The Lallantop
Advertisement

ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ी है, लेकिन नाचने से पहले ये खबर पढ़ लो!

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने असल में क्या कहा है?

Advertisement
Income Tax
प्रतीकात्मक तस्वीर
11 जनवरी 2022 (Updated: 13 जनवरी 2022, 18:07 IST)
Updated: 13 जनवरी 2022 18:07 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

"इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी गई है."

ये जानकारी सुनकर वो लोग मारे खुशी के नाचने लगे होंगे, जिन्होंने 31 दिसंबर तक ITR फाइल नहीं किया या नहीं कर पाए और अब फाइन लगने का डर सता रहा है. ऐसे लोगों को हम बता दें कि सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ाई जरूर है, लेकिन कुछ खास कैटेगरी के लिए ही. उन नौकरीपेशा और कमआय वर्ग के लोगों को राहत नहीं मिली है, जिनकी ITR फाइलिंग की डेडलाइन 31 दिसंबर 2021 थी.

क्या है खबर?

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) की ओर से मंगलवार, 11 जनवरी को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसमें कहा गया कि कोविड और टैक्सपेयर्स की परेशानियों को देखते हुए असेसमेंट ईयर 2021-22 की इनकम टैक्स रिटर्न और कई तरह की ऑडिट रिपोर्टों को भरने की समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी गई है. हालांकि इस नोटिफिकेशन के सोशल मीडिया में आने के बाद यह खबर वायरल होती दिखी कि इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन बढ़ गई है. लेकिन ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने 'दी लल्लनटॉप' को बताया कि यह रिटर्न सिर्फ उन संस्थाओं या उच्च आयवर्ग के लिए है, जिन्हें रिटर्न के साथ ऑडिट रिपोर्ट भी भरनी पड़ती है. इनमें एक करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारी और कई तरह के संस्थान शामिल हैं. आम टैक्सपेयर या नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 दिसंबर थी. इसमें कोई विस्तार नहीं हुआ है. यानी करीब 90 फीसदी लोगों को राहत नहीं मिली है. इस वर्ग के टैक्सपेयर अगर अब रिटर्न भर रहे हैं तो उन्हें एक हजार रुपये से पांच हजार रुपये तक लेट फीस चुकानी पड़ रही है. टैक्स कंसल्टेंट सीए राकेश गुप्ता ने हमसे बातचीत में कहा,
'ऑडिट वाले इनकम टैक्सपेयर्स को 15 जनवरी तक ऑडिट रिपोर्ट और 15 फरवरी तक इनकम टैक्स रिटर्न भरनी थी. इनमें  एक महीने की मोहलत मिल गई है. कोविड के चलते दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर दफ्तर बंद होने के कारण और 15 को वीकेंड कर्फ्यू की वजह से इस वर्ग की रिटर्न्स और रिपोर्ट जानी मुश्किल हो गई थीं. बेहतर होता अगर सरकार 31 दिसंबर तक रिटर्न नहीं भर पाए आम टैक्सपेयर्स को भी राहत देती.'
गौरतलब है कि सैलरीड क्लास और दूसरे छोटे आयवर्ग के लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी डेट पहले 31 जुलाई 2021 थी. लेकिन कोविड संबंधी दिक्कतों के चलते इसे 31 दिसंबर तक बढ़ाना पड़ा था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 26 दिसंबर तक करीब 4.5 करोड़ टैक्स पेयर्स ने रिटर्न भर दिया था. हालांकि जानकारों का कहना है कि अब भी बड़े पैमाने पर छोटे आयकरदाता डेडलाइन चूक गए थे और अब लेटफीस के साथ रिटर्न भर रहे हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234F के तहत लेटफाइलिंग पर एक हजार से 10 हजार रुपये लेटफीस का प्रावधान है. 5 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों को 1000 रुपये लेट फीस देनी होती है, जबकि इससे ऊपर 10,000 रुपये. इस साल कोविड और दूसरी जटिलताओं के चलते सरकार ने फीस की ऊपरी सीमा घटाकर 5,000 रुपये कर दी है.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement