जेएनयू इश्यू की किसी भी खबर का इंट्रो अब एक जैसा ही लगने लगा है. ‘विवाद बढ़ता जा रहा है.’ कन्हैया जेल में है. लेकिन जेएनयू विवाद में एक नाम और ऐसा है, जिसकी पुलिस को तलाश है. उमर खालिद काफी दिनों से फरार है. एंटी इंडिया नारे लगाने का आरोप उमर पर है. उमर खालिद का पक्ष अब तक नहीं पता चल पाया. खालिद के अब्बा एसक्यूआर इलियाज ने बेटे के फरार और जेएनयू विवाद पर एक निजी चैनल को इंटरव्यू दिया. जानिए पूरे मामले पर क्या कहते हैं खालिद के अब्बा इलियाज.
‘उमर खालिद कहां हैं. ये पुलिस को मालूम होना चाहिए. हमें खुद नहीं पता वो कहां है. मां-बाप को जैसे अपने बच्चे की चिंता होनी चाहिए. जैसा माहौल तैयार हो रहा है. हमें खालिद की फिक्र हो रही है. खालिद से मेरी आखिरी बात तब हुई, जब वो टाइम्स नाऊ से इंटरव्यू देकर जा रहा था. मैंने खालिद से कहा कि वो घर आए. पर उसने कहा कि वो जेएनयू जा रहा है.
मुझे खालिद की फिक्र इसलिए ज्यादा हो रही है. क्योंकि टीवी चैनल जिस तरह उसकी प्रोफाइलिंग कर रहे हैं. जिस तरह खालिद को देशद्रोही बता रहे हैं. जिस आदमी (उमर खालिद) की पूरी लाइफ देश के लिए हो. जो आदमी देश के दलितों के लिए खड़ा रहता हो. जो आदमी आदिवासियों के लिए खड़ा होता हो. जिसको विदेशों से स्कॉलरशिप का ऑफर आया हो. और उसने ये कहकर रिजेक्ट कर दिया कि उसे देश के लिए काम करना है. जिसने बाहर जाने के लिए पासपोर्ट नहीं बनाया. उस पर इल्जाम लगाया जा रहा है कि वो पाकिस्तान होकर आया है.
खालिद ने जेएनयू से एमए किया. एमफिल किया और आदिवासियों के टॉपिक पर खालिद पीएचडी कर रहा है. खालिद आदिवासियों की समस्याओं को देश के सामने रखना चाहता है. ऐसे खालिद को कहा जा रहा है कि वो देशद्रोही है, वो आतंकवादियों से मिला हुआ है. ये अजीबोगरीब किस्म की प्रोफाइलिंग हो रही है. हमारे देश के अंदर का ये क्या माहौल है. आज मीडिया उसका ट्रायल कर रहा है.’
अफजल गुरु की शान में कसीदे पढ़ने को जायज ठहराएंगे आप?
‘वहां जो नारे लगे हैं, जिन्होंने लगाए हैं, उनकी खोज होनी चाहिए. मैं समझता हूं कि वहां ऐसा नहीं होना चाहिए. अफजल गुरु के मसले पर देश के बड़े चिंतकों ने सवाल नहीं उठाया है. कोर्ट के फैसले का सम्मान करना सही है. पर क्या अपनी राय रखना गलत है. एंटी इंडिया नारों से बिलकुल गुरेज किया जाना चाहिए था. लेकिन एक बात समझने की कोशिश कीजिए. हमारे देश का संविधान है. कानून है. उसकी जांच होनी चाहिए. उमर अगर देशद्रोही होता तो वो चैनलों में जाकर अपनी बात रखता क्या. उसने डेमोक्रेटिक तरीकों का इस्तेमाल किया. फिलहाल उमर क्यों गायब है. मुझे खुद नहीं मालूम. उमर को सामने आना चाहिए. लेकिन आप खुद सोचिए कि देश का माहौल कैसा हो गया है. कन्हैया कुमार पर वकील हमला कर रहे हैं. जिस देश में प्यार मुहब्बत की बात होनी चाहिए, वहां ये सब हो रहा है.
देश को तोड़ने वाली भाषा उमर ने इस्तेमाल नहीं की. एक वीडियो सामने आ चुका है कि एबीवीपी वालों ने नारे लगाए थे. नारे लगाने वालों में 50 से ज्यादा लोग शामिल थे. आप एक ही आदमी को क्यों टारगेट कर रहे हैं. जांच एजेंसियों को वॉइस सैंपल लेने चाहिए. टैंपरिंग हो रही है. वीडियो गलत तरीके से लाए जा रहे हैं. मैं अपील करता हूं कि खालिद को सामने आना चाहिए. और ट्रायल को फेस करना चाहिए. सिर्फ खालिद ही नहीं, जो जो लोग इसमें शामिल रहे थे. सबको सामने आना चाहिए. उमर खालिद की फिक्र कश्मीर के लोगों के साथ थी. वो कश्मीर के लोगों को साथ रखना चाहता था. नारे लगाना देशद्रोह नहीं है. खालिद बाहर नहीं आ रहा है, कैसे आ जाए. इतना माहौल खराब है. खुलेआम हमले किए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है कि अदालत सेफ नहीं है.
अगर कोई स्टूडेंट इस तरह बोलता है तो इसे उस तरह ही रखिए. कोई नेता या मैच्योर नहीं बोला था वो सब. और जेएनयू में इस तरह के संवाद होते रहे हैं. आप इसको सिंगल आउट मत कीजिए. आपको ये जानने की कोशिश करनी चाहिए कि असली दोषी कौन है. वीडियो की टैंपरिंग हो रही है. नजर आ रहा है. हमें कानून के रास्ते से ही चलना चाहिए. उमर खालिद कानून से नहीं भाग रहा है. उसे बिलकुल बाहर आना चाहिए. आप मेरा दर्द समझने की कोशिश कीजिए. बात का बतंगड़ मत बनाइए. मुझे ज्यूडशरी में यकीन है. देश अलग-अलग भावनाओं का देश है. मैं खुद आपके माध्यम से अपील करता हूं कि उमर खालिद को सामने आना चाहिए. कानून में यकीन करना चाहिए.’
उमर खालिद की तरफ से माफी मांगना चाहिए?
‘अगर जेएनयू में गलत शब्दों का इस्तेमाल हुआ है. तो ये पहले साफ होना चाहिए कोर्ट के जरिए. दूध का दूध पानी का पानी होना दीजिए. कि देशद्रोह हुआ है या नहीं. बाप-बेटे के बीच विचारधाराओं का मतभेद हो सकता है. पर मैं अपने बेटे को जानता हूं. वो आदिवासियों, किसानों के लिए लड़ता है. मैं आपसे चाहता हूं कि कोर्ट को फैसला करना दीजिए.’
उमर खालिद के अब्बा का पूरा इंटरव्यू