उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से 28 सितंबर को एक मामला सामने आया. शहर के तीन पुलिसवालों पर आरोप लगा कि उनकी पिटाई से कानपुर के एक व्यक्ति की मौत हो गई. पीड़ित मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर आया था और एक होटल में रुका था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आरोपी पुलिस देर रात होटल पहुंचे. वे मनीष गुप्ता समेत तीनों लोगों से पूछताछ करने लगे. बाद में खबर आई कि कथित रूप से पुलिस की पिटाई से मनीष गुप्ता की मौत हो गई.
मामले में पहले पहल पुलिस का ये पक्ष सामने आया कि घटना के समय मनीष नशे में थे, वो गिरे और सिर पर चोट आई, जिसके कारण मौत हो गई. इस बीच पुलिस अधिकारियों का एक वीडियो भी आया, जिसमें वो मृतक के परिजनों को केस न कराने की सलाह दे रहे हैं. लेकिन मामला बढ़ा तो 29 सितंबर को मामले में FIR दर्ज हुई और तीनों आरोपी पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज हुआ है. पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं.
मनीष और पुलिसवालों में बहस हुई थी
कानपुर के रहने वाले 35 वर्षीय मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप चौहान के साथ 27 सितंबर को गोरखपुर आए थे. अपने एक अन्य दोस्त से मिलने. ये सभी लोग गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाक़े के होटल कृष्णा पैलेस में रुके हुए थे. उसी रात क़रीब साढ़े 12 बजे रामगढ़ताल थाने की पुलिस जांच करने होटल पहुंची. कमरे का दरवाजा खटखटाकर खुलवाया गया. साथ में होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था. पुलिसवालों ने कहा कि चेकिंग हो रही है, ID प्रूफ़ दिखाओ. इतनी रात गए होटल के रूम में आकर चेकिंग करने पर मनीष और पुलिसवालों में बहस हो गई. पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने मनीष को इतना मारा कि वो ख़ून से तरबतर हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
केस न कराने की सलाह देने का आरोप
इसके बाद 29 सितंबर को ही गोरखपुर पुलिस का एक वीडियो आया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी मनीष के परिजनों को केस न कराने की सलाह दे रहे हैं. कह रहे हैं कि आपको अंदाजा नहीं है कि मुकदमा सालों-साल चलता रहता है. स्थानीय पत्रकारों ने ये वीडियो ट्वीट किया.
गोरखपुर के डीएम और एसएसपी की आंखों का पानी मर गया
एक तरफ मनीष की लाश पड़ी थी और दूसरी तरफ ये अफसर हत्यारे पुलिस वालों को बचाने में लगे थे
मनीष की पत्नी और उनके परिजनों को केस न दर्ज कराने की सलाह दे रहे हैं
शर्मनाक#मनीष_गुप्ता_हत्याकांड#गोरखपुर#कानपुर pic.twitter.com/X4gmf0UosZ
— Suraj Shukla (@suraj_livee) September 29, 2021
मामला बढ़ा. राजनीति भी गरम हुई. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया –
“खबरों के अनुसार गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है. इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नर्म रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है.”
खबरों के अनुसार गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है।
इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नर्म रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है। pic.twitter.com/w7u0fsExzy
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 29, 2021
बस सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया –
“यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर में पुलिस द्वारा होटल में रात्रि रेड करके तीन व्यापारियों के साथ बर्बर व्यवहार और उसमें से एक की मौत अति दुखद और शर्मनाक घटना है. ये राज्य में भाजपा सरकार की कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोलता है. वास्तव में ऐसी घटनाओं से पूरा प्रदेश पीड़ित है. राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को हर स्तर पर समुचित न्याय की मांग है. साथ-साथ ऐसी अन्य जघन्य घटनाओं को भी अति-गंभीरता से लेकर इनकी पुनरावृति को रोकना सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय करने की बीएसपी मांग करती है.”
2. राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को हर स्तर पर समुचित न्याय देने के साथ-साथ ऐसी अन्य जघन्य घटनाओं को भी अति-गंभीरता से लेकर इनकी पुनरावृति को रोकना सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय करने की बीएसपी की माँग।
— Mayawati (@Mayawati) September 29, 2021
क्या कार्रवाई हुई?
इंडिया टुडे/आजतक से जुड़े रंजय सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक रामगढ़ताल SO जेएन सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव और 3 अज्ञात के खिलाफ थाना रामगढ़ताल में IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है. SSP विपिन टाडा ने बताया कि 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. योगी सरकार ने कहा है कि मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी. वहीं, कानपुर के DM विकास अय्यर ने बताया कि 30 सितंबर को कानपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़ित के परिवार से मिलेंगे.
इस सबके बीच मनीष गुप्ता की पत्नी का वीडियो भी वायरल है. इसमें वे अपने पति को याद कर रोते हुए उन्हें न्याय देने की गुहार लगा रही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जिस होटल में मनीष रुके थे उसे पूरी तरह साफ करवा दिया गया है, जबकि घटना के समय कमरे में मनीष का खून फैला हुआ था.
मीनाक्षी गुप्ता ने आरोप लगाया कि जिस होटल में मेरे पति की हत्या हुई, उसका मालिक हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहा है. मैं होटल के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज़ करूंगी. होटल का मालिक अच्छा नहीं है. उस होटल का लाइसेंस रद्द होना चाहिए और सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि होटल का मालिक फिर से कहीं और होटल ना बनाए.
गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत पर UP पुलिस की सफाई खून खौलाने वाली है!