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बेंगलुरु में शो रद्द हुआ तो मुनव्वर फारूकी ने कॉमेडी छोड़ने की बात कह दी!

हिंदूवादी संगठनों के चलते मुनव्वर के पिछले 2 महीने में 12 शो रद्द हो चुके हैं.

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एक ट्वीट करते हुए Munawar Faruqui ने कहा कि कलाकार हार गया और नफरत जीत गई.
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28 नवंबर 2021 (Updated: 28 नवंबर 2021, 13:27 IST)
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मुनव्वर फारूकी ने स्टैंडअप कॉमेडी छोड़ने की तरफ इशारा किया है. एक ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा,
"नफरत जीत गई, कलाकार हार गया. मैं अब कुछ नहीं कर रहा! अलविदा! अन्याय."
उनका यह ट्वीट तब सामने आया है, जब एक दिन पहले बेंगलुरु में होने वाला उनका इवेंट रद्द कर दिया गया. मुनव्वर फारूकी का शो पुलिस की 'सलाह' के आधार पर रद्द किया गया. पुलिस ने आयोजकर्ताओं को लिखे हुए पत्र में कहा कि मुनव्वर फारूकी का शो रद्द कर देना चाहिए क्योंकि कई समूह इसका विरोध कर रहे हैं. पुलिस की तरफ से कहा गया कि मुनव्वर फारूकी विवादास्पद व्यक्ति हैं, क्योंकि वो दूसरे धर्मों के भगवानों के बारे में विवादास्पद बयान देते रहते हैं. पुलिस ने यह भी कहा कि अगर फारूकी का शो होता है तो इससे कानून-व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है. इससे पहले भी इसी आधार पर अलग-अलग शहरों में फारूकी के शो रद्द किए जा चुके हैं. अपने ट्वीट में फारुकी ने इस बात की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा,
"आज बेंगलुरु का शो धमकियों की वजह से कैंसिल हो गया. हमने 600 से अधिक टिकट बेची थीं. मुझे उस जोक के लिए जेल में डाला गया, जो मैंने कभी कहा ही नहीं. मेरे शो में कुछ भी विवादास्पद नहीं है. लेकिन इसे भी रद्द कर दिया गया. यह अन्याय है. इस शो को लोगों ने बहुत प्यार दिया है. फिर चाहें वो किसी भी धर्म के हों. हमारे पास शो का सेंसर सर्टिफिकेट भी है. इसमें कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं है. हमने पिछले दो महीने में 12 शो रद्द किए हैं. सिर्फ धमकियों की वजह से."
मुनव्वर फारूकी को इस साल जनवरी में इंदौर से गिरफ्तार किया गया था. हिंदूवादी संगठनों ने उनके ऊपर हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया था. फारूकी 37 दिन तक जेल में रहे थे. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी. जेल से बाहर आने के बाद फारुकी ने वापस से स्टैंडअप कॉमेडी करने की योजना बनाई. लेकिन हर बार हिंदूवादी संगठनों की धमकी के चलते उनके शो रद्द कर दिए गए. बेंगलुरु पुलिस की आलोचना दूसरी तरफ बेंगलुरु पुलिस के इस रवैये की आलोचना हो रही है. पुलिस के ऊपर हिंदूवादी संगठनों की मनमानी के आगे झुकने का आरोप लग रहा है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू जागृति समिति नाम के संगठन ने 27 नवंबर को बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था. इसमें संगठन ने फारूकी के शो को बंद कराने के लिए कहा था. बाद में इस पत्र को ट्विटर पर पोस्ट भी किया गया. इस ट्वीट में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, बेंगलुरु साउध के सांसद तेजस्वी सूर्या और उत्तर कन्नडा के सांसद अनंतकुमार हेगड़े को टैग किया. इस पत्र के बाद ही बेंगलुरु पुलिस ने आयोजकों को शो रद्द करने के लिए पत्र लिखा. इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने मुनव्वर का नाम लिए बिना ट्वीट किया, 
"नफरत नहीं जीतेगी. विश्वास रखिए. हार नहीं माननी है. रुकना नहीं है."
शो रद्द होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने ट्वीट किया,
"नफरत और घृणा का प्रोजेक्ट हमेशा ही अपनी बात ढंग से रखने वाले, धार्मिक पहचान से परे लोगों से रिश्ता बनाने वाले, तार्किक और टैलेंटेड लोगों से घृणा करेगा. किसी गलतफहमी में मत रहिए. उमर खालिद और अपनी बात ढंग से रखने वाले मुस्लिम हिंदुत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं."
भिवंडी ईस्ट के विधायक रईस खान ने ट्वीट करते हुए कहा,
"क्योंकि कुछ कट्टर दक्षिणपंथी समूह बिना किसी सबूत के अलग-अलग जगहों पर हंगामा काटते हैं, तो उसका नुकसान टैलेंटेड कलाकारों और आयोजनकर्ताओं को भुगतना पड़ता है."
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने भी इस पूरे वाकये को शर्मनाक बताया. एक्टर जीशान अय्यूब ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक समाज के तौर पर हम विफल हो चुके हैं. इसी तरह से सोशल मीडिया पर फारूकी के समर्थन में कैंपन भी चलाया जा रहा है. कई नेता और सेलिब्रिटी उन्हें अपने यहां आकर शो आयोजित करने का न्योता दे रहे हैं.

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