खेड़ा ने मोर्चा संभाला. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी को केवल फोन रिकॉर्डिंग की बात पर आपत्ति है. इससे बीजेपी ने खरीद-फरोख्त की बात को मान लिया है. उन्होंने कहा,
बस यह शिकायत है कि जब यह सब हो रहा था तो उसकी रिकॉर्डिंग क्यों हो रही थी. यानी की चोर मान रहा है कि वह चोरी कर रहा है, मात्र यह जानना चाहता है कि जब वह चोरी कर रहा था तो वहां कैमरा क्यों लगा हुआ था.
खेड़ा ने कहा कि फोन टैप किए जाने का आरोप किसी कांग्रेस विधायक ने नहीं लगाया. लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ऐसा आरोप लगा रहे हैं. सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों को हरियाणा सरकार सुरक्षा दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि अब उन विधायकों को कर्नाटक ले जाने की कोशिश की जा रही है.
LIVE: Congress Party Press Briefing by Shri @Pawankhera, Spokesperson, AICC via video conferencing https://t.co/r3aHWPhDwi
— Congress (@INCIndia) July 18, 2020
16 जुलाई को सामने आई थी ऑडियो क्लिप
कांग्रेस ने 16 जुलाई की शाम को तीन ऑडियो क्लिप जारी किए थे. साथ ही आरोप लगाया था कि इनमें गहलोत सरकार को गिराए जाने की साजिश रची जा रही है. साजिश में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, विश्वेंद्र सिंह और संजय जैन नाम के दलाल के शामिल होने का आरोप लगाया. इस मामले में राजद्रोह का केस दर्ज किया जा चुका है. साथ ही संजय जैन की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.

राजस्थान कांग्रेस ने पूछा- कहां हैं सचिन पायलट?
18 जुलाई को जयपुर में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि वे लोग रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. लेकिन सचिन पायलट कहां हैं? पायलट कैंप के बाकी विधायक कहां हैं? वे लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं कर रहे? उनसे (पायलट खेमा) पूछा जाना चाहिए कि किसके खर्च पर वे हरियाणा के होटल में रुके हैं?
मायावती बोलीं- राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए
इन सबके बीच बसपा ने भी राजस्थानी के सियासी रण में एंट्री की है. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कांग्रेस और अशोक गहलोत को घेरा है. उन्होंने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की. मायावती ने कहा कि गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन किया. उन्होंने बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी की और पार्टी विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया. अब फोन टेप करके एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है. राजस्थान में अभी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक और सरकारी अस्थिरता है. ऐसे में राज्यपाल को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए.
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