रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रदर्शन में बवाल, दिल्ली पुलिस पर महिला डॉक्टर्स से बदसलूकी का आरोप
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से नाराज FORDA ने किया संस्थान बंद करने का ऐलान
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पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों पर फूलों की बौछार की गई थी, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी COVID-19 महामारी से निपटने को लेकर डॉक्टर्स के सम्मान में काफी कुछ कहा था. कोविड के दौरान तारीफ़ पाने वाले यही डॉक्टर्स आज अपने भविष्य को लेकर चिंतिति हैं. अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं, दिसंबर की सर्द रातें खुले आसमान के नीचे गुजार रहे हैं, लेकिन अब सत्ता के कानों तक इनकी आवाज नहीं पहुंच रही.
सोमवार 27 दिसंबर को जब इन रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दिल्ली के ITO पर विरोध मार्च निकाला तो कईयों को हिरासत में ले लिया गया. हालांकि, तगड़े विरोध के चलते कुछ देर बाद ही इन्हें छोड़ दिया गया. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान पुलिसकर्मियों पर डॉक्टर्स से मारपीट और महिला डॉक्टर्स से बदसलूकी करने के आरोप लगे. इससे नाराज करीब चार हजार डॉक्टर्स सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की. इस घटना के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने कहा है कि मंगलवार 28 दिसंबर से सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे. इतना ही नहीं FORDA की ओर से ये भी कहा गया है कि देश की चिकित्सा बिरादरी को इसकी निंदा करनी चाहिए और उसके समर्थन में आगे आना चाहिए.
वहीं, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया है कि ITO के पास रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध के दौरान कुल सात पुलिस वाले भी घायल हुए हैं. इन अधिकारियों ने ये भी बताया,
"पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने और विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए धारा-188 और अन्य धाराओं के तहत एक FIR दर्ज की गई है."
Thousands of doctors being detained at Sarojini Nagar Police Station!@rashtrapatibhvn @VPSecretariat @FordaIndia @IMAIndiaOrg @delhimediasso @ArvindKejriwal @SatyendarJain @INCIndia @AshishOnGround @AshishOnGround @IndiaToday @TheQuint @thewire_in @ndtv @ndtvindia @abplivenews pic.twitter.com/wPM4NDfbkX — RDA_UCMS & GTBH (@RdaUcms) December 27, 2021डॉक्टर्स के समर्थन में आई कांग्रेस डॉक्टर्स के समर्थन में कांग्रेस पार्टी भी खुलकर मैदान में उतर चुकी है और मोदी सरकार पर तीखे हमले बोल रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं. प्रियंका ने ट्वीट करके कहा,
''कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टर्स ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया. अब समय है पूरा देश डॉक्टर्स के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाएं. डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान और हक चाहिए."
कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 27, 2021प्रियंका से पहले सोमवार 27 दिसंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स के समर्थन में एक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था,
"फूल बरसाना दिखावे का PR था, असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं. केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं कोविड वॉरियर्स के साथ हूँ."
फूल बरसाना दिखावे का PR था, असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं #CovidWarriors के साथ हूँ।#NEETPG pic.twitter.com/lzmWjLrwMZ — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2021क्या है मामला? नीट पीजी काउंसलिंग 2021 (NEET PG COUNSELLING 2021) में हो रही देरी के कारण डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. देश में हर साल नीट पीजी (NEET-PG) के लिए जनवरी में एग्जाम होता है और मई तक डॉक्टर जॉइन कर लेते हैं. इस साल यानी 2021 में कोविड के चलते यह एग्जाम जनवरी में नहीं हो पाया. सितंबर में एग्जाम हुआ, रिजल्ट आ गया, लेकिन काउंसलिंग अभी तक नहीं हुई है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) मुताबिक अब मामला लगभग एक साल पीछे चला गया है. लगभग 45 से 47 हजार एमबीबीएस डॉक्टर पीजी करने के इंतजार में हैं. रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर क्यों? रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर होने की वजह उनपर बढ़ रहा प्रेशर है. PG का तीन साल का कोर्स होता है. काउंसलिंग न होने के चलते इस साल फर्स्ट ईयर में एडमिशन अभी तक नहीं हुए हैं. इससे सेकंड ईयर के डॉक्टर्स पर प्रेशर बढ़ गया है. उन्हें फर्स्ट ईयर का भी काम करना पड़ रहा है. इनकी एक चिंता यह भी है कि थर्ड ईयर के रेजिडेंट डॉक्टर्स का कोर्स पूरा होने वाला है, उनके जाने पर सेकंड ईयर वालों का काम और बढ़ जाएगा. इसे लेकर फोर्डा के जनरल सेक्रेट्री डॉ. सुनील अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा,
"जो भी रेजिडेंट डॉक्टर हैं, उन पर प्रेशर है. उनकी ट्रेनिंग प्रभावित हो रही है और काम का प्रेशर भी बढ़ रहा है. पीजी में हर साल अलग-अलग ट्रेनिंग होती है. प्रेशर की वजह से ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है. स्पेशलाइजेशन कोर्स में अगर ट्रेनिंग ही नहीं होगी तो इसका असर करियर पर पड़ सकता है. यही वजह है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स जो मेडिकल कॉलेज में हैं, वे नए स्टूडेंट्स के एडमिशन की मांग को लेकर स्ट्राइक करने पर मजबूर हैं."काउंसलिंग में देरी क्यों? इस साल नीट पीजी एग्जाम के नोटिफिकेशन के बाद सरकार ने नई रिजर्वेशन पॉलिसी लागू कर दी. इसमें EWS और ओबीसी क्राइटेरिया में कुछ बदलाव किया गया. इसका विरोध हुआ तो मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. NEET PG Counselling 25 अक्टूबर 2021 से शुरू होनी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने EWS कोटे की वैधता को लेकर इस पर रोक लगा दी. प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टर्स सरकार से जल्द काउंसलिंग के साथ-साथ कोर्ट की कार्रवाई भी तेजी से पूरा करने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम में इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को होनी है.