बॉम्बे हाईकोर्ट ने फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रणौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी से अग्रिम राहत दी है. इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने सेडिशन यानी राजद्रोह के मामले में कुछ ग़ौरतलब टिप्पणियाँ भी की हैं.
जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्निक की बेंच ने 24 नवंबर को सुनवाई करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ़ बोलता है, उसके खिलाफ़ आईपीसी की धारा 124A यानी सेडिशन या राजद्रोह के तहत मुक़दमा दर्ज करने का चलन-सा हो गया है. कोर्ट ने सवाल किया,
“इसकी क्या ज़रूरत है? क्या हम अपने नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे?”
बार एंड बेंच के मुताबिक़, कोर्ट ने टिप्पणी की कि FIR में ये धाराएं जोड़ देने से आरोपी को अंतरिम रूप से राहत मिलने में दिक़्क़त होती है.
कोर्ट ने कहा है कि अदालत SC-ST एक्ट के मामलों में भी आरोपियों को राहत देती रही है. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रमुख सरकारी वक़ील दीपक ठाकरे से कहा कि वो FIR में धारा 124(A) के तहत मामला दर्ज करने का कारण कोर्ट को समझाएं. कोर्ट ने आगे कहा,
“आपको पुलिस अधिकारियों के साथ एक कार्यशाला आयोजित करनी चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि वो कब कौन-सी धाराएं लगाएं.”
शिकायतकर्ता मुन्नवरली सय्यद की ओर से कोर्ट में पेश हुए वक़ील रिज़वान मरचेंट ने कोर्ट ने राजद्रोह के क़ानून की व्याख्या करने की अपील की, तो कोर्ट ने हल्के-फुल्के अन्दाज़ में कहा,
“आजकल जो भी सरकार के खिलाफ़ होता है, उसे राजद्रोह की श्रेणी में डाल दिया जाता है.”
इस सबके साथ कोर्ट ने ये भी कहा कि कंगना रणौत और रंगोली चंदेल मुंबई पुलिस के सामें 8 जनवरी 2021 को इस मामले की पूछताछ के लिए पेश होंगी. लेकिन उसके पहले तक वे इस एफ़आईआर में शामिल तथ्यों के संदर्भ में अपने किसी भी सोशल मीडिया खाते पर कुछ भी नहीं लिखेंगी. इस मामले में अगली सुनवाई 11 जनवरी 2021 को होनी है.
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