जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पहली बार किसी तरह के चुनाव हो रहे हैं. डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल या ज़िला विकास परिषद (DDC) के इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा गुपकार गठबंधन के पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस भी हिस्सा ले रहे हैं. पहले चरण में कुल 51.76 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. सबसे ज़्यादा मतदान (59 फीसदी) सांबा में दर्ज हुआ. इसके अलावा पंचायतों के लिए उपचुनाव और नगर निकायों के लिए भी वोटिंग हुई. DDC चुनाव दलीय आधार पर जबकि पंचायत उपचुनाव गैर दलीय आधार पर हो रहे हैं.
Jammu and Kashmir: Total voter turnout for the first phase of District Development Council (DDC) elections is 51.76%.
— ANI (@ANI) November 28, 2020
DDC चुनाव आज 28 नवंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक आठ चरणों में संपन्न होंगे. इन चुनावों में कुल 1,427 उम्मीदवार मैदान में हैं और 7 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर राज्य चुनाव आयोग ने किसी भी तरह के एग्जिट पोल पर अंतिम चरण तक रोक लगाई है.
Jammu and Kashmir: 39.69 % voter turnout recorded in #DDCElections till 1 pm; highest 59% voting recorded in Samba, says State Election Commission pic.twitter.com/Tdj6VXezIk
— ANI (@ANI) November 28, 2020
DDC यानी ज़िला विकास परिषद क्या है?
केंद्र सरकार ने राज्य में थ्री टीयर पंचायती राज व्यवस्था लागू करने के लिए राज्य के पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया, जिसके बाद जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषदों (DDC) का गठन किया जा रहा है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो स्थानीय स्तर पर विकास का सारा काम अब DDC करेंगी. इन DDC की स्थापना हर ज़िले में की जाएगी. हर एक DDC में 14 सदस्य होंगे और इनमें SC, ST और महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी. इस परिषद के सदस्य अपने चेयरमैन का चुनाव करेंगे.
जम्मू कश्मीर में 20 DDC हैं, जिनमें से 10 जम्मू में और 10 कश्मीर में हैं. हर DDC में 14 निर्वाचन क्षेत्र हैं. DDC और पंचायत उपचुनाव के लिए मतपत्रों का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि नगरपालिका उपचुनाव के लिए EVM का इस्तेमाल हो रहा है.
Jammu and Kashmir: Polling in the first phase of the District Development Council (DDC) elections underway in Budhal tehsil of the Rajouri district
Visuals from a polling station pic.twitter.com/wXNoP86APC
— ANI (@ANI) November 28, 2020
चुनाव में बाधा डालने की जताई जा रही थी आशंका
कहा जा रहा था कि आतंकियों की तरफ से चुनाव में बाधा डालने की कोशिश हो सकती है. 27 नवंबर को राजौरी ज़िले के सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से सीज़फायर का उल्लंघन किया गया, जिसमें भारतीय सेना के दो जवान- नाइक प्रेम बहादुर और राइफलमैन सुखबीर सिंह शहीद हो गए. इससे ठीक एक दिन पहले 26 नवंबर को श्रीनगर के HMT इलाके में सुरक्षाबलों पर संदिग्ध आतंकियों ने हमला किया, जिसमें भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए. इससे पहले नागरोटा में एनकाउंटर हुआ था, जिसमें 4 आतंकी मारे गए थे. फिलहाल पहले चरण के चुनाव से जुड़ी किसी घटना की सूचना नहीं है.
जम्मू-कश्मीर का वो घोटाला, जिसमें 25 हजार करोड़ रुपए की जमीन का बंदरबांट हुआ