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NEET-PG काउंसलिंग में OBC और EWS कोटे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? जानिए

इस फैसले के बाद जल्द ही काउंसलिंग शुरू होने की उम्मीद

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बाएं से दाएं. NEET PG काउंसलिंग शुरू करने के लिए विरोध प्रदर्शन करते डॉक्टर और सुप्रीम कोर्ट. (फोटो: PTI)
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7 जनवरी 2022 (Updated: 7 जनवरी 2022, 10:04 IST)
Updated: 7 जनवरी 2022 10:04 IST
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NEET PG काउंसलिंग में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस सत्र के लिए 27 फीसदी OBC कोटे को बरकरार रखने का आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद अब NEET PG की काउंसलिंग का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले 6 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि देश के हित में काउंसलिंग शुरू होना जरूरी है. इस पूरे मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की एक स्पेशल बेंच ने की. इस बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना शामिल थे. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अपना फैसला सुनाते हुए बेंच ने कई जरूरी बातें कहीं. अपने फैसले में बेंच ने पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी के सुझावों को भी मान लिया. यह कमेटी आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों यानी EWS कोटे की सीमा तय करने के लिए पिछले साल बनाई गई थी. इस कमेटी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो इस सत्र की काउंसलिंग के लिए EWS कोटे की नियम-शर्तों में किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं है. क्योंकि इस सत्र में EWS कोटे में छेड़छाड़ करने से बहुत पेचीदगी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी का सुझाव मानते हुए NEET PG काउंसलिंग के मौजूदा सत्र में 10 फीसदी आरक्षण जारी रखने का फैसला सुनाया. वित्त सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी में ICSSR के सदस्य सचिव प्रोफेसर वीके मल्होत्रा और केंद्र सरकार के प्रमुख वित्तीय सलाहकार संजीव सान्याल को शामिल किया गया था. कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि EWS कोटे के लिए 8 लाख रुपये सालाना आय की सीमा में कोई बदवाल नहीं किया जाएगा. हालांकि, कमेटी ने केंद्र सरकार को सलाह दी थी कि अगले साल से इस आय सीमा में बदलाव किया जा सकता है. EWS पर अंतिम सुनवाई मार्च में आय सीमा के अलावा कमेटी ने केंद्र सरकार को यह भी बताया था कि अगले सत्र से पांच एकड़ से कम कृषि भूमि रखने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को EWS कोटे में शामिल किया जाएगा. यानी अगली सिफारिश में ये साफ होगा कि जिन परिवारों के पास पांच एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि है, उनको EWS कोटे से बाहर रखा जाएगा चाहें कृषि भूमि पर फसल से उनको कितनी भी आमदनी होती हो. दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि पांडे कमेटी के सुझावों पर अंतिम सुनवाई इस साल मार्च के तीसरे सप्ताह में होगी. EWS कोटे के तहत अगले सत्र में होनी वाली काउंसलिंग इस फैसले पर ही निर्भर करेगी. बीते महीने NEET-PG काउंसलिंग में देरी को लेकर देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों और पुलिस में झड़प भी हुई थी. जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से पुलिस के ऊपर बर्बरता का आरोप लगाते हुए OPD सेवाओं को बंद कर दिया गया था. बाद में केंद्र सरकार ने डॉक्टरों को जल्द से जल्द काउंसलिंग शुरू करने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद डॉक्टरों की तरफ से विरोध प्रदर्शन समाप्त किया गया.

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