निशिकांत दुबे. झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद. उनकी डिग्री को लेकर एक बार फिर विवाद हो गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दुबे की एमबीए की डिग्री को फर्जी बताया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक लेटर का हवाला दिया जा रहा है. वहीं बीजेपी के नेता इस लेटर को ही फर्जी बता रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को लेकर लंबे समय से विवाद है. झामुमो सहित अन्य राजनीतिक दल सवाल उठाते रहे हैं. डिग्री को फर्जी बताते रहे हैं. झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कुछ दिन पहले रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. ये बात दोहराई थी कि RTI से मिली जानकारी के अनुसार निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी है.
वहीं देवघर के रहने वाले विष्णुकांत झा ने एमबीए की डिग्री के फर्जी होने का आरोप लगाया था. इसकी शिकायत देवघर पुलिस और सीएमओ से की थी. शिकायत पर सीआईडी मामले की जांच कर रही है.
‘हिन्दुस्तान’ की खबर के मुताबिक, सीआईडी की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए दिल्ली गई थी. दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन ने सीआईडी के अधिकारी राजेश कुमार को इस संबंध में एक लेटर दिया है.
क्या है लेटर में
इस लेटर में लिखा है,
आपको सूचित किया जाता है कि फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी में मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 1993 में निशिकांत दुबे नाम के किसी व्यक्ति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी में न तो दाखिला लिया और न ही पास हुआ. इस आशय की जानकारी पूर्व में आरटीआई के जरिए मांगे गए सवाल के जवाब में भी दी गई थी.
इस लेटर को झामुमो के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, जिसे मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रिट्वीट किया है. हालांकि लेटर के असली और नकली होने की पुष्टि नहीं हो पाई है.
जबसे माननीय सांसद श्री.@nishikant_dubey के कुकर्मों की परत दर-परत खुल जनता के समक्ष सामने आने लगे है तो कभी एक असहाय व्यक्ति को अपने पैर की धोवन पिलाने से गुरेज़ ना करने वाले सांसद महोदय दूसरों पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
वैसे सांसद महोदय, आप खुद को इतना विद्वान, ज्ञानी एवं 1/2 pic.twitter.com/THY6lc2Ygz
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) July 28, 2020
‘प्रभात खबर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, झामुमो के आरोप पर निशिकांत दुबे ने कहा-
जिस बृजेंद्र कुमार पांडेय के आरटीआई का हवाला दिया जा रहा है, वह फर्जी है. बृजेंद्र कुमार पांडेय ने 2017 में गोरखपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि उन्होंने इस प्रकार का न तो कोई आरटीआई डाला है, न ही दिल्ली यूनिवर्सिटी से कोई दस्तावेज आया है. उनके नाम से फर्जी दस्तावेज घुमाया जा रहा है.
वहीं उन्होंने ट्वीट कर भी जवाब दिया. लिखा-
मैंने एमबीए,पीएचडी सब कर रखी है,शुचिता की राजनीति करता हूँ,जिसको केस करना है,जॉंच करना है करिए,सभी मुँह की खाएँगे
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 28, 2020
‘दैनिक जागरण’ की खबर के मुताबिक, निशिकांत दुबे ने कहा कि पहले भी सवाल उठाए जा चुके हैं. शैक्षणिक डिग्री के मामले में निर्वाचन आयोग और लोकसभा अध्यक्ष को वो जवाब दे चुके हैं.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने लेटर पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस मामले में 28 जुलाई को पत्र लिखा, फिर उसी दिन यह पत्र मुख्यमंत्री और झामुमो के ट्विटर हैंडलर को भेज दिया जाता है और इसे पार्टी तुरंत जारी भी कर देती है.
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