गुजरात का सूरत. शहर के भाजपा उपाध्यक्ष के खिलाफ़ आयकर विभाग ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. उपाध्यक्ष का नाम पीवीएस शर्मा है. आरोप है कि उन्होंने अपने दो अख़बारों के प्रिंट सर्कुलेशन की गिनती में घपला किया. आरोपों के मुताबिक़, शर्मा ने अपने अख़बारों के सर्कुलेशन को बढ़ाकर दिखाया, जिससे उन्हें सरकार और विज्ञापन दाताओं से 2.70 करोड़ के विज्ञापन मिले.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, सूरत के आयकर विभाग की जांच विंग के डिप्टी डायरेक्टर पमैया केडी ने पीवीएस शर्मा, बिज़नेस पार्टनर सीताराम अडुकिया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ़ 14 नवंबर को शिकायत दर्ज की थी. शिकायत में पमैया ने आरोप लगाए थे कि शर्मा और अडुकिया मिलकर गुजराती और अंग्रेज़ी में सत्यम टाइम्स नाम का अख़बार निकालते हैं. साल 2008-2009 और 21 अक्टूबर 2010 के बीच में, इन लोगों ने अख़बार छापने के लिए कच्चा माल महेश ट्रेडिंग कम्पनी और दूसरे लोगों से ख़रीदा था. इसके लिए कुल 3.98 करोड़ रुपए चुकाए गए थे. लेकिन शिकायत के मुताबिक़, महेश ट्रेडिंग कम्पनी नाम की कोई कम्पनी ही नहीं है. और कम्पनी के पते का मालिकाना शर्मा के सहयोगी अडुकिया के पास है.
साथ ही आरोप ये भी है कि छापेखाने के रिकार्ड रजिस्टर पर शर्मा और अडुकिया ने अख़बार के गुजराती एडिशन की संख्या 23,500 बताई थी, जबकि अंग्रेज़ी एडिशन की संख्या 6,000 बताई थी. आरोप है कि शर्मा और अडुकिया ने विज्ञापन के लिए संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया. शिकायत के मुताबिक़, गुजराती एडिशन की असल संख्या 600 और अंग्रेज़ी एडिशन की असल संख्या 290 प्रति की ही थी. लेकिन फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर, केंद्र सरकार से 70 लाख के विज्ञापन लिए गए और दूसरी विज्ञापन एजेंसियों से लगभग 2 करोड़ के विज्ञापन लिए गए.
अहमदाबाद मिरर की ख़बर के मुताबिक़, पमैया द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर शर्मा और अडुकिया के खिलाफ़ IPC की धारा 465, 468, 471 और 420 और अन्य धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है.
नोटबंदी पर ट्वीट के बाद हुई कार्रवाई?
पीवीएस शर्मा पेशे से आयकर विभाग के अधिकारी रहे हैं. उन्हें सेवा से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली. और कुछ साल पहले राजनीति में आ गए. 19 अक्टूबर, 2020 को शर्मा ने एक ट्वीट किया था.
Hon’ble PM shri @narendramodi ji, This is how idea of #Demonetisation defeated by the corrupt.
Cash deposit is ₹110 cr, income ₹0.84 cr & tax ₹0.80 cr.
IT(Inv)wing closed eyes & Settlement Commission accepted illogical arguments&caused huge revenue loss.@PMOIndia @FinMinIndia pic.twitter.com/VWkkuXQlvt— pvs sarma (@pvssarma) October 19, 2020
इस ट्वीट में शर्मा ने कहा था कि नरेंद्र मोदी देखें कि कैसे कुछ भ्रष्ट लोगों के चलते नोटबंदी का अभियान फ़ेल हो गया. उन्होंने सूरत के कला मंदिर ज्वेलर्स पर आरोप लगाया. कहा कि उनके पास 110 करोड़ रुपए जमा हैं, जबकि कमाई है 0.84 करोड़ की और टैक्स दिया है 0.80 करोड़. इसके बाद शर्मा ने कहा आयकर विभाग की जांच विंग ने अपनी आंख बंद कर ली. और सेटलमेंट कमीशन ने अनाप-शनाप तर्कों को स्वीकार कर लिया और मामला बंद हो गया. और इससे राजस्व का बहुत बड़ा नुक़सान हो गया. इस ट्वीट में शर्मा ने नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय को भी टैग किया था.
मीडिया से बातचीत में शर्मा ने ये भी कहा था कि आगामी कुछ दिनों में वे इस स्कैम में शामिल आयकर विभाग के अधिकारियों, ज्वेलरों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के नामों का ख़ुलासा करेंगे.
इस ट्वीट के दो दिनों बाद आयकर विभाग के जांच विंग की तरफ़ से ही शर्मा के खिलाफ़ मामला दर्ज कराया गया. और उनके खिलाफ़ जांच शुरू हो गयी. साथ ही मीडिया में ख़बरें आयीं कि कला मंदिर ज्वेलर्स ने भी मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराने का दावा किया है.
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए शर्मा ने अहमदाबाद मिरर से कहा था,
“मुझे कुछ नहीं छिपाना है. अधिकारी मेरे घर की तलाशी ले रहे हैं. वो डरे हुए हैं और मुझे धमकाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैं उन अधिकारियों का नाम न लूं, जो इस घोटाले में शामिल हैं. मेरे पास सबूत हैं, और मैं जल्द ही नाम उजागर करूंगा.”
इसके अलावा अहमदाबाद मिरर से ही बातचीत में सूत्रों ने कहा है कि शर्मा को 1 अक्टूबर, 2020 से ही पूछताछ के लिए समन किया जा रहा था. लेकिन वो मौजूद नहीं हुए. साथ ही उन्होंने पत्र लिखा कि वो इस मामले की जांच CBI द्वारा करवाने की मांग करेंगे. आरोप है कि इसके बाद शर्मा ने मामले को भटकाने के लिए नोटबंदी और फ़्रॉड से जुड़ी बातों को सोशल मीडिया पर डालना शुरू कर दिया.
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