'जवाद तूफान' को लेकर देश के इन हिस्सों में अलर्ट जारी, राज्यों की क्या तैयारी है?
तूफान के चलते भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका.
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मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवाती तूफान 'जवाद' (Cyclone Jawad) को लेकर चेतावनी जारी की है. विभाग के मुताबिक, यह चक्रवाती तूफान 4 दिसंबर की सुबह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों से टकरा सकता है. विभाग ने बताया है कि तूफान के उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों के टकराने के बाद उत्तर और उत्तरपूर्वी पश्चिम बंगाल की तरफ जाने की आशंका है.
मौसम विभाग ने ये भी बताया कि चक्रवाती तूफान अभी विकसित नहीं हुआ है. विभाग का कहना है कि दक्षिणपूर्वी बंगाल की खाड़ी में 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं और निम्न दबाव धीरे-धीरे विकसित हो रहा है. चक्रवाती तूफान के विकसित होने के बाद ही इसे जवाद नाम से जाना जाएगा. इसे यह नाम सऊदी अरब ने दिया है. 'जवाद' अरबी भाषा का शब्द है. इसका अर्थ दयालू या उदार होना होता है. बताया जा रहा है कि यह पहले आ चुके तूफानों के मुकाबले कम खतरनाक होगा.
भारत के पूर्वी तट से टकराने वाला यह इस साल का तीसरा चक्रवाती तूफान होगा. इससे पहले मई में यास और सितंबर में गुलाब नाम के चक्रवाती तूफान पूर्वी तट से टकराए थे.
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है. विभाग का कहना है कि इन राज्यों में भारी बारिश होने की आशंका है. वहीं पश्चिम बंगाल में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं. विभाग के अनुसार, 6 दिसंबर से बारिश में कमी आएगी. इसी दिन से चक्रवाती तूफान उत्तरपूर्व की तरफ मुड़ जाएगा. इसके कारण असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के हिस्सों में बारिश हो सकती है. दूसरी तरफ, तूफान की आशंका के चलते ओडिशा के किसानों ने अपनी फसल समय से पहले काटनी शुरू कर दी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान ना केवल समय से पहले फसल काट रहे हैं, बल्कि कम कीमत पर बेच भी रहे हैं. ओडिशा में आमतौर पर धान की कटाई दिसंबर के मध्य में शुरू होती है और महीने के आखिर में किसान अपनी फसल मंडियों में बेचते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने राज्य में धान खरीद की कीमत 1,940 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, लेकिन फिलहाल किसान इसे 900 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बेच रहे हैं. सरकारों ने शुरू की तैयारियां इस बीच चक्रवाती तूफान की आशंका को देखते हुए ओडिशा सरकार ने इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. सरकार ने जहां एक तरफ मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया है, वहीं दूसरी तरफ प्रभावित होने जा रहे इलाकों में रिलीफ टीम और अधियारियों की नियुक्ति की गई है. इसके साथ ही लॉजिस्टिक संबंधी इंतजाम भी किए हैं. वहीं लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. राज्य के स्पेशल रिलीफ कमिश्नर पीके जेना ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि कुल 249 टीमों को तैयार रखा गया है. इनमें NDRF की 17, ODRAF की 60 और राज्य अग्निशमन विभाग की 172 टीमें शामिल हैं. इसी तरह दक्षिण बंगाल में भारी बारिश की आशंका के चलते तैयारियां की गई हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने NDRF और SDRF की दो-दो टीम तैनात करने का फैसला लिया है. इंडियन कोस्ट गार्ड ने भी अपने स्तर पर तैयारियां की हैं. न्यूज एजेंसी पीटाआई की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के मुख्यंमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के उत्तर में पड़ने वाले तीन तटीय जिलों के अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, रेड्डी ने श्रीकाकुलम, विजियानगरम और विशाखापट्टनम जिलों के जिलाधिकारियों से बात की है और उन्हें समय रहते तैयारी करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने बचाव और राहत कैंप बनाने के भी आदेश दिए हैं. दूसरी तरफ NDRF की तरफ से तमिलनाडु एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी टीमें तैनात की गई हैं. NDRF की तरफ से कुल 62 टीमों की तैनाती की गई है.DD over westcentral Bay of Bengal lay centered near Lat. 14.0°N and Long. 86.0°E, at 0830IST of 03rd December, to intensify into a Cyclonic Storm during next 06 hours & reach west-central Bay of Bengal off north Andhra Pradesh – south Odisha coasts by tomorrow, the 4th morning. pic.twitter.com/Vi8KvwRK97
— India Meteorological Department (@Indiametdept) December 3, 2021
NDRF Deploys 62 Teams across Andhra Pradesh, Odisha, West Bengal, Tamil Nadu and A&N Islands in view of impending Cyclone JAWAD@ndmaindia@PMOIndia@HMOIndia@BhallaAjay26@PIBHomeAffairs@ANI@PTI_News@DDNewslive@DDNewsHindi pic.twitter.com/FpRwp3iVwg — NDRF 🇮🇳 (@NDRFHQ) December 1, 2021इससे एक दिन पहले यानी दो दिसंबर को पूर्व तटीय रेलवे ने चक्रवाती तूफान की आशंका के चलते कुल 95 ट्रेनों को तीन दिन के लिए रद्द कर दिया. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने एक बैठक में अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं.