कुछ दिनों पहले कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक खबर आई थी. वो ये कि शहर में 3,338 कोरोना पॉजिटिव लोग ‘लापता’ हो गए थे. वहां के प्रशासन का कहना था कि कई लोग टेस्टिंग के दौरान अपनी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. अब ऐसा ही मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से आया है. यहां भी कोरोना संक्रमित लोगों ने न तो अपना सही पता दिया है और न ही सही मोबाइल नंबर. और ऐसा करने वालों की संख्या है 2290.
हालांकि पुलिस ने 1171 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की तलाश कर ली है. पर 1119 मरीज़ों की अभी भी खोज़ जारी है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 23 जुलाई से 31 जुलाई के बीच इन मरीज़ों का कोरोना टेस्ट हुआ था. इस दौरान इन्होंने जो अपना फोन नंबर और घर का पता दिया था, वो फर्ज़ी निकले. इसके बाद मामले की जांच पुलिस को सौंपी गई थी.
जानकारी के मुताबिक, लख़नऊ प्रशासन की तरफ से इंट्रीग्रेटेड कोविड-19 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया था. इसमें सर्विलांस की मदद से कोरोना संक्रमित मरीज़ों की पहचान और उनकी हिस्ट्री नोट की जाती थी. पर गलत फोन नंबर और एड्रेस के चलते उन मरीज़ों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. उधर, पुलिस के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले लोगों के संपर्क में कौन लोग आए हैं, इसकी जांच के लिए एक सेल भी बनाई गयी है. पुलिस को छानबीन में पता चला कि कोरोना की जांच कराने के लिए आने वाले लोग अपनी पहचान छिपा रहे हैं. यही नहीं, मोबाइल नंबर तक लोगों ने गलत दर्ज कराए हैं.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोरोना सेल ने छानबीन शुरू कर की, तो 1171 संक्रमित लोगों की पहचान हुई. सेल ने इंटीग्रेटेड कोविड-19 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से ई-मेल के माध्यम से लिस्ट मांगी थी. जिसके जरिए इनका पता लगाया गया.
कोरोना के मामले अब तक कितने बढ़े-
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