ब्रूस ली. महान मार्शल आर्टिस्ट, एक्टर, डायरेक्टर, स्क्रीनराइटर और भी बहुत कुछ. ब्रूस ली ने मार्शल आर्ट को दुनिया भर में पहचान दिलाई. ब्रूस अली को आज भी करोड़ों लोग अपना आदर्श मानते हैं. और उनकी फिल्मों को देखते हुए मार्शल आर्ट में अपना करियर बनाया है. और उन्हीं करोड़ों लोगों में एक फैसल अली डार भी हैं. जिन्हें भारत सरकार ने इस गणतंत्र दिवस पर पद्म श्री से सम्मानित किया है.
खेल जगत से कुल नौ दिग्गजों को पद्म श्री अवॉर्ड मिला है. जिसमें एक नाम फैसल अली डार का भी है. अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर ये फैसल अली डार है कौन? कभी नाम तो नहीं सुना. तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन हैं फैसल अली डार.
#Faisal Ali Dar
फैसल अली डार जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं. आतंकवाद प्रभावित बांदीपोरा जिले के रहने वाले हैं. फैसल कश्मीर में मार्शल आर्ट की अकैडमी चलाते हैं. वह लगभग 4000 बच्चों को फ्री में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी देते हैं. 33 साल के फैसल ब्रूस ली के बहुत बड़े फैन हैं. बचपन में उनकी खूब फिल्में देखी. ब्रूस ली से प्रभावित होकर ही फैसल ने मार्शल आर्ट में करियर बनाने का फैसला किया. और यहीं से उनका सफर भी शुरू हुआ. ब्रूस ली को याद करते हुए फैसल बताते हैं,
‘मैं बचपन में ‘गेम ऑफ डेथ’ और ‘एंटर द ड्रैगन’ फिल्म में ब्रूस ली के मूव्स की नकल किया करता था. इसके अलावा जैकी चेन की फिल्म ड्रंकन मास्टर और स्नैक इन द ईगल शैडो भी खूब देखी है. बचपन में लोकल पार्क में अपने दोस्तों को बुलाकर उनके मूव्स की प्रैक्टिस किया करता था. और चप्पल को किक के लिए टार्गेट बनाता था.’
पद्म श्री सम्मान पाने के बाद फैसल ने कहा,
‘ये मेरे लिए सम्मान की बात है. मेरा चार साल का बेटा है. और उसने कल रात में ही पद्म श्री बोलना सीखा है. ये मेरे, कश्मीर और पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि मुझे पद्म श्री मिला. मैं उस जिले से आता हूं, जहां स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर कुछ भी नहीं है. काफी पिछड़ा इलाका है. ये अवॉर्ड मुझे आगे बढ़ने के लिए और भी ज्यादा मोटिवेट करेगा.’
Many congratulations to Sh #FaisalAliDar on being selected for #Padmashri Award 2022.
With an aim to boost the Sports Sector in #Kashmir, Faisal Ali Dar inaugurated sports academy and trains about 4000 kids in different martial arts free of cost. pic.twitter.com/vh3CupBFJ3— Dept of Sports MYAS (@IndiaSports) January 25, 2022
बता दें कि फैसल ने साल 2003 में सबसे पहले वुशु में अपना करियर बनाने का फैसला किया. द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित कुलदीप हांडू से ट्रेनिंग ली. लेकिन वुशु में कामयाबी नहीं मिली. नेशनल लेवल पर एक भी मेडल नहीं जीत सके. इसके बाद उन्होंने किक बॉक्सिंग में करियर बनाया.
और साल 2010 में पुणे में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड भी जीता. लेकिन ज्यादा पहचान नहीं मिल पाने के कारण 2013 में किक बॉक्सिंग छोड़ दी. इसके बाद फैसल ने अकैडमी खोली और बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देनी शुरू की.
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