CDS बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच रिपोर्ट में सच सामने आ गया है
फ्लाइड डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर के विश्लेषण से क्या पता चला?
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CDS जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. इस घटना की जांच करने वाले कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि CDS बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के पीछे कोई तकनीकी गड़बड़ी या साजिश नहीं थी. रिपोर्ट के मुताबिक ये दुर्घटना खराब मौसम में हेलीकॉप्टर के बादलों से टकराने के कारण हुई थी.
इंडिया टुडे से जुड़े अभिषेक भल्ला की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने अपने एक बयान में ये जानकारी दी है. बयान में कहा गया है,
"घाटी के मौसम में अप्रत्याशित बदलाव हुआ था. ऐसी स्थिति में हेलीकॉप्टर के बादलों में प्रवेश करने के चलते हादसा हुआ. बादलों में जाने से पायलट भटक गया, जिसके परिणामस्वरूप उसने हेलीकॉप्टर से नियंत्रिण खो दिया और ये हादसा हुआ."IAF ने कहा है कि ट्राई सर्विसेज कोर्ट ने हेलीकॉप्टर के फ्लाइड डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया है. उसने हादसे के पीछे मकैनिकल फेलियर, जानबूझकर की गई गड़बड़ी या लापरवाही होने की बात को खारिज किया है. ये पहली बार है जब भारतीय वायु सेना ने आधिकारिक तौर पर जांच के निष्कर्षों को सामने रखा है. खबर के मुताबिक इनके आधार पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है. इस ट्राई-सर्विस जांच का नेतृत्व एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने किया है. 8 दिसंबर, 2021 यानी घटना वाले दिन ही एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जांच बिठा दी गई थी. जांच के दौरान इनवेस्टिगेशन टीम ने दुर्घटना के संभावित कारणों को निर्धारित करने के लिए सभी मौजूद गवाहों से पूछताछ की. साथ ही फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण भी किया. इसी महीने की शुरुआत में टीम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंपे थे. 8 दिसंबर को हुआ था हादसा
घटना 8 दिसंबर 2021 की है. उस दिन सीडीएस बिपिन रावत Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर से तमिलनाडु के वेलिंग्टन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे. लेकिन रास्ते में पर्वतीय नीलगिरि जिले के कुन्नूर में ही चॉपर हादसे का शिकार हो गया. हादसा घने कोहरे के बीच नंजप्पनचथिराम इलाके में हुआ था. क्रैश होने के बाद हेलिकॉप्टर में भीषण आग लग गई थी. इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी.Tri-Services Court of Inquiry into the Mi-17 V5 accident on 08 Dec 21 (which killed CDS Rawat & others) in its preliminary findings analysed Flight Data Recorder and Cockpit Voice Recorder; has ruled out mechanical failure, sabotage or negligence as a cause of the accident: IAF
— ANI (@ANI) January 14, 2022