नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक तस्वीर को लेकर सोमवार को सोशल मीडिया दो फाड़ हो गया. बीती 23 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक तस्वीर का अनावरण किया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई लोगों ने दावा किया है कि यह तस्वीर नेताजी की है ही नहीं. उनका कहना है कि ये तस्वीर असल में एक बंगाली फिल्म अभिनेता की है. वहीं, इस दावे को खारिज करने वालों का कहना है कि तस्वीर सुभाष चंद्र बोस की ही है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने भी आधिकारिक बयान देकर यह बात कही है. इसके बाद गलत दावा करने वालों ने ट्वीट हटाने शुरू कर दिए हैं. कुछ ने माफी भी मांगी है.
एक ट्वीट से छिड़ी बहस
दरअसल, डॉ. आदिल हुसैन नाम के एक ट्विटर यूजर ने राष्ट्रपति भवन के उस ट्वीट को रीट्वीट किया था, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी तस्वीर का अनावरण करते नजर आ रहे हैं. इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए आदिल हुसैन ने लिखा,
“देश का यह हाल है. भारत के राष्ट्रपति जिस तस्वीर का अनावरण कर रहे हैं, असल में वह नेताजी की है ही नहीं. मेरा भरोसा करिए. ये अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी हैं. प्रसेनजीत ने श्रीजीत मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘गुमनामी’ में नेताजी का किरदार अदा किया था.
Such is the state of affairs in this country. President of India unveils the official portrait of, yes believe me, of actor Prasenjit Chatterjee (Bumbada) and not Netaji at the Rashtrapati bhavan. Bumbada acted as Netaji in Srijit Mukherjee directed film Gumnaami.Hail the casting https://t.co/wJdo9snr3n
— Dr Adil Hossain (@adilhossain) January 25, 2021
आदिल हुसैन के इस दावे ने एक खास तबके को सक्रिय कर दिया. राष्ट्रपति ने बोस की नहीं, बल्कि किसी अभिनेता की तस्वीर का अनावरण कर दिया, ये मानकर मौजूदा केंद्र सरकार और उसके समर्थकों की आलोचना की जाने लगी. कुछ लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी नहीं बख्शा. इनमें बंगाल से तृणमूल की चर्चित सांसद महुआ मोइत्रा भी शामिल रहीं. उन्होंने तस्वीर पर तो टिप्पणी की ही, राम मंदिर के लिए चंदा देने को लेकर राष्ट्रपति कोविंद पर तंज भी कस दिया. मोइत्रा ने लिखा,
“राम मंदिर के लिए पांच लाख रुपये देकर राष्ट्रपति ने नेताजी को सम्मान देते हुए प्रसेनजीत की तस्वीर का अनावरण कर दिया. वो एक्टर जिसने उनका किरदार फिल्म में निभाया था. भगवान भारत की रक्षा करे (क्योंकि यह सरकार तो कतई नहीं कर सकती).
After donating ₹5 lakhs to the Ram temple the President honours Netaji by unveiling a portrait of Prasenjit, the actor who played him in biopic God Save India (because this government certainly can’t) https://t.co/RWnkZOP9BB — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 25, 2021
हालांकि अब ये दोनों ही ट्वीट आपको नहीं मिलेंगे. ऐसा इसलिए, क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जिस तस्वीर का अनावरण किया था, वह नेताजी की ही है. उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वह ट्वीट अभी भी बना हुआ है, जिसमें इस तस्वीर को पोस्ट किया गया था. वहीं, इसे लेकर छिड़ी बहस पर सरकार ने भी विराम लगा दिया है. उसने एक बयान जारी कर कहा है कि राष्ट्रपति भवन में लगाया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पोर्ट्रेट उनकी असली तस्वीर पर ही आधारित है. सरकार ने यह भी कहा, ‘यह पूरी बहस फर्जी है और खराब शोध पर आधारित है.’
“ऐसे तो लोग लक्ष्मीबाई को कंगना मानेंगे”
यह तो साफ हो गया है कि तस्वीर नेताजी की है. अब देखते हैं कि इस तस्वीर को लेकर ट्विटर पर किस प्रकार की प्रतिक्रियाएं आईं. मसलन किसी ने कहा कि ये नेताजी जैसे दिखते ही नहीं हैं. किसी ने कहा कि ये हूबहू उनकी तरह ही दिखते हैं. कुछ ने अन्य प्रकार की प्रतिक्रिया दी. वे बोले कि इस तरह से तो बच्चे देश के असली महापुरुषों को पहचान ही नहीं पाएंगे. लोगों ने सवालिया लहजे में तंज भी कसे. कहा कि क्या आगे चलकर लोग लक्ष्मीबाई की जगह (अभिनेत्री) कंगना रानौत को पहचानेंगे. किसी ने कहा कि ऐसे तो पीएम मोदी के नाम पर लोग विवेक ओबेरॉय को जानेंगे. इतना ही नहीं, तस्वीर को एडिट कर लोगों ने अभिनेता अजय देवगन की तस्वीर लगा दी और व्यंग्य किया कि ये भगत सिंह हैं.

बहरहाल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर हंगामा ऐसे समय में मचा है जब पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए माहौल हर दिन के साथ गर्म होता जा रहा है. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है. ऐसे में जानकार नेताजी की तस्वीर को लेकर हुए गैरजरूरी विवाद को चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं.
वीडियो – क्या उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद में सुभाष चंद्र बोस का कमरा है?