मनीष गुप्ता मर्डर केस: होटल का CCTV फुटेज सामने आया और सब साफ हो गया!
पुलिसवालों की हरकत कैद हो गई है.
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मनीष गुप्ता कथित हत्याकांड से जुड़ा एक CCTV फुटेज सामने आया है. फुटेज गोरखपुर के उसी होटल का है, जहां मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ रुके थे. इसमें पुलिसवाले मनीष गुप्ता को होटल में उनके कमरे से बाहर लाते देखे जा सकते हैं. इस दौरान मनीष गुप्ता अधमरी हालत में थे.
क्या है CCTV फुटेज में?
CCTV फुटेज में दिख रहा है कि मनीष को होटल के कमरे से जब लाउंज में लाया गया, तब मौके पर आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने ही बेजान से पड़े मनीष को दूसरे दरोगा और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ लिफ्ट से नीचे भिजवाया.
आजतक के गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक, रामगढ़ताल चौकी के तत्कालीन इंचार्ज अक्षय मिश्रा रूम नंबर 512 से मनीष को बाहर लेकर आए थे. उस समय उनके शरीर में कोई हरकत नहीं थी. अक्षय मिश्रा के साथ मौजूद दूसरे दरोगा ने अन्य पुलिसकर्मियों और होटल के दो स्टाफ की मदद से मनीष के हाथ-पैर पकड़े और उन्हें होटल की लिफ्ट से नीचे उतारा.
फुटेज में एक पुलिसकर्मी मनीष के कमरे से लाया गया एक तौलिया रिसेप्शन पर खड़े शख्स को देता दिखा है. बता दें कि पिछली रिपोर्टों में ये बताया गया था कि 512 नंबर कमरे से खून से सना एक तौलिया मिला था. अब सवाल किया जा रहा है कि कहीं ये वही तौलिया तो नहीं है. ये भी पता चला है कि उस समय के और भी CCTV फुटेज SIT के पास हैं.
SIT ने बयान दर्ज किए
उधर, SIT ने मनीष गुप्ता के दोनों दोस्तों के बयान दर्ज कर लिए. आजतक के संतोष कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार 6 अक्टूबर को SIT मनीष गुप्ता के घर पहुंची थी. वहीं उसने मनीष के दोस्त हरवीर और प्रदीप सिंह के बयान लिए. पत्नी मीनाक्षी का भी बयान लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जांच टीम सुबह साढ़े 11 बजे मनीष के घर पहुंची थी. इसके बाद अगले 7 घंटों तक बयान दर्ज करने की प्रक्रिया चलती रही. शाम साढ़े 6 बजे ये प्रक्रिया खत्म हुई.
क्या बयान दर्ज किए?
रिपोर्टर संतोष कुमार को मिली जानकारी के मुताबिक, SIT ने हरवीर से पूछताछ करते हुए उनका बयान लिया. उनसे पूछा गया कि पुलिस होटल में कब और कैसे घुसी, उनके रूम में कौन-कौन आया और कैसे एक सिपाही हरवीर को जबरन कमरे के बाहर ले गया. ये पूरा घटनाक्रम उनके बयान में शामिल किया गया है.
हरवीर के साथ प्रदीप सिंह से भी टीम ने पूछताछ की कि आखिर कमरे में घुसते ही पुलिस ने किस तरह का बर्ताव किया. फिर बेड पर सो रहे मनीष से किस बात को लेकर बहस हुई. SIT की टीम ने हरवीर और प्रदीप से गोरखपुर जाने की वजह भी पूछी. मनीष गुप्ता को गोरखपुर बुलाने पर भी सवाल किया. SIT हरविंदर प्रदीप से पूछताछ के बाद अब चंदन सैनी के बयान दोबारा दर्ज कर सकती है, जिसके बुलावे पर मनीष हरवीर और प्रदीप गोरखपुर गए थे.
वहीं चश्मदीद हरवीर सिंह ने आजतक से बातचीत में कहा कि होटल में कमरा खुलवाने पर मारपीट की शुरुआत पहले दरोगा अक्षय और जेएन सिंह ने की थी. उन्होंने कहा,
अक्षय ने पहले मुझे थप्पड़ मारा. इसके बाद जेएन सिंह ने मनीष को थप्पड़ मारा. फिर और पुलिसवाले कमरे में घुस आए और मारने लगे. मनीष का कमरा मैंने खुलवाया था.27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के कृष्णा होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ ठहरे हुए थे. आरोप है कि पुलिस कमरे में घुसी और पूछताछ करने लगी. इस दौरान मनीष की उनसे बहस हो गई. इस पर पुलिसवालों ने कथित तौर पर मारपीट की जिससे मनीष की मौत हो गई. राज्य सरकार ने इस मामले की CBI जांच की भी सिफारिश की है, लेकिन अब तक केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में जांच शुरू नहीं की है.