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झारखंड: मॉब लिंचिंग की ये घटना दहला देगी, पेड़ कटने से गुस्साई भीड़ ने युवक को जिंदा जला डाला

मामला झारखंड के सिमडेगा जिले का है.

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बाएं: घटनास्थल पर मौजूद पुलिस, दाएं: मृतक संजू प्रधान
5 जनवरी 2022 (Updated: 5 जनवरी 2022, 09:58 IST)
Updated: 5 जनवरी 2022 09:58 IST
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झारखंड (Jharkhand) के सिमडेगा जिले में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां कथित तौर पर एक युवक को ग्रामीणों ने इसलिए पीट-पीट कर मार डाला, क्योंकि उसने पेड़ काटा था. आरोप है कि ग्रामीणों ने पीड़ित को पहले लाठी-डंडों से पीटा, और फिर पत्थरों से मारकर बुरी तरह घायल कर दिया. भीड़ का गुस्सा इतना ज्यादा था कि युवक को बुरी तरह मारने के बाद उसे जिंदा जला दिया गया, वो भी उसकी मां और पत्नी के सामने. दिल दहला देने वाली इस घटना की जानकारी मिलने पर झारखंड के मुख्यमंत्री ने कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसके लिए जांच बिठा दी गई है. बता दें कि बीते महीने ही झारखंड सरकार ने एंटी मॉब लिंचिंग बिल पास किया है. उसके बाद राज्य में भीड़ द्वारा हत्या का ये पहला मामला है. क्यों गुस्साई भीड़? एनडीटीवी के मुताबिक घटना मंगलवार 4 जनवरी को सिमडेगा जिले के बेसराजरा गांव में दोपहर करीब ढाई बजे हुई. यहां दो गांवों की गुस्साई भीड़ ने 32 वर्षीय संजू प्रधान को पीट-पीटकर मार डाला. घटना के चश्मदीद ग्राम प्रधान सुमन बुढ़ ने बताया कि मुंडारी मान्यताओं के मुताबिक गांव की खूंटकटी की जमीन पर लगे पेड़ों को काटना मना है. लेकिन संजू ने पिछले साल अगस्त में गांव के खूंटकटी नियम को तोड़ते हुए सार्वजनिक जमीन से 6 पेड़ काटकर बेच दिए थे. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी थी, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई. घटना वाले दिन गांव की खूंटकटी कमेटी की बैठक हुई. इसमें संजू ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नहीं स्वीकारा. इसके बाद ग्रामीण बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए और उसे पीटने लगे. खबर के मुताबिक भीड़ में सैकड़ों लोग शामिल थे. पिटाई के बाद संजू को जिंदा जला दिया गया. उस समय उसकी पत्नी और अन्य परिजन भी वहां से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर मौजूद थे. उन्होंने उसे बचाने की कोशिश भी की, लेकिन भीड़ नहीं मानी. ग्राम प्रधान के मुताबिक संजू का घर घटनास्थल से महज 100 मीटर दूर ही है, हालांकि वो मूलरूप से बंबलकेरा पंचायत के छपरीडीपा का रहने वाला था. पुलिस को गांव में नहीं घुसने दिया इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस भी लाचार दिखाई दी. खबर के मुताबिक कोलेबिरा थाने को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली वो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के साथ घटनास्थल के लिए निकल गई. लेकिन मारने पर उतारू भीड़ ने उसे रोक दिया और मृतक का शव तक बरामद नहीं करने दिया. इसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए ठेठईटांगर और बानो थाने की पुलिस को भी बुलाना पड़ा. इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया और फायर ब्रिगेड की मदद से आग बुझाई. मृत युवक के अधजले शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि गांव में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सिमडेगा में घटना स्थल पर पहुंचे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) डेविड ए डोडराय ने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ ने लकड़ी तस्करी का आरोप लगाकर संजू प्रधान पर पत्थरों और फिर लाठियों से हमला किया, और फिर आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपायुक्त ने मामले की जांच करने के लिए एक टीम गठित कर दी है, 48 घंटे में टीम अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी. विपक्ष ने उठाए सवाल आजतक के सुनील सहाय के मुताबिक झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने घटना की निंदा करते हुए हेमंत सोरेन के शासन पर सवाल उठाएं हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा,
‘‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन वास्तव में झारखंड में जमीन पर कानून का शासन है ही नहीं.''
वहीं पूर्व बीजेपी विधायक विमला प्रधान ने आरोप लगाया है कि विधायक नमन विकसल कोंगाडी ने बीती 28 दिसंबर को खूंटकटी को लेकर गांव में दौरा किया और ग्रामीणों को भड़काया है. जिसके बाद ये हादसा हुआ.

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