लोकपाल के न्यायिक सदस्य और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की दो मई को मौत हो गई.जस्टिस त्रिपाठी पिछले महीने ही कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे. तबसे लगातार उनका एम्स-दिल्ली के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा था. शनिवार रात को हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई.
एम्स के ट्रॉमा सेंटर में अप्रैल के पहले हफ्ते से ही सिर्फ कोविड पॉज़िटिव मरीज़ों का इलाज चल रहा है. जस्टिस त्रिपाठी को भी यहीं भर्ती कराया गया था. लेकिन लगातार इलाज के बाद भी उनकी हालत में कुछ ख़ास सुधार नहीं हो रहा था. इसके बाद उन्हें करीब 3-4 दिन पहले ही आईसीयू में शिफ्ट किया गया. वे वेंटिलेटर पर थे.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साथ वकालत की थी
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करके जस्टिस त्रिपाठी की मौत पर दुख जताया. लिखा- “जस्टिस अजय त्रिपाठी के निधन से काफी दुख पहुंचा है. वे पटना और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सम्मानित जज रहे. मैंने पटना में उनके साथ वकालत की थी. उनकी पत्नी अलका त्रिपाठी और पूरे परिवार के साथ मेरी संवेदना है.”
Deeply condole the sad demise of Justice Ajay Kumar Tripathi Member (Judicial) Lokpal.
He was a distinguished judge of Patna High Court & Chief Justice of Chhattisgarh HC. We had practiced together in Patna HC too.
Sincere condolences to his wife Alka Tripathi & entire family.— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 2, 2020
करप्शन के ख़िलाफ बनी समिति के सदस्य थे
जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष की अध्यक्षता में बनी चार न्यायिक सदस्यों वाली एंटी करप्शन लोकपाल समिति में जस्टिस त्रिपाठी भी शामिल थे. 23 मार्च 2019 को उनकी इस समिति में नियुक्ति हुई थई.
– अक्टूबर-2006 में जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी पटना हाईकोर्ट के एडिशनल जज के पद पर नियुक्त हुए थे.
– जुलाई-2018 में वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे.
– प्रैक्टिस 1981 में पटना हाईकोर्ट से शुरू की थी. यानी जस्टिस त्रिपाठी को वकालत में करीब-करीब 39 साल का अनुभव था.
दफ्तर अच्छे से सैनिटाइज़ नहीं हुआ, तो अधिकारी दरवाज़े से ही लौट गए!