लद्दाख की गलवान घाटी. भारत-चीन तनाव के बीच 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हुए. इसके बाद डीएस्केलेशन की बात हुई. मतलब सैनिक पीछे हटें. ख़बरें आईं कि गलवान में चीन पीछे हटने लगा, लेकिन एक जगह फिर उसने गतिविधियां ज्यादा बढ़ा दी हैं. वो जगह है पैंगोंग त्सो झील. मई महीने में 5-6 तारीख को इसी झील के किनारे झड़प हुई थी. इसके बाद कई झड़पों के बाद विवाद बढ़ता ही गया. अब इंडिया टुडे को मिलीं एक्सक्लूसिव सैटेलाइट इमेज के मुताबिक, झील के किनारे फिंगर 4 से 6 के बीच टेंट दिख रहे हैं, जो चीन के बताए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन यहां बिल्डअप कर रहा है.
ये हाई डेफिनिशन सैटेलाइट तस्वीरें सैट इंटेल एनालिस्ट नेथन रूज़र ने पब्लिश की हैं और ‘इंडिया टुडे’ से साझा की हैं. फिंगर 4 पर इस इमेज में चीन की पोजिशन देखी जा सकती है.

LAC और फिंगर्स की स्थिति
फिंगर्स झील के किनारे की पहाड़ियां हैं, जो उंगलियों की तरह झील की तरफ जाती दिखती हैं. भारत का स्टैंड रहा है कि पैंगोंग झील पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) फिंगर 8 से गुजरती है. पहले भारत के सैनिक यहां तक पैट्रोलिंग भी करते थे, लेकिन फिंगर 4 के आगे ज़्यादा एक्टिव कंट्रोल नहीं रहा. 2017 में चीन के सैनिक यहां तक आ गए थे.
चीन दावा करता है कि LAC फिंगर 2 से गुजरती है. वो फिंगर 4 तक पैट्रोलिंग करते रहे हैं. मई में जो झड़प हुई थी, वो फिंगर 5 पर हुई थी. फिलहाल फिंगर 2 पर भारतीय सेना है और फिंगर 4 पर चीन की हलचल बढ़ गई है. इससे तनाव बढ़ सकता है. नीचे के मैप पर फिंगर्स की स्थिति समझें.

भारतीय सेना भी पैंगोंग इलाके में मौजूद
‘इंडिया टुडे’ के डिफेंस जर्नलिस्ट शिव अरूर ने आर्मी सूत्रों के हवाले से बताया कि भारतीय सेना भी पैंगोंग इलाके में पर्याप्त संख्या में मौजूद है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 दिनों की सैटेलाइट इमेज और एनालिसिस से पता चलता है कि न सिर्फ चीन ने यहां टेंट लगा रखे हैं, बल्कि फिंगर 4 की रिजलाइन पर पिलबॉक्स (हथियारों के बंकर) भी बना रखे हैं. आर्मी के सूत्रों का कहना है कि सीने तक ऊंची कुछ डेफेंसिव दीवारें भी उन्हें दिखी हैं.
Re-upping my main reports/shows so far on the Chinese encroachments in Pangong sector:
1. June 18 / https://t.co/ZB3ozP33IB
2. June 20 / https://t.co/QN8PrIYVLj
3. June 22 / https://t.co/Agrdn3QoAc
4. June 23 / https://t.co/DgK1FcPhYX
5. June 24: https://t.co/RsHspJPigg pic.twitter.com/T6dMCNjDPZ— Shiv Aroor (@ShivAroor) June 26, 2020
पैंगोंग झील पर फिर से चीन की गतिविधि बढ़ने से इसे चीन की तरफ से ‘स्टेटस को’ (यथास्थिति) बदलने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे इसी हफ्ते दो दिन पूर्वी लद्दाख में रहे और उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को स्थिति की जानकारी दी. लद्दाख में जनरल नरवणे ने पैंगोंग इलाके में सैनिकों से मुलाकात की. गलवान घाटी में 15 जून को घायल हुए सैनिकों का भी हाल-चाल जाना.
दूसरी जगहों पर भी चीन की हलचल
इसके अलावा चीन दौलत बेग ओल्डी (DBO) और देपसांग सेक्टर में भी दखल बढ़ा रहा है. ‘इंडिया टुडे’ के मंजीत सिंह नेगी की रिपोर्ट के मुताबिक, LAC के पास स्थित DBO इलाके में पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से 13 के बीच चीन, भारतीय जवानों के लिए दिक्कत बढ़ा रहा है.
‘इंडिया टुडे’ के सूत्र का कहना है,
दौलत बेग ओल्डी (DBO) सेक्टर में चीन भारत के लिए परेशानियां खड़ी करना चाहता है. वो हमारे पेट्रोल्स के रास्तों को ब्लॉक कर रहा है, उन्हें पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से 13 तक नहीं पहुंचने दे रहा. ये कारवां नदी घाटी से सटे हुए हैं और DBO सेक्टर में इंडियन बटालियन के पास हैं.
चीन के बेस के पास कैंप और वाहन देखे गए हैं. चीन की ओर से ये बेस 2016 से पहले ही बनाए गए थे, लेकिन इस महीने सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि यहां पर नए कैंप और वाहनों के लिए ट्रैक बनाए गए हैं. ज़मीनी ट्रैकिंग के जरिए भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. देपसांग वो इलाका है, जहां पर चीन की सेना ने 2013 में घुसपैठ की थी.
भारत और चीन की सेना के बीच दूसरे दौर की बातचीत कहां फंस रही?