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'धर्म संसद' में भड़काऊ भाषण देने वालों की बढ़ीं मुश्किलें, दो और लोगों के खिलाफ FIR

हरिद्वार में हुए 'धर्म संसद' नाम के कार्यक्रम में एक समुदाय के नरसंहार के नारे लगे थे.

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हरिद्वार पुलिस ने महामंडलेश्वर धर्मदास (बाएं) और साध्वी अन्नपूर्णा (दाएं) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शिकायत दर्ज की है.
26 दिसंबर 2021 (Updated: 26 दिसंबर 2021, 08:49 IST)
Updated: 26 दिसंबर 2021 08:49 IST
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उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) में पिछले सप्ताह हुए 'धर्म संसद' नाम के कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने वालों की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. इस मामले में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने दो नाम और जोड़ दिए हैं. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के बाद अब दो और लोगों संत महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के खिलाफ केस दर्ज हो गया है. क्या है पूरा मामला? हरिद्वार में बीती 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया गया था. ये आयोजन जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अध्यक्षता में हुआ. बड़ी संख्या में साधु-संतों ने धर्म संसद में हिस्सा लिया था. इस धर्म संसद में कई विवादित विषयों पर चर्चा की गई. महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती समेत कई लोगों ने अल्पसंख्यकों पर आपत्तिजनक भाषण दिए. नरसंहार के नारे लगाए. इन विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इनमें धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, एक विशेष समुदाय के व्यक्ति को प्रधानमंत्री ना बनने देने और एक विशेष समुदाय की आबादी न बढ़ने देने का जिक्र है.
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद हरिद्वार पुलिस की प्रतिक्रिया सामने आई. हरिद्वार सीओ सिटी शेखर सुयाल का कहना है कि धर्म संसद में कुछ लोगों के विवादित बयानों के बाद FIR दर्ज की गई है. इसमें पुलिस को वीडियो भी मिले हैं. वीडियो को देखने के बाद पुलिस ने FIR में दो नाम और बढ़ाए हैं. इन सबके खिलाफ IPC की धारा 153 A (धर्म, भाषा, नस्ल आदि के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा है कि पुलिस का प्रयास है कि इन वीडियो को ज्यादा सर्कुलेट न होने दिया जाए, और सामाजिक सौहार्द बना रहे. क्या कहा था साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने? धर्म के नाम पर किए इस पूरे भड़काऊ आयोजन में साध्वी अन्नपूर्णा का बयान चर्चा का विषय बना था. अन्नपूर्णा ने कहा था,
"अगर हमारे धर्म, पर हिन्दुत्व पर खतरा मंडराएगा तो मैं कुछ भी नहीं सोचूंगी. भले ही मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों ना कर दो. मगर मैं शस्त्र उठाउंगी और मैं हिन्दुत्व को बचाउंगी. मेरे पास चाकू की औकात है तो चाकू लूंगी, मेरे पास तलवार की औकात है तो तलवार लूंगी, हमारे तो हाथ ही शेर के पंजे की तरह हैं अगर शस्त्र नहीं भी रहेगा तो मेरे पंजे ही फाड़ करके रख देंगे. इसके लिए हिम्मत जगानी है. यह एक सचेत होने वाला समय है."
अन्नपूर्णा भारती यहीं नहीं रुकी. उन्होंने आगे कहा-
“यह धर्म संसद नहीं है, जागरूकता है. ये मत सोचो, अगर आज भी हम काबिज हो गए, और आज भी हमने ठान लिया, अलख जगा लिया तो जो हम चाहते हैं वो हासिल होगा और इस्लामिक भारत नहीं ये हिन्दू राष्ट्र जल्द ही घोषित होगा, मैं अपने जीते जी इस्लामिक भारत बनने नहीं दूँगी, मार जाऊँगी या मार दूँगी. अपने आप को इतना सक्षम बनाएं, आबादी को आगे बढ़ाएं. कॉपी किताब रखो और हाथ में शस्त्र उठा लो."
धर्म संसद में भाषण देती साध्वी अन्नपूर्णा भारती
                                               धर्म संसद में भाषण देती साध्वी अन्नपूर्णा भारती

कार्रवाई के बाद सफाई इस पूरे मामले में अब पुलिस की कार्रवाई के बाद सफाई भी दी जा रही है. आरोपियों का समर्थन करने वालों का कहना है कि उन्होंने किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि जिहाद फैलाने वालों के खिलाफ भाषण दिया था. उनका कहना है कि अगर धर्म रक्षा के लिए कथित संतों को जेल भी जाना होगा, तो वो चले जाएंगे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि यह शर्मनाक है कि हरिद्वार हमारी तीर्थ नगरी है और उसमें बैठकर हम धर्म रक्षा की बात नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा,
"हम अपने उन बयानों पर कायम हैं. अगर कोई हमारी बहन का रेप करे तो क्या हम उसे मार नहीं डालेंगे? धर्म संसद में वक्ताओं ने ऐसे व्यक्तियों को मारने की बात की, न कि धर्म विशेष के बारे में, जो कि हमारे मित्र हैं."  
स्वामी आनंद स्वरूप ने यह भी कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता है.

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