पहली बार पोप फ्रांसिस से मिले PM मोदी, 20 मिनट की मुलाकात एक घंटे में बदल गई!
पोप को भारत आने का न्यौता भी दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 30 अक्टूबर को पोप फ्रांसिस से मुलाकात की. ये मुलाकात वैटिकन सिटी में हुई. मुलाकात के लिए पहले 20 मिनट का समय तय था, लेकिन ये एक घंटे तक चली. 1999 में पोप जॉन पॉल द्वितीय से अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात के बाद, किसी पोप से भारतीय प्रधानमंत्री की मुलाकात अब हो रही है.
मोदी के प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान पोप को भारत आने का न्योता दिया गया है. वैटिकन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मोदी के साथ मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने वैटिकन सिटी के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से भी मुलाकात की.
दोनों ने धरती को बेहतर बनाने के लिये जलवायु परिवर्तन से लड़ने और गरीबी को दूर करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की. इस ऐतिहासिक बैठक से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि प्रधानमंत्री की पोप के साथ अलग से बैठक होगी. श्रृंगला ने कहा था कि प्रधानमंत्री पोप फ्रांसिस से वैटिकन सिटी में भेंट करेंगे, और उसके बाद वह जी 20 सत्रों में भाग लेंगे, जहां वह और भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. श्रृंगला ने कहा था, ‘‘ मेरा मानना है कि परंपरा है कि जब पोप से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं. मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है, चर्चा में शामिल होंगे. पोप से मुलाकात से पहले शुक्रवार शाम इटली में प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की. इस दौरान मोदी ने उन लोगों से कई मुद्दों पर बात की और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती देने के लिए धन्यवाद भी दिया. साथ मोदी ने उन लोगों से भी मुलाकात की जो भारत से शैक्षिक और आध्यात्मिक रूप से जुड़े हैं.At the Vatican City, PM @narendramodi had a meeting with Pope Francis. @Pontifex pic.twitter.com/o9OobfIBkL
— PMO India (@PMOIndia) October 30, 2021
पोप फ्रांसिस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि भारत एक जीवंत और समावेशी लोकतंत्र है, जहां ईसाई समुदाय ने राजनीति, फिल्म, व्यापार और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' की राह पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया के सबसे बड़े ईसाई समुदाय के सर्वोच्च प्रमुख के बीच बैठक इतिहास की किताबों के लिए उपयुक्त अवसर है. यह शांति, सद्भाव और अंतर-धार्मिक संवाद की दिशा में एक बड़ा कदम है.In Rome last evening, I had a great interaction with members of the Indian diaspora in Italy, those who are studying about India and those who have developed a close bond with our nation over the years. It was wonderful to hear their views on diverse topics. pic.twitter.com/D2jq845R7D
— Narendra Modi (@narendramodi) October 30, 2021
वहीं RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने कहा कि एक राष्ट्राध्यक्ष का दूसरे राष्ट्राध्यक्ष से मिलना स्वाभाविक है. हम इस बैठक का स्वागत करते हैं क्योंकि हम 'वसुधैव कुटुम्बकम' में विश्वास करते हैं.India is a vibrant and inclusive democracy, where the Christian community has played a pivotal role in areas like politics, films, business & armed forces. Under Modi Ji’s leadership India is marching ahead on the path of ‘Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas, Sabka Prayas’.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 30, 2021