The Lallantop
Advertisement

बूस्टर डोज लगवाने से पहले सरकार ने बुजुर्गों की बड़ी सिरदर्दी खत्म कर दी

स्वास्थ्य सचिव राकेश भूषण ने राज्यों के साथ बैठक में लिया अहम फैसला.

Advertisement
Img The Lallantop
स्वास्थ्य सचिव राकेश भूषण ने एक बैठक में यह फैसला लिया
28 दिसंबर 2021 (Updated: 28 दिसंबर 2021, 15:52 IST)
Updated: 28 दिसंबर 2021 15:52 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
कोविड-19 की बूस्टर या प्रिकॉशन डोज़ लेने के लिए 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को अब कोई मेडिकल सर्टिफ़िकेट दिखाने की आवश्यकता नहीं है. मंगलवार 28 दिसंबर को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने ये जानकारी दी. बूस्टर डोज़ को लेकर उन्होंने और भी कई गाइडलाइन्स जारी की हैं.

क्या बोली सरकार?

दुनिया के कई देशों के बाद अब भारत में भी कोरोना वायरस से बचने के लिए तीसरी वैक्सीन डोज़ मिलने जा रही है. मेडिकल एक्सपर्ट इसे बूस्टर डोज़ कह रहे हैं. हालांकि भारत सरकार इसे प्रिकॉशन डोज़ कह रही है. ये डोज 3 श्रेणी के लोगों को लगनी है. एक, कोरोना वॉरियर्स. मतलब डॉक्टर्स, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ. दो, फ्रंटलाइन वर्कर्स. यानी वे लोग जो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अलग-अलग भूमिका निभा रहे हैं. जैसे पुलिसकर्मी. और तीन, 60 वर्ष से ऊपर के नागरिक. इंडिया टुडे की ख़बर के अनुसार केंद्र सरकार ने कहा है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ लेने के लिए अब किसी तरह का मेडिकल सर्टिफ़िकेट दिखाने की आवश्यकता नहीं है. मंगलवार 28 दिसंबर को राज्यों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया. हालांकि बैठक में ये भी कहा गया कि बूस्टर डोज़ लेने से पहले ऐसे बुजुर्गों को अपने डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए. बुजुर्गों को बूस्टर डोज़ दिए जाने को लेकर सरकार के नए दिशा-निर्देश: 1) 60 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे लोगों को, जो पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, कोविड-19 वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ लेने के लिए किसी तरह के मेडिकल सर्टिफ़िकेट दिखाने की आवश्यकता नहीं है. 2) 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग डॉक्टर की पर्ची के बिना भी वैक्सीन की ये डोज़ ले सकते हैं. 3) हालांकि इन बुजुर्गों को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. 4) चुनाव ड्यूटी पर काम करने वालों को अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता श्रेणी में गिना जाएगा और बूस्टर डोज़ के लिए इन्हें पहले तरजीह दी जाएगी. 5) बूस्टर डोज़ के लिए उनकी पात्रता इस आधार पर तय होगी कि उन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज़ कब लिया था. दूसरे डोज़ के केवल नौ महीने बाद ही वे बूस्टर डोज़ लगवा सकते हैं. देश में क्या है कोरोना का हाल? केंद्र सरकार ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश के कई हिस्सों में ओमिक्रॉन का खतरा साफ बढ़ता दिख रहा है. ताजा अपडेट्स के मुताबिक मुंबई में कई महीनों बाद एक दिन में दर्ज हुए कोरोना मामलों की संख्या 1300 के पार चली गई है. एक मरीज की मौत होने की भी खबर है. वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी महीनों बाद एक दिन में करीब 500 नए संक्रमितों का पता चला है और एक संक्रमित की मौत की पुष्टि की गई है. इससे पहले खबर आई थी कि अब ओमिक्रॉन का खतरा देश के 21 राज्यों तक पहुंच गया है. अब तक देशभर में इसके 650 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement