गुलाम नबी आजाद अब बीजेपी में चले जाएंगे? पद्म भूषण के ऐलान के बाद उठे सवाल
कुछ कांग्रेसी नेताओं ने आजाद को बधाई दी, कुछ ने कसा तंज!
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी से मिलीजुली प्रतिक्राएं आई हैं. एक तरफ जहां कुछ नेताओं ने उन्हें बधाई दी है, दूसरी तरफ उनके ऊपर तंज भी कसा गया है. सोशल मीडिया पर उनके बीजेपी में जाने की बातें भी होने लगी हैं. इस बीच खुद गुलाम नबी आजाद ने इस तरह के प्रयासों की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया,
"कनफ्जूजन फैलाने के लिए कुछ लोग प्रोपेगेंडा कर रहे हैं. मेरी ट्विटर प्रोफाइल पर ना तो कुछ जोड़ा गया है और ना ही कुछ हटाया गया है. प्रोफाइल पहले ही जैसी है."
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के ही दिग्गज नेता जयराम रमेश ने आजाद के ऊपर तंज कसा. उन्होंने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम के वरिष्ठ नेता बुद्धदेब भट्टाचार्य द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार ना लेने की घोषणा की खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, "सही किया. वो (बुद्धदेब भट्टाचार्य) आजाद रहना चाहते हैं, गुलाम नहीं."Some mischievous propoganda being circulated by some people to create confusion.
Nothing has been removed or added to my twitter profile. The profile is as it was earlier. — Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) January 25, 2022
Right thing to do. He wants to be Azad not Ghulam. https://t.co/iMWF00S9Ib — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2022वहीं दूसरी तरफ कपिल सिब्बल और शशि थरूर ने आजाद को बधाई दी. तिरुवनंतपुरम से पार्टी के सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा, "पद्म भूषण मिलने पर गुलाम नबी आजाद जी को बधाई. दूसरी विचारधारा की सरकार द्वारा लोगों की सेवा के लिए पहचान मिलना अच्छी बात है."
वहीं कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, "गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण. बधाई भाईजान. यह काफी विरोधाभासी है कि कांग्रेस को तब उनकी सेवाएं नहीं चाहिए, जब देश उनकी सेवा के लिए उन्हें पहचान दे रहा है."Warm congratulations to Shri @ghulamnazad on his Padma Bhushan. It is good to be recognized for one's public service even by a government of the other side. https://t.co/OIT0iVNPjo
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 25, 2022
Ghulam Nabi Azad conferred Padam Bhushan Congratulations bhaijan Ironic that the Congress doesn’t need his services when the nation recognises his contributions to public life — Kapil Sibal (@KapilSibal) January 26, 2022कपिल सिब्बल, शशि थरूर और गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी के उस G-23 ग्रुप का हिस्सा रहे हैं, जिसने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था. पत्र में पार्टी में सुधार के लिए कई बातें लिखी गई थीं. इनमें से एक प्रमुख बात पार्टी को स्थाई अध्यक्ष देने की भी थी. इस पत्र के चलते गांधी परिवार के वफादारों ने G-23 के नेताओं को सार्वजनिक तौर पर निशाना बनाया था. इस बीच यह भी कयास लगाए गए कि गुलाम नबी आजाद जल्द ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. खासकर तब, जब विपक्ष के नेता के तौर पर राज्यसभा में उनका आखिरी दिन था. अपने विदाई भाषण में आजाद ने खुले मन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी तारीफों के पुल बांधे थे. इस दौरान गांधी परिवार पर जानबूझकर आजाद का राज्यसभा कार्यकाल ना बढ़ाने का आरोप भी लगे.