भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत हो गई है, और शुरुआत के साथ ही इंडिया की प्लेइंग इलेवन पर सवाल उठने भी शुरू हो गए हैं. नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने जैसे ही टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपनी प्लेइंग इलेवन में से दो सबसे अनुभवी खिलाड़ियों के बाहर होने का ऐलान कर दिया.
विराट कोहली ने पहले टेस्ट के लिए जो प्लेइंग इलेवन में चुनी है. उसमें रोहित शर्मा के साथ केएल राहुल पारी की शुरुआत करेंगे. उनके बाद बैटिंग में चेतेश्वर पुजारा, कप्तान विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, विकेटकीपर ऋषभ पंत शामिल हैं. बतौर ऑल-राउंडर रविन्द्र जडेजा टीम का हिस्सा हैं. जबकि तेज़ गेंदबाज़ी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर हैं.
इस प्लेइंग इलेवन को जानने के बाद ये सवाल ज़हन में आएगा कि इस टीम में टीम के दो सबसे अनुभवी खिलाड़ी बाहर हैं. उन दो खिलाड़ियों का नाम है ईशांत शर्मा और रविचन्द्रन अश्विन.
ईशांत शर्मा क्यों हुए बाहर:
ईशांत शर्मा इंग्लैंड गई भारतीय टेस्ट टीम के अकेले ऐसे गेंदबाज़ हैं. जिन्होंने 102 टेस्ट मैच खेले हैं. ईशांत के नाम 300 टेस्ट विकेट हैं और वो भारत के लिए पिछले कई सालों से टेस्ट में प्रमुख गेंदबाज़ रहे हैं. लेकिन कई रिपोर्ट्स में ऐसा बताया जा रहा है कि ईशांत शर्मा पूरी तरह से फिट नहीं हैं और उन्हें निगल इंजरी है. जिसकी वजह से वो पहले टेस्ट में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए. सोशल मीडिया पर कई लोग ये भी कह रहे हैं कि भारतीय टीम ने इंग्लिश कंडीशन्स में अपनी बैटिंग टेल को लंबा खींचने के लिए शार्दुल ठाकुर को टीम में शामिल किया है.
Ashwin not playing. Jadeja plus 4 pacers – Shardul, Siraj, Shami and Bumrah . Rahul to open with Rohit
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) August 4, 2021
अश्विन क्यों हुए बाहर:
ईशांत शर्मा को लेकर ये चीज़ समझ में आ रही है कि उन्हें शायद चोट है और वो इस वजह से प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए हैं. लेकिन रविचन्द्रन अश्विन को लेकर चोट की कोई भी खबर नहीं है ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों अश्विन को टीम में शामिल नहीं किया गया है.
रविचन्द्रन अश्विन के प्रदर्शन की बात करें तो हाल में ही तीन हफ्ते पहले उन्होंने काउंटी क्रिकेट में 15 ओवर के स्पेल में 27 रन देकर छह विकेट चटकाए थे. वो इकलौते भारतीय खिलाड़ी थे जो टीम की छुट्टी से अलग टेस्ट सीरीज़ की तैयारी में लगे हुए थे.
इसके अलावा साउथैम्पटन में खेले गए भारत के आखिरी टेस्ट यानि WTC Final में भी उन्होंने चार विकेट अपने नाम किए थे.
हालिया मैचों के अलावा इंग्लैंड में उनके प्रदर्शन की बात करें तो अश्विन ने इंग्लैंड में सात टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 28.11 की एवरेज से 18 विकेट चटकाए हैं. लेकिन ऐसे प्रदर्शन और फॉर्म के बावजूद अश्विन को पहले टेस्ट में टीम में जगह नहीं मिलना आश्चर्य की बात है.
अश्विन की जगह भारतीय टीम में रविन्द्रन जडेजा को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया गया है. इसके पीछे कई क्रिकेट के जानकार ये तर्क दे रहे हैं कि रविन्द्र जडेजा इंग्लिश कंडीशन्स में एक बेहतर बल्लेबाज़ हैं और ज़रूरत पड़ने पर वो निचले क्रम में ज़रूरी रन्स भी बना सकते हैं.
जडेजा और अश्विन को मिले मौके:
पिछले पांच सालों में देश से बाहर SENA कंट्रीज़ यानि साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में मौकों की बात करें तो रविन्द्र जडेजा पर कप्तान ने अश्विन से ज़्यादा भरोसा जताया है.
पिछले पांच सालों में जडेजा को इन देशों में 12 टेस्ट खेलने का मौका मिला है. जबकि अश्विन को सिर्फ आठ. जडेजा ने इन मैचों में 43 विकेट चटकाए हैं. वहीं अश्विन ने आठ मैचों में 24 विकेट अपने नाम किए हैं. इस दौरान जडेजा की एवरेज 28.23 की रही. जबकि अश्विन की एवरेज 27.25 की रही है.
इस तरह से इन दोनों गेंदबाज़ों में से जडेजा पर भारतीय टीम मैनेजमेंट का भरोसा ज़्यादा रहा है.
अब यही उम्मीद है कि रविन्द्र जडेजा और भारत की चुनी हुई प्लेइंग इलेवन इस मैच में शानदार प्रदर्शन करे और टीम को जीत दिलाए.
टोक्यो ओलंपिक्स 2020:हॉकी के अलावा रेसलिंग और जेवलिन थ्रो में क्या हुआ?